हमारी आकाशगंगा से आ रहा रेडियो सिग्‍नल, साइंटिस्‍ट हैरान

पल्सर एक रोटेटिंग (घूर्णन) न्यूट्रॉन तारा है, जिसमें नियमित अंतराल पर रेडिएशन होता है।

हमारी आकाशगंगा से आ रहा रेडियो सिग्‍नल, साइंटिस्‍ट हैरान

Photo Credit: Instagram/Nasa

रिसर्चर्स ने इस रहस्‍यमयी सिग्‍नल को 'GLEAM-X J162759.5-523504.3' नाम दिया है।

ख़ास बातें
  • पल्सर एक रोटेटिंग (घूर्णन) न्यूट्रॉन तारा है
  • इसमें नियमित अंतराल पर रेडिएशन होता है
  • यह कुछ मिलीसेकंड से सेकंड तक होता है
विज्ञापन
हमारी आकाशगंगा यानी ‘मिल्‍की वे' के छुपे हुए रहस्‍य वैज्ञानिकों समेत पूरी दुनिया को हैरान करते हैं। अब वैज्ञानिकों ने आकाशगंगा से निकलने वाले एक रहस्यमयी रेडियो सिग्नल का पता लगाया है। इस सिग्‍नल ने वैज्ञानिकों को आश्‍चर्य में डाल दिया है। उनका कहना है कि संभवत: यह सिग्‍नल एक सफेद बौने पल्सर से निकल रहा है। पल्सर एक रोटेटिंग (घूर्णन) न्यूट्रॉन तारा है, जिसमें नियमित अंतराल पर रेडिएशन होता है। यह कुछ मिलीसेकंड से सेकंड तक होता है। रिसर्चर्स ने इस रहस्‍यमयी सिग्‍नल को 'GLEAM-X J162759.5-523504.3' नाम दिया है। वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के जोनाथन काट्ज ने अपने रिसर्च पेपर में इस रहस्‍यमयी सिग्नल की विशेषताओं के बारे में लिखा है कि पल्‍सर एस्‍ट्रोनॉमी के शुरुआती दिनों से ही पल्सर जैसी गतिविधि दिखाने वाले एक रोटेटिंग मैग्‍नेटिक वाइट तारे के बारे में अटकलें लगाई जाती रही हैं।

पल्सर बहुत तेजी से घूमते हैं और इस तरह से कोण बनाते हैं कि चुंबकीय ध्रुवों से रेडियो तरंगों की किरणें हर चक्कर में पृथ्वी के ऊपर से गुजरती हैं। वैज्ञानिक आश्‍चर्यचकित हैं कि क्या सफेद बौने स्‍टार्स में भी ऐसा ही व्यवहार देखा जा सकता है। जोनाथन काट्ज ने अपना रिसर्च पेपर प्रीप्रिंट सर्वर arXiv पर अपलोड कर दिया है। इसका रिव्‍यू होना अभी बाकी है। 

यह सिग्‍नल जहां से आता है, वह पृथ्वी से लगभग 4,000 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है। इस ऑब्‍जेक्‍ट के बारे में कई वैज्ञानिकों ने स्‍टडी की है। इनमें ऑस्ट्रेलियाई रिसर्चर्स भी शामिल हैं, जिन्होंने पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में स्थित मर्चिसन वाइडफील्ड एरे नाम के टेलीस्‍कोप का इस्‍तेमाल करके इसकी खोज की थी। जनवरी और मार्च 2018 के बीच टेलीस्कोप द्वारा जुटाए गए डेटा में प्रत्येक 18.18 मिनट में लगभग 30 से 60 सेकंड के लिए इस ऑब्‍जेक्‍ट को तेज गति से स्पंदित होते हुए दिखाया गया है। 

तारों से जुड़ी एक और खबर हमने आपको बीते दिनों बताई थी। जब किसी तारे में विस्‍फोट होता है, तो वह बहुत अधिक चमकदार हो जाता है। इसे सुपरनोवा कहते हैं। यूरोपियन सदर्न ऑब्जर्वेटरी (ESO) ने कार्टव्हील आकाशगंगा में हुए एक विस्फोट को तस्‍वीरों में कैद किया है। यह विस्‍फोट एक तारे में हुआ। इस सुपरनोवा का नाम SN2021afdx है, जिसे टाइप II सुपरनोवा के तौर पर पहचाना गया है। इस प्रकार का सुपरनोवा तब बनता है, जब एक बड़े तारे का ईंधन यानी फ्यूल खत्म हो जाता है। यह ईंधन तारे के गुरुत्‍वाकर्षण के लिए जरूरी होता है और उसे ढहने से बचाता है। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

गैजेट्स 360 स्टाफ The resident bot. If you email me, a human will respond. और भी
Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. 250W पावर वाला साउंडबार Portronics Sound Slick X भारत में Rs 7,999 में लॉन्च, जानें खास फीचर्स
  2. OnePlus Pad 2 Pro आया Oppo वेबसाइट पर नजर, 16GB रैम, 12,140mAh बैटरी के साथ 13 मई को होगा लॉन्च!
  3. Leica ने नया कैमरा M11-P Safari एडिशन किया लॉन्च, 256GB स्टोरेज, BSI CMOS सेंसर से लैस, जानें कीमत
  4. "आपके डिवाइस में वायरस है!" ऐसे स्कैम Google Chrome पर अब नहीं करेंगे परेशान, कंपनी की बड़ी तैयारी
  5. Free Fire Max Redeem Codes 11 May 2025: जारी हुए नए रिडीम कोड, FREE में पाएं नए हथियार, रिवार्ड कॉइन
  6. PwC ने 1500 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला, 1 साल के अंदर दूसरी बड़ी छंटनी!
  7. MG Motor को Windsor PRO EV के लॉन्च के 1 दिन के अंदर मिली 8,000 से ज्यादा बुकिंग्स
  8. Samsung के ट्रिपल-फोल्ड स्मार्टफोन में हो सकता है सिलिकॉन-कार्बन बैटरी का इस्तेमाल
  9. 1 लाख से ज्यादा पहाड़ दबे हैं समुद्र में! NASA का नया खुलासा
  10. भारत-पाक तनाव: बैंकिंग से लेकर बीमा तक, ATM, UPI सर्विस के लिए बैंकों को सरकार ने जारी किया अलर्ट
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »