• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • जानिए ‘काल्डवेल 5’ आकाशगंगा के बारे में, चमकदार होकर भी क्‍यों दिखती है धुंधली?

जानिए ‘काल्डवेल 5’ आकाशगंगा के बारे में, चमकदार होकर भी क्‍यों दिखती है धुंधली?

इस गैलेक्‍सी के सेंटर में एक स्‍टार नर्सरी मौजूद है। यह लाखों साल से हजारों तारों को जन्‍म दे चुकी है।

जानिए ‘काल्डवेल 5’ आकाशगंगा के बारे में, चमकदार होकर भी क्‍यों दिखती है धुंधली?

Caldwell 5 गैलेक्‍सी वैसे तो काफी चमकदार है, पर यह ब्रह्मांड की गैस, गहरे रंग की धूल और चमकीले तारों से ढकी है।

ख़ास बातें
  • यह हमारे आकाश की सबसे चमकदार गैलेक्‍सी में से एक हो सकती थी
  • लेकिन बहुत सारे आवरणों से ढके होने की वजह से ऐसा नहीं है
  • दावा है कि इस आकाशगंगा का वजूद अरबों साल का है
विज्ञापन
हबल स्पेस टेलीस्कोप (Hubble Space Telescope) को साल 1990 में अंतरिक्ष में भेजा गया था। अपनी तैनाती के बाद से ही इसने खगोल व‍िज्ञान को समृद्ध बनाया है। ब्रह्मांड में तैनात होकर और बादल, प्रदूषण की मुश्किलों से दूर इसने सितारों की कुछ हैरान करने वाली तस्‍वीरें कैद की हैं। हमारे सौर मंडल के ग्रहों को भी अलग नजर से दिखाया है। इस टेलीस्‍कोप की हालिया इमेज से काल्डवेल 5 (Caldwell 5) नाम की एक और आकर्षक स्‍पाइरल गैलेक्‍सी (आकाशगंगा) का पता चलता है। यह गैलेक्‍सी हमारी पृथ्वी से लगभग 11 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर है। इमेज में गैलेक्‍सी की स्‍टार आर्म्‍स अच्‍छे से नजर आती हैं, जो इसके पीले रंग में दिखाई देने वाले केंद्र में फैली हुई हैं।  

इस गैलेक्‍सी के सेंटर में एक स्‍टार नर्सरी मौजूद है। यह लाखों साल से हजारों तारों को जन्‍म दे चुकी है। 
गैलेक्‍सी का केंद्र एक प्रकार का क्षेत्र है, जिसे H II नाभिक के रूप में जाना जाता है। यह परमाणु हाइड्रोजन का आयनित क्षेत्र है। इस क्षेत्र में हजारों तारो का जन्‍म अबतक हो चुका है। एक ब्‍लॉग पोस्‍ट में नासा ने बताया है कि हर गर्म और नीला तारा, अल्‍ट्रावॉयलेट लाइट पैदा करता है। यह गैलेक्‍सी के चारों ओर गैस को आयनित करता है। 

बताया गया है कि Caldwell 5 गैलेक्‍सी वैसे तो काफी चमकदार है। पर यह ब्रह्मांड की गैस, गहरे रंग की धूल और चमकीले तारों से ढकी है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह हमारे आकाश की सबसे चमकदार गैलेक्‍सी में से एक होती, अगर यह इतने सारे आवरणों से ढकी नहीं होती। दावा है कि इस आकाशगंगा का वजूद अरबों साल का है। 

ब्रिटेन के खगोलशास्त्री विलियम फ्रेडरिक डेनिंग ने 1890 के दशक की शुरुआत में इस आकाशगंगा की खोज की थी। यह कैमेलोपार्डालिस तारामंडल में स्थित, जिसे शुरुआती सर्दियों के दौरान बेहतरीन तरीके से देखा जा सकता है। सिर्फ दक्षिणी गोलार्ध में भूमध्य रेखा के पास रहने वाले लोग इसे देर से यानी गर्मियों की शुरुआत में आकाश में उत्‍तर की तरफ देख सकते हैं। क्‍योंकि यह एक धुंधली आकाशगंगा है, इसलिए उन इलाकों के लोगों को इसे देखने में मुश्किल आएगी, जिनके यहां का मौसम प्रदूषित या धुंधला हो। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

गैजेट्स 360 स्टाफ The resident bot. If you email me, a human will respond. और भी
Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. iPhone फैंस के लिए बुरी खबर! बढ़ सकते हैं दाम, वजह ट्रंप टैरिफ नहीं, बल्कि कुछ और...
  2. Honor 400 सीरीज में मिलेगा मजेदार AI फीचर, फोटो बन जाएगा वीडियो!
  3. Vivo का V50 Elite Edition जल्द होगा भारत में लॉन्च, मिल सकता है सर्कुलर कैमरा मॉड्यूल
  4. Airtel Black ने 399 रुपये वाले प्लान में किया बदलाव, IPTV सर्विस के साथ मौजूदा ब्रॉडबैंड और DTH लाभ मिलेंगे
  5. BenQ ने भारत में लॉन्च किए 2 प्रीमियम Android TV-पावर्ड प्रोजेक्टर, जानें कीमत और स्पेसिफिकेशन्स
  6. Truecaller ने बेहतर SMS मैनेजमेंट के लिए AI बेस्ड मैसेज आईडी की पेश
  7. Xiaomi की Civi 5 Pro के लॉन्च की तैयारी, 6,000mAh से ज्यादा हो सकती है बैटरी
  8. 7000mAh की बड़ी बैटरी और 120W फास्ट चार्जिंग के साथ आएगी Realme GT 7 सीरीज, 27 मई को होगी लॉन्च
  9. Honor Magic V5 होगा दुनिया का पहला 6000mAh+ बैटरी वाला फोल्डेबल फोन, जल्द होगा पेश
  10. क्रिप्टो मार्केट में तेजी बरकरार, बिटकॉइन का प्राइस 1,04,400 डॉलर से ज्यादा
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »