Nasa Ingenuity Mars : अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) का मार्स हेलीकॉप्टर ‘इन्जनूइटी' (Ingenuity) अब कभी उड़ान नहीं भर पाएगा। इस साल 18 जनवरी को मंगल ग्रह पर ‘इन्जनूइटी' ने 72वीं उड़ान भरी थी। वह एक शॉर्ट वर्टिकल फ्लाइट थी। उड़ान के दौरान ‘इन्जनूइटी' का वहां मौजूद पर्सवेरेंस रोवर से संपर्क टूट गया। ‘इन्जनूइटी' तेजी से नीचे गिरा और डैमेज हो गया। पृथ्वी पर नासा की टीम ने मंगलवार 16 अप्रैल को ‘इन्जनूइटी' पर आखिरी बार बैठक की। नासा से जो प्रतिक्रिया आई, वह जताती है कि वैज्ञानिकों ने इस रोटरक्राफ्ट को आखिरी गुड बाय बोल दिया है।
‘इन्जनूइटी' पृथ्वी से बाहर किसी ग्रह पर उड़ान भरने वाला पहला रोटरक्राफ्ट था। उसके डैमेज होने के बाद मंगलवार को नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (JPL) कंट्रोल रूम में एक बैठक हुई।
रिपोर्ट के अनुसार, यह बैठक ‘इन्जनूइटी' की आखिरी उड़ान से लगभग तीन महीने बाद हुई।
जेपीएल में इन्जनूइटी टीम के प्रमुख जोश एंडरसन ने एक बयान में कहा कि यह अविश्वसनीय है कि सतह पर 1,000 से ज्यादा मंगल दिन बिताने, 72 उड़ान भरने और एक कठिन लैंडिंग के बाद भी उसके पास देने के लिए कुछ है। इस समर्पण के लिए धन्यवाद। इन्जनूइटी ने न केवल हमारी उम्मीदों से बढ़कर काम किया, बल्कि यह आने वाले वर्षों में हमें नए सबक भी सिखा सकता है।
गौरतलब है कि क्षतिग्रस्त होने के बाद भी यह रोटरक्राफ्ट एक वेदर स्टेशन के रूप में अभी भी जिंदा है। इन्जनूअटी ने फरवरी 2021 में मंगल ग्रह पर लैंड किया था। उसी साल 19 अप्रैल को उसने ‘लाल ग्रह' में अपनी पहली उड़ान भरी थी। इन्जनूअटी हेलीकॉप्टर से जो भी डेटा पर्सवेरेंस की टीम को मिला, उसका आकलन आने वाले मंगल मिशनों के लिए मददगार हो सकता है।
मंगल ग्रह पर किसी भी रोटरक्राफ्ट के लिए उड़ान भरना मुश्किल है, क्योंकि वहां पृथ्वी से एक तिहाई कम गुरुत्वाकर्षण है। लेकिन इन्जनूअटी ने अपने काम को बखूबी अंजाम दिया। अपनी 72 उड़ानों में वह कुल 129 मिनट तक ग्रह पर उड़ा और 17 किलोमीटर एरिया को कवर किया। यह वैज्ञानिकों की उम्मीद से 14 गुना ज्यादा था।