वैज्ञानिकों ने खोज निकाला गैस और धूल के गुबार में छुपा हुआ ब्‍लैक होल

गैस और धूल की ज्‍यादा मात्रा होने से यह ब्‍लैकहोल Mrk 462 आकाशगंगा में छुप गया था।

वैज्ञानिकों ने खोज निकाला गैस और धूल के गुबार में छुपा हुआ ब्‍लैक होल

खगोलविद अक्सर आकाशगंगाओं के केंद्र में तारों की तीव्र गति की खोज करके ब्लैक होल का पता लगाते हैं।

ख़ास बातें
  • पहली बार एक बौनी आकाशगंगा में खोजा गया ब्‍लैक होल
  • Mrk 462 आकाशगंगा में छुप गया था यह ब्‍लैक होल
  • 110 मिलियन प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है यह ब्‍लैकहोल
विज्ञापन
नासा (NASA) की Chandra X-ray ऑब्‍जर्वेटरी की मदद से रिसर्चर्स ने एक ब्लैक होल की पहचान की है। यह ब्‍लैकहोल Mrk 462 नाम की आकाशगंगा में मिला है। यह सूर्य के द्रव्यमान का 200000 गुना है। Mrk 462 एक बौनी आकाशगंगा है, जिसमें कई सौ मिलियन तारे हैं। इसके मुकाबले हमारी आकाशगंगा में कई सौ बिलियन तारे हैं। 110 मिलियन प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित यह ब्‍लैकहोल, गैस और धूल की ज्‍यादा मात्रा होने से Mrk 462 आकाशगंगा में छुप गया था। 

नासा ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा है कि पहली बार एक बौनी आकाशगंगा में एक ‘अस्पष्ट' सुपरमैसिव ब्लैक होल पाया गया है। खगोलविद अक्सर आकाशगंगाओं के केंद्र में तारों की तीव्र गति की खोज करके ब्लैक होल का पता लगाते हैं, लेकिन मौजूदा उपकरणों की मदद से बौनी आकाशगंगाएं बहुत छोटी और मंद नजर आती हैं। उनमें कोई भी चीज का पता लगाना मुश्किल होता है। ब्लैक होल का पता लगाने के लिए खगोलविद एक दूसरी तकनीक का इस्‍तेमाल करते हैं। इसी वजह से इस ब्‍लैकहोल को खोजा जा सका है। 

न्यू हैम्पशायर में डार्टमाउथ कॉलेज के जैक पार्कर ने अपने सहयोगी रयान हिकॉक्स के साथ इस रिसर्च को लीड किया। जैक पार्कर ने कहा कि Mrk 462 में यह अपनी तरह का सबसे छोटा ब्लैक होल था।हिकॉक्स ने कहा कि धूल और गैस में दबे हुए ब्लैक होल का पता लगाना मुश्किल था, इसलिए यह खोज ऐसे ही कई और ब्‍लैक होल वाली बौनी आकाशगंगाओं के अस्तित्व का संकेत दे सकती है। उन्होंने कहा कि इस खोज से खगोलविदों को यह पता लगाने में मदद मिल सकती है कि ब्रह्मांड में ब्लैक होल इतनी जल्दी कैसे बड़े हो गए।

Chandra X-ray ऑब्‍जर्वेटरी का इस्‍तेमाल इस स्‍टडी में 8 बौनी आकाशगंगाओं को देखने के लिए किया गया। इन आकाशगंगाओं में पहले ब्‍लैक होल का डेवलपमेंट होने के संकेत मिले थे। उनमें से सिर्फ Mrk 462 आकाशगंगा में बढ़ते हुए ब्लैक होल का पता चला। 

हाल ही में नासा ने अंतरिक्ष से पूर्ण सूर्य ग्रहण को भी दिखाया था। इस एजेंसी ने एक स्पेस ऑब्जर्वेटरी से खींची गई तस्वीरों को इंस्टाग्राम पर शेयर किया, जिसमें चंद्रमा की छाया अंटार्कटिका के ऊपर से गुजरते हुए दिखाई दे रही थी। डीप स्पेस क्लाइमेट ऑब्जर्वेटरी ((DSCOVR) अंतरिक्ष यान ने अंटार्कटिका के ऊपर से गुजरते हुए छाया को कैप्चर किया था। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

गैजेट्स 360 स्टाफ The resident bot. If you email me, a human will respond. और भी
Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. WWDC 2025 : AirPods में मिलेगा कैमरा कंट्रोल और स्लीप डिटेक्शन फीचर!
  2. Android कंपनियों को देना होगा 5 साल तक अपडेट, नए नियम से भारतीयों को भी फायदा?
  3. 14 हजार रुपये गिरी 50MP कैमरा, 5000mAh बैटरी वाले Samsung स्मार्टफोन की कीमत
  4. फीचर फोन यूजर्स भी कर सकेंगे UPI पेमेंट्स, PhonePe जल्द लाएगा नया ऐप!
  5. Huawei Band 10 भारत में लॉन्च, AMOLED स्क्रीन और 14 दिन की बैटरी के साथ; जानें कीमत
  6. iQOO Z10 Lite 5G जल्द होगा भारत में लॉन्च, 6,000mAh की बैटरी
  7. Oppo की K13x 5G के लॉन्च की तैयारी, 6,000mAh हो सकती है बैटरी
  8. Google Chrome होगा अब तक सबसे तेज!, अब ज्यादा फास्ट होगा काम, बचेगा समय
  9. Elon Musk की Starlink सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस को भारत की हरी झंडी!
  10. Fairphone 6 का डिजाइन और प्राइस लीक, मॉड्यूलर स्मार्टफोन जल्द हो सकता है लॉन्च
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »