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पहली बार यूट्यूब पर मंगल ग्रह से हुई लाइव स्‍ट्रीमिंग, जानें क्‍या दिखाई दिया

Live streaming from Mars : जानकारी के अनुसार, शुक्रवार देर रात यह लाइव स्‍ट्रीमिंग की गई। मार्स एक्‍सप्रेस ऑर्बिटर ने लाल ग्रह की झलक पृथ्‍वी तक पहुंचाई।

पहली बार यूट्यूब पर मंगल ग्रह से हुई लाइव स्‍ट्रीमिंग, जानें क्‍या दिखाई दिया

Photo Credit: सांकेतिक तस्‍वीर

करीब 3 करोड़ किलोमीटर की दूर मंगल से पृथ्‍वी तक फीड पहुंचने में 17 मिनट लगे।

ख़ास बातें
  • मार्स एक्‍सप्रेस ऑर्बिटर ने लाल ग्रह की झलक पृथ्‍वी तक पहुंचाई
  • मार्स एक्‍सप्रेस ऑर्बिटर के 20 साल होने पर की गई स्‍ट्रीमिंग
  • विजुअल मॉनिटरिंग कैमरा ने कैद किया मंगल ग्रह का नजारा
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विज्ञान कितना आगे निकल गया है, इसका पता हाल में हुई एक लाइव स्‍ट्रीमिंग में चला। पहली बार मंगल ग्रह से पृथ्‍वी पर लाइव स्‍ट्री‍मिंग की गई। इसका आयोजन यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी (ESA) ने अपने यूट्यूब चैनल पर किया। ESA के मार्स एक्‍सप्रेस ऑर्बिटर ने मंगल ग्रह के ऊपर मंडराते हुए लाल ग्रह की रियल टाइम तस्‍वीरों को पृथ्‍वी पर भेजा, जिसे पहुंचने में महज 18 मिनट लगे। यह कदम क्रांतिकारी साबित हो सकता है भविष्‍य के मंगल मिशनों के लिए। जानकारी के अनुसार, शुक्रवार देर रात यह लाइव स्‍ट्रीमिंग की गई। मार्स एक्‍सप्रेस ऑर्बिटर ने लाल ग्रह की झलक पृथ्‍वी तक पहुंचाई।  

ESA के अनुसार, करीब 3 करोड़ किलोमीटर की दूर मंगल से पृथ्‍वी तक फीड पहुंचने में 17 मिनट लगे। ग्राउंड स्‍टेशनों ने एक मिनट का और वक्‍त लिया, जिसके बाद तस्‍वीरें लाइव हो पाईं। मंगल से ये तस्‍वीरें सीधे स्‍पेन पहुंचीं, जहां एक डीप स्‍पेस-रिले एंटीना ने उन्‍हें हासिल किया। बारिश की वजह से कुछ तकनीकी दिक्‍कतें भी आईं। 



मंगल की जो तस्‍वीरें पृथ्‍वी तक पहुंचीं, उन्‍हें मार्स एक्सप्रेस ऑर्बिटर पर लगे विजुअल मॉनिटरिंग कैमरा (VMC) ने कैप्‍चर किया था। यह एक वेबकैम की तरह काम करता है। जो तस्‍वीर मंगल ग्रह से आई, उसमें लाल ग्रह को चमकते हुए देखा जा सकता है। खास यह है कि तस्‍वीर में तारे नहीं दिखाई देते, क्‍योंकि वह मंगल की चमक के आगे फीके पड़ जाते हैं। ESA ने यह लाइव स्‍ट्रीमिंग, मार्स एक्सप्रेस ऑर्बिटर के 20 साल पूरे होने पर की। इस ऑर्बिटर ने अबतक लगभग 25 हजार बार मंगल ग्रह की परिक्रमा की है। 
 

मार्स एक्सप्रेस ऑर्बिटर को साल 2003 में 2 जून को लॉन्‍च किया गया था। इस स्‍पेसक्राफ्ट का मकसद मंगल ग्रह की जियोलॉजी, जलवायु और मौसम को स्‍टडी करना रहा है। अपने मिशन के दौरान मार्स एक्सप्रेस ऑर्बिटर ने कई महत्‍वपूर्ण खोजे की हैं। इसने ग्रह पर पानी और बर्फ की मौजूदगी का पता लगाया है। सबकुछ सही रहा, तो यह ऑर्बिटर साल 2026 तक लाल ग्रह पर मौजूद रहकर खोज कर सकता है। 
 

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