ब्रह्मांड अनंत है और इसमें रोज ऐसी अनगिनत घटनाएं होती हैं जिन सभी के बारे में पता लगाना संभव नहीं है। लेकिन भारत के वैज्ञानिकों ने ब्रह्मांड की एक महत्वपूर्ण घटना के बारे में खोज की है जिसकी मदद से आने वाले समय में ब्रह्मांड के कई रहस्यों से पर्दा उठ सकता है। नैनीताल में आर्यभट्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एनवॉयरमेंटल साइंसेज (ARIES) के वैज्ञानिकों ने रोम के साइंटिस्ट्स के साथ मिलकर 1 अरब प्रकाश वर्ष की दूरी पर हुए एक बड़े ब्रह्मांडीय विस्फोट के बारे में खोज की है।
वैज्ञानिकों ने न्यूट्रॉन स्टार की टक्कर से होने वाले विस्फोट के बारे में पता लगाया है। यह गामा किरणों द्वारा हुआ विस्फोट है जिसे गामा रे बर्स्ट या GRB भी कहते हैं। जैसा कि पहले बताया गया है, यह 1 अरब प्रकाश वर्ष दूर स्थित है, यानि कि आकाशगंगा के दूसरे छोर पर हुआ विस्फोट है। इसे
एरीज की डाट दूरबीन से खोजा गया है। खोज नेचर डॉट कॉम में भी
प्रकाशित हुई है। वैज्ञानिक कह रहे हैं कि इस विस्फोट के बारे में अध्य्यन करने से गामा रे विस्फोट को समझने में काफी मदद मिलेगी। संस्थान में खोजी टीम को लीड कर रहे डॉक्टर शशिभूषण पांडेय के अनुसार, यह यूनिवर्स की सबसे हैरान कर देने वाली घटना है। इस घटना को एक खास नाम GRB 211211A दिया गया है। वैज्ञानिकों ने इसे 3.6 मीटर की
ऑप्टिकल दूरबीन डॉट से खोजा है, साथ ही हब्बल टेलीस्कोप से भी इस पर निगरानी की जा रही है।
एरीज की 3.6 डॉट दूरबीन
Photo Credit: ARIES
डॉक्टर शशिभूषण पांडेय का कहना है कि यूनिवर्स में ऐसी भयंकर विस्फोटों वाली घटनाएं घटती ही रहती हैं, लेकिन इनका पता नहीं चल पाता है। अभी भी ऐसी बहुत सी विस्फोटक घटनाएँ हैं जो हमारी जानकारी में हैं ही नहीं, और शायद कभी आ भी न पाएं, क्योंकि ब्रह्मांड अनंत है। गामा रे विस्फोट ब्रह्मांड में होने वाली इस तरह की घटनाओं में से ही एक घटना है जिसमें बड़े तारों का आपस में टकराव होता है और ये दो से एक बन जाते हैं। जब इस तरह दो तारे आपस में टकराते हैं तो इस विस्फोट में से जबरदस्त ऊर्जा बाहर फूटती है और बहुत तेज प्रकाश निकलता है। वैज्ञानिकों का कहना है इस तरह के विस्फोटों में से जो ऊर्जा निकलती है वह उस ऊर्जा से भी ज्यादा होती है जो हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा तारा सूरज अपने पूरे जीवनकाल में पैदा कर सकेगा। यानि कि सैकडों सूरज मिलकर जितनी ऊर्जा एक मिनट में बना सकते हैं, उतनी ही ऊर्जा इससे निकली है।
दो न्यूट्रॉन तारों के बीच में हुआ ये विस्फोट लगभग 1 मिनट तक चला। आमतौर पर इस तरह के विस्फोट कुछ ही सेकंड के होते हैं लेकिन यह बहुत बड़ा विस्फोट था। गोल्ड और प्लेटिनम जैसी धातुएं तारों में होने वाले विस्फोटों से ही बनती हैं। अब इन मेटल्स के बनने की प्रक्रिया को समझना और अधिक आसान हो जाएगा। इस खोज में संस्थान के रिसर्च स्टूडेंट राहुल गुप्ता, अमर आर्यन, अमित कुमार व डा. कुंतल मिश्रा शामिल थे। रोम यूनिवर्सिटी के डॉक्टर एलोनोरा ट्रॉजा भी टीम को लीड कर रहे थे। एरीज की 3.6 डॉट दूरबीन की क्षमता काफी अधिक बताई जा रही है जो कि ब्रह्मांड के बड़े रहस्यों को खोज सकती है।