पिंक मून (Pink Moon) के नाम से मशहूर अप्रैल की पूर्णिमा की चांद आज भारत समेत कई देशों में देखा जा सकेगा। यह एक सुपरमून (Super Moon) है। सुपरमून उस स्थिति को कहा जाता है, जब चंद्रमा की कक्षा पृथ्वी के सबसे करीब होती है। वैज्ञानिक नजरिए से समझें तो चंद्रमा आज के दिन पृथ्वी की कक्षा में अपने निकटतम बिंदु पेरिगी पर पहुंच जाएगा। इसकी वजह से वह आम पूर्णिमा के मुकाबले सामान्य से थोड़ा बड़ा दिखाई देगा।
द वेदर चैनल की
रिपोर्ट के अनुसार, पिंक मून की शुरुआत भारतीय समय के अनुसार, 6 अप्रैल को सुबह 10 बजकर 07 मिनट से हो जाएगी। यह समय बीत गया है और सूर्य की चकाचौंध के कारण भारत में पूर्णिमा के चांद को उगते हुए देखा नहीं जा सका है। हालांकि शाम को पूर्णिमा का खास नजारा लोग देख सकेंगे। इसे बिना दूरबीन के देखा जा सकता है, बशर्ते कि इलाके का मौसम साफ हो।
बताया जा रहा है कि पूर्णिमा का चांद भारत समेत अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस आदि देशों में नजर आएगा। हिंदू धर्म में आज की पूर्णिमा की काफी अहमियत है। आज देशभर में हनुमान जयंती भी मनाई जा रही है। हालांकि जो लोग पिंक मून के मौके पर गुलाबी चांद देखने की उम्मीद लगाए बैठे हैं, उन्हें खुद को दिलासा देने की जरूरत है।
पिंक मून का मतलब यह कतई नहीं है कि आज चांद गुलाबी ही नजर आएगा।
बताया जाता है कि यह नाम अमेरिकी कल्चर से निकलकर आया है। वहां हर पूर्णिमा को किसी ना किसी नाम से पुकारा जाता है जैसे- वूल्फ मून। कई अन्य जातियों ने भी अप्रैल की पूर्णिमा को स्थानीय नाम दिए हैं। अल्गोंक्विन लोग इसे ‘ब्रेकिंग आइस मून' कहकर पुकारते हैं, क्योंकि इस सीजन में बर्फ पिघलने लगती है।
कई लोग इस तरह के आयोजनों को लाइव ऑनलाइन देखना चाहते हैं, लेकिन पिंक मून के लिए उन्हें यह मौका नहीं मिलने वाला है।
द वर्चुअल टेलिस्कोप प्रोजेक्ट आज पिंक मून को लाइव टेलिस्काट करने वाला था, लेकिन मौसमी खराबी के कारण यह संभव नहीं हो पाया है।