क्या पृथ्वी से बाहर जीवन की तलाश
बृहस्पति ग्रह (Jupiter) के चंद्रमा पर पूरी हो सकती है।
नासा (Nasa) के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (James Webb Space Telescope) की मदद से वैज्ञानिकों को एक बड़ा सुराग हाथ लगा है। उन्होंने बृहस्पति के चंद्रमा यूरोपा (Europa) की बर्फीली सतह पर कार्बन डाइऑक्साइड का पता लगाया है। निष्कर्षों से यह भी मालूम हुआ है कि यूरोपा पर कार्बन डाई ऑक्साइड की उत्पत्ति उसके महासागरों से हुई है ना कि उल्कापिंडों या बाहरी सोर्सेज के कारण। इसका मतलब है कि
यूरोपा के महासागर जीवन की संभावना को बनाए रख सकते हैं और वैज्ञानिकों को इस पर और रिसर्च करने की जरूरत है।
यूरोपा हमारे वैज्ञानिकों के लिए काफी अहम है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी कई मिशनों के जरिए बृहस्पति के सबसे बड़े चंद्रमाओं में से एक को टटोल रही है। यहां खारे तरल पानी का विशाल उपसतह महासागर (subsurface ocean) मौजूद हो सकता है। इस वजह से यह जीवन की खोज के लिए वैज्ञानिकों की लिस्ट में प्रमुख स्थान रखता है।
अबतक यह पता नहीं था कि यूरोपा के महासागर में जीवन की मौजूदगी के प्रमुख केमिकल में से एक कार्बन मौजूद है या नहीं। नई खोज से यूरोपा की सतह और उसके सबसर्फेस ओसियन के बीच कनेक्शन का भी संकेत मिलता है। नासा की रिपोर्ट में बताया गया है कि यूरोपा के तारा रेगियो (Tara Regio) नामक इलाके में कार्बन डाइऑक्साइड सबसे ज्यादा मात्रा में मिला है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि इस खोज से यह तय करने में मदद मिलेगी कि क्या यूरोपा जीवन की मौजूदगी का पता लगाने के लिए बेहतर हो सकता है। वैज्ञानिक यह मान रहे हैं कि यह जीवन के लिए एक अच्छी जगह हो सकती है। मौजूदा खोज भविष्य के मिशनों को भी मदद करती सकती है। .
नासा ने साल 2024 में यूरोपा क्लिपर मिशन को लॉन्च करने की योजना बनाई है। यह मिशन यूरोपा को और अच्छे से टटोलेगा। यह पता लगाएगा कि यूरोपा में जीवन की कितनी संभावना मौजूद है।