रिसर्च में चला पता, शनि ग्रह के कई ऑरोरा को बनाती हैं इसकी हवाएं

वैज्ञानिकों ने अमेरिकन जियोफ‍िजिकल यूनियन के जियोफ‍िजिकल रिसर्च लेटर्स में अपने निष्कर्ष प्रकाशित किए हैं।

रिसर्च में चला पता, शनि ग्रह के कई ऑरोरा को बनाती हैं इसकी हवाएं

Photo Credit: Nasa

वैज्ञानिकों ने पाया कि शनि के ऑरोरा का एक महत्वपूर्ण अनुपात इसके वातावरण में मौसम के पैटर्न से पैदा होता है।

ख़ास बातें
  • ऑरोरा (aurora) आकाश में बनने वाली खूबसूरत प्राकृतिक रोशनी है
  • यह रात के वक्‍त आमतौर पर नॉर्थ और साउथ पोल्‍स के पास देखने को मिलती है
  • ये तब बनते हैं, जब सौर हवाएं पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से मिलती हैं
विज्ञापन
ऑरोरा (aurora) आकाश में बनने वाली खूबसूरत प्राकृतिक रोशनी है। यह रात के वक्‍त आमतौर पर नॉर्थ और साउथ पोल्‍स के पास देखने को मिलती है। लंबे समय से वैज्ञानिक यह मानते आए हैं कि ऑरोरा तब बनते हैं, जब सौर हवाएं पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से इंटरेक्‍ट करती हैं। ऐसा दूसरे ग्रहों पर भी होता है, लेकिन लीसेस्टर यूनिवर्सिटी (University of Leicester) के वैज्ञानिकों का दावा है कि सभी अरोरा इस घटना से नहीं बने हैं। वैज्ञानिकों को शनि ग्रह (Saturn) के नॉर्थ पोल पर ग्रहीय अरोरा बनाने वाला मैकेनिज्‍म मिला है। इसे पहले कभी देखा नहीं गया है। 

तो क्‍या है वह मैकेनिज्‍म? वैज्ञानिकों का कहना है कि शनि ग्रह के कुछ ऑरोरा इस ग्रह के अपने वातावरण के अंदर घूमने वाली हवाओं से पैदा होते हैं। इस खोज ने ग्रहों के ऑरोरा को लेकर बनाए गई समझ को बदल दिया है। यह शनि के बारे में एक रहस्य को भी सुलझाता है कि हम ग्रह पर दिन की लंबाई क्‍यों नहीं माप सकते? 

नासा (NASA) ने साल 1997 में कैसिनी (Cassini) को लॉन्‍च किया था, जो साल 2004 में शनि तक पहुंच गया। तब से इसने यह मापने की कोशिश की है कि यह ग्रह अपने दिन की लेंथ तय करने के लिए कितनी तेजी से घूमता है। वैज्ञानिकों को यह जानकर हैरानी हुआ कि साल 1981 में वायेजर 2 (Voyager 2) स्‍पेसक्राफ्ट के इस ग्रह के ऊपर से उड़ान भरने के बाद शनि का रोटेशन रेट बदल गया है।

वैज्ञानिकों ने अमेरिकन जियोफ‍िजिकल यूनियन के जियोफ‍िजिकल रिसर्च लेटर्स में अपने निष्कर्ष प्रकाशित किए हैं।

लीसेस्टर यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट में रिसर्चर नाहिद चौधरी के हवाले से कहा गया है कि किसी ग्रह का वास्तविक रोटेशन रेट जल्‍दी नहीं बदल सकता है। शन‍ि ग्रह पर कुछ असामान्‍य है। वैज्ञानिकों ने पाया कि शनि के ऑरोरा का एक महत्वपूर्ण अनुपात इसके वातावरण में मौसम के पैटर्न से पैदा होता है। यह इस ग्रह के घूमने की दर के लिए जिम्मेदार है। यह स्‍टडी बताती है कि किसी ग्रह पर लोकल वायुमंडलीय मौसम से ऑरोरा के बनने पर कैसे असर पड़ता है। 

शनि हमारे सौरमंडल का दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है। इसने हमेशा वैज्ञानिकों और शौकिया खगोलविदों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। शनि के चारों ओर लगे छल्लों को देखकर इसे आसानी से पहचाना जा सकता है। लेकिन इसकी एक और विशेषता है इस ग्रह के 60 से ज्‍यादा चंद्रमा। इन चंद्रमाओं में से एक ने हाल में वैज्ञानिकों की जिज्ञासा को जगाया है। एक और रिसर्च के अनुसार, इस ग्रह की परिक्रमा करने वाले एक छोटे से चंद्रमा मीमास (Mimas) की जमी हुई सतह के नीचे एक महासागर छिपा हो सकता है।
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

गैजेट्स 360 स्टाफ The resident bot. If you email me, a human will respond. और भी
Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Nothing Phone (3) का दिखा टीजर, स्पेशल एडिशन के साथ होगा लॉन्च!
  2. iPhone 17 सीरीज में बदल जाएगा फोन का डिजाइन! तस्वीरें लीक
  3. MicroStrategy ने बढ़ाई बिटकॉइन की होल्डिंग, 1 अरब डॉलर से ज्यादा का किया इनवेस्टमेंट 
  4. महाकुंभ में परिवहन के लिए इस्तेमाल होंगे ओला इलेक्ट्रिक के 1,000 इलेक्ट्रिक स्कूटर्स
  5. बेहद पतला होने के बाद भी Oppo Find N5 फोल्डेबल फोन में मिलेगा वायरलेस चार्जिंग सपोर्ट, कंपनी ने शेयर किया वीडियो
  6. Infinix Smart 9 HD भारत में 28 जनवरी को होगा लॉन्च! डिजाइन और स्पेसिफिकेशन्स भी हुए लीक
  7. अपकमिंग OnePlus स्मार्टफोन्स में मिलेगा बिल्कुल नया डिजाइन, मटेरियल और बनाने का तरीका भी बदला जाएगा!
  8. Apple Watch के इस फीचर ने बचाई शख्स की जान, भयानक हादसे के बाद पूल में पलटी थी कार!
  9. Apple के अफोर्डेबल स्मार्टफोन SE 4 में हो सकता है डायनैमिक आइलैंड, 8 GB का RAM
  10. सैटेलाइट स्पेक्ट्रम पॉलिसी से कंज्यूमर्स को ब्रॉडबैंड इंटरनेट के लिए मिलेंगे ज्यादा ऑप्शन 
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »