दूसरी दुनिया की खोज में लगे अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को एक महत्वपूर्ण सफलता मिली है। वैज्ञानिकों ने धरती की ही तरह दिखने वाले एक नए ग्रह की खोज की है। ये ग्रह G2 नाम के सितारे की परिक्रमा कर रहा है और इन दोनों के बीच भी उतनी ही दूरी है, जितनी पृथ्वी और सूर्य के बीच। G2 सूर्य की तरह ही एक सितारा है।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने एक बयान जारी कर बताया कि ये ग्रह ना तो बहुत ज़्यादा ठंडा है और ना ही बहुत ज़्यादा गर्म। इसलिए ग्रह पर जीवन की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता। इस ग्रह की खोज केपलर टेलिस्कोप (Kepler 452b) की मदद से की गई है, जो साल 2009 से दूसरी दुनिया की खोज में लगा हुआ है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, ये नया ग्रह हमारी पृथ्वी से 1,400 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है।
NASA ने बताया कि इस नए ग्रह पर जीवन के लिए पर्याप्त परिस्थितियां मौजूद हैं। इस ग्रह पर समुद्र व ज्वालामुखी भी हैं और इसका गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी से दोगुना है। ये अपने सूर्य का एक चक्कर 385 दिनों में पूरा करता है। वैज्ञानिकों ने पाया है कि इस ग्रह के कई स्वभाव पृथ्वी से मेल खाते हैं। इसे पृथ्वी का 'बड़ा भाई' और G2 को सूर्य का 'भाई' करार दिया गया है।
साल 2009 में शुरू किए गए केपलर मिशन का मकसद पृथ्वी के समान दूसरे ग्रह को खोजना था। इस खोज के दौरान वैज्ञानिकों को कई नए ग्रह और खगोलीय घटनाएं देखने को मिलीं। इस पूरे मिशन में अब तक NASA करीब 600 मिलियन डॉलर यानी कि लगभग 3,836 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है।
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