• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • बृहस्‍पति का चंद्रमा अपने महासागर के लिए खींच रहा ऑक्‍सीजन! क्‍या संभव होगा जीवन?

बृहस्‍पति का चंद्रमा अपने महासागर के लिए खींच रहा ऑक्‍सीजन! क्‍या संभव होगा जीवन?

रिसर्चर्स के मुताबिक यूरोपा के बर्फीले शेल में खारे पानी के पूल, इसकी सतह से ऑक्‍सीजन को समुद्र तक ले जा सकते हैं।

बृहस्‍पति का चंद्रमा अपने महासागर के लिए खींच रहा ऑक्‍सीजन! क्‍या संभव होगा जीवन?

Photo Credit: NASA/JPL-Caltech

स्‍टडी से यह भी पता चलता है कि यूरोपा के महासागरों में ऑक्सीजन की मात्रा पृथ्वी के महासागरों में ऑक्सीजन की मात्रा के बराबर हो सकती है।

ख़ास बातें
  • रिसर्च को जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स जर्नल में प्रकाशित किया गया है
  • स्‍टडी यह बता सकती है कि जीवन कैसे अपना रास्ता खोजता है
  • बर्फ की यह सतह लगभग 15-25 किलोमीटर मोटी हो सकती है
विज्ञापन
बृहस्पति का चंद्रमा यूरोपा (Europa) उन खगोलीय पिंडों में से एक है, जिसकी गहराई से जांच की जा रही है। इस जांच का मकसद यह जानना है कि इस खगोलीय पिंड पर जीवन संभव हो सकता है या नहीं। यूरोपा, पृथ्वी के चंद्रमा से थोड़ा छोटा है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इसकी जमी हुई सतह के नीचे एक महासागर छिपा है। अब तक मिले सबूत बताते हैं कि यह खगोलीय पिंड गर्म, नमकीन और जीवन को सक्षम बनाने वाले तत्‍वों से समृद्ध हो सकता है। यह पहले ही पता चल चुका है कि यूरोपा, ऑ‍क्‍सीजन पैदा करता है, हालांकि समस्‍या यह है कि इसकी सतह पर बर्फ की मोटी चादर ऑक्‍सीजन को यूरोपा के समुद्र तक पहुंचने से रोकती है। 

हालांकि एक नई रिसर्च में यह कहा गया है कि यूरोपा के समुद्र तक ऑक्‍सीजन पहुंच रही है। इसका तरीका थोड़ा अलग है। रिसर्चर्स का कहना है कि यह ऑक्‍सीजन को उसकी बर्फीली सतह के नीचे खींच रहा है। रिसर्चर्स के मुताबिक यूरोपा के बर्फीले शेल में खारे पानी के पूल, इसकी सतह से ऑक्‍सीजन को समुद्र तक ले जा सकते हैं।  यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के प्रोफेसर मार्क हेसे की स्‍टडी से यह भी पता चलता है कि यूरोपा के महासागरों में ऑक्सीजन की मात्रा पृथ्वी के महासागरों में ऑक्सीजन की मात्रा के बराबर हो सकती है।

डाउनवर्ड ऑक्सीडेंट ट्रांसपोर्ट थ्रू यूरोपा नाम की इस रिसर्च को जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स जर्नल में प्रकाशित किया गया है।

अगर यह तथ्‍य साबित हो जाता है, तो स्‍टडी यह बता सकती है कि जीवन कैसे अपना रास्ता खोजता है। हालांकि इसके लिए यूरोपा को करीब से देखने की जरूरत होगी, क्योंकि बर्फ की यह सतह लगभग 15-25 किलोमीटर मोटी हो सकती है। अच्‍छी बात यह है कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा, बृहस्पति पर एक ऑर्बिटर भेजने की तैयारी कर रही है। ‘यूरोपा क्लिपर' नाम का यह ऑर्बिटर 2024 में लॉन्च होने के लिए तैयार है और इसके कई करीबी फ्लाईबाई को पूरा करेगा। इससे वैज्ञानिकों को इसके वातावरण, सतह और इंटीरियर पर डेटा इकट्ठा करने में मदद मिलेगी। 

बात करें कुछ अहम खोजों की, तो हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक ऐसे ग्रह की खोज की है, जो आलू के आकार का है। रिसर्चर्स ने WASP-103b नाम के एक ग्रह की खोज की है, जो पृथ्वी से लगभग 1,500 प्रकाश वर्ष दूर है। इसके बारे में वैज्ञानिकों का कहना है कि इसका आकार आलू या रग्बी बॉल जैसा है। खगोलविदों का कहना है कि WASP-103b नाम का यह ग्रह एक F-प्रकार के तारे के चारों ओर स्थित है। यह तारा हमारे सूर्य से बड़ा है। यह ग्रह भी बड़ा है। बृहस्पति से भी डेढ़ गुना है। ग्रह अपने तारे के नजदीक होने की वजह से आलू के आकार का है। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

गैजेट्स 360 स्टाफ The resident bot. If you email me, a human will respond. और भी

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Samsung Galaxy S25 Ultra भारत में Rs 1,29,999 में हुआ लॉन्च, प्री-बुकिंग ओपन
  2. Samsung Galaxy S25, Galaxy S25+ की भारत में कीमत 80,999 रुपये से शुरू, प्री-बुकिंग ओपन
  3. Samsung Galaxy S25 सीरीज 12GB तक रैम, 1TB तक स्टोरेज के साथ हुई लॉन्च, जानें कीमत और स्पेसिफिकेशन्स
  4. इस वर्ष पेश हो सकता है पहला मेड इन इंडिया सेमीकंडक्टर
  5. iQOO Z10 Turbo Pro में मिल सकती है 7,500mAh की दमदार बैटरी
  6. एयरटेल ने पेश किए कॉल्स और SMS के लिए अलग प्रीपेड प्लान, TRAI ने दिया था निर्देश
  7. बिल्ली ने भेज दिया रेजिग्नेशन ईमेल, मालकिन ने गंवा डाली नौकरी!
  8. क्रिप्टो मार्केट में तेजी, बिटकॉइन का प्राइस 1,05,300 डॉलर से ज्यादा
  9. Meta के पहले AR हेडसेट होंगे 2027 तक पेश, जानें सबकुछ
  10. क्रिप्टोकरेंसीज के लिए ट्रंप का बड़ा फैसला, अमेरिका में बनेंगे रेगुलेशंस
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »