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Russia Ukraine War : रूस ने लॉन्‍च किया ‘रहस्‍यमयी’ मिलिट्री सैटेलाइट, आखिर क्‍या है तैयारी?

Russia Ukraine War : लगभग 150 किलोग्राम वजन वाला ‘EMKA-3 स्काईवर्ड’ सैटेलाइट पृथ्वी से लगभग 300 किलोमीटर ऊपर अपना कक्षा में है। यह नहीं पता चल पा रहा है कि रूसी स्‍पेसक्राफ्ट वहां क्‍या कर रहा है।

Russia Ukraine War : रूस ने लॉन्‍च किया ‘रहस्‍यमयी’ मिलिट्री सैटेलाइट, आखिर क्‍या है तैयारी?

Russia Ukraine War : स्‍पेसक्राफ्ट और उसके साथ गए पेलोड के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है।

ख़ास बातें
  • इस सैटेलाइट ने अपना काम शुरू कर दिया है
  • इसे यूक्रेन युद्ध से जोड़कर देखा जाना स्‍वाभाविक है
  • रूस अबतक ऐसे 3 स्‍पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष में भेज चुका है
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यूक्रेन के साथ कई महीनों से युद्ध लड़ रहा रूस (Russia Ukraine War) आगे क्‍या करने वाला है, इस पर पूरी दुनिया की नजर है। रूस ने शनिवार को एक छोटा मिलिट्री सैटेलाइट लॉन्च किया है। इस ‘रहस्‍यमयी' सैटेलाइट का क्‍या मकसद है, यह जानकारी फ‍िलहाल नहीं है। पिछले एक सप्ताह से भी कम समय में रूस ने 3 ऑर्बिटल मिशन अंतरिक्ष में भेजे हैं। जानकारी के अनुसार, अंगारा रॉकेट ने शनिवार दोपहर 3:55 बजे उत्तर पश्चिमी रूस के प्लासेत्स्क कोस्मोड्रोम से उड़ान भरी। रूस की स्‍पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस (Roscosmos) ने टेलीग्राम अपडेट में बताया कि रॉकेट अपने साथ ‘EMKA-3 स्काईवर्ड' नाम का एक छोटा सैटेलाइट ले जा रहा है। 

स्‍पेसडॉटकॉम की रिपोर्ट के अनुसार, इस स्‍पेसक्राफ्ट ने अपना काम शुरू कर दिया है। हालांकि दुनिया इस बात से अनजान है कि रूसी मिलिट्री सैटेलाइट आखिर किस मकसद से लॉन्‍च किया गया है। इसे यूक्रेन युद्ध से जोड़कर देखा जाना स्‍वाभाविक है। रूसी स्‍पेस एजेंसी के मुताबिक, इस स्‍पेसक्राफ्ट को सीरियल नंबर ‘कॉसमॉस -2560' दिया गया है। एजेंसी की ओर से बताया गया है कि स्‍पेसक्राफ्ट के साथ एक स्‍टेबल टेलीमेट्री कनेक्शन सेटअप किया गया है। इसके ऑनबोर्ड सिस्टम नॉर्मल मोड में काम कर रहे हैं।

लगभग 150 किलोग्राम वजन वाला  ‘EMKA-3 स्काईवर्ड' सैटेलाइट पृथ्वी से लगभग 300 किलोमीटर ऊपर अपना कक्षा में है। यह नहीं पता चल पा रहा है कि रूसी स्‍पेसक्राफ्ट वहां क्‍या कर रहा है। स्‍पेसक्राफ्ट और उसके साथ गए पेलोड के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। हालांकि EMKA सीरीज को ऑप्टिकल रीकानिसन्स स्‍पेसक्राफ्ट माना जाता है, जिसका मतलब यह माना जाना चाहिए कि स्‍पेसक्राफ्ट कोई जासूसी कर रहा है। वैसे, यूक्रेन युद्ध की वजह से इस पर भरोसा किया जा सकता है। 

बताया जाता है कि रूस अबतक ऐसे 3 स्‍पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष में भेज चुका है। पहला जासूसी उपग्रह अप्रैल 2018 में लॉन्‍च किया गया था। उसे ‘कॉसमॉस 2525' कहा गया था। उस स्‍पेसक्राफ्ट ने ऑर्बिट में लगभग 3 साल बिताए। उसके बाद 2 सितंबर 2021 और अप्रैल 2022 में भी ऐसे लॉन्‍च हुए थे। हालांकि ये स्‍पेसक्राफ्ट ज्‍यादा समय तक अंतरिक्ष में नहीं रहे और जल्‍द पृथ्‍वी पर गिर गए। 

यह क्‍लीयर नहीं है कि  ‘EMKA-3 स्काईवर्ड' पिछले सैटेलाइट्स का रिप्‍लेसमेंट है या पिछले सैटेलाइट एक डमी प्रोग्राम थे। शनिवार को हुआ लॉन्‍च रूस के ‘अंगारा 1.2' रॉकेट के लिए दूसरा लॉन्‍च था। यह एक लाइटवेट रॉकेट है, जिसने पिछले अप्रैल में सैन्य मिशन की शुरुआत की थी। अंगारा रॉकेट सीरीज की मदद से अबतक 6 लिफ्टऑफ किए जा चुके हैं। 
 

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