• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • बृहस्पति के चांद पर बर्फ के नीचे छुपा है सागर! निकल रही कार्बन गैस! वैज्ञानिक बोले जीवन ...

बृहस्पति के चांद पर बर्फ के नीचे छुपा है सागर! निकल रही कार्बन गैस! वैज्ञानिक बोले- जीवन ...

जुपिटर के चंद्रमा यूरोपा (Europa) पर वैज्ञानिकों को नमकीन सागर में से कार्बन डाइऑक्साइड निकलने का सुराग मिला है। 

बृहस्पति के चांद पर बर्फ के नीचे छुपा है सागर! निकल रही कार्बन गैस! वैज्ञानिक बोले- जीवन ...

Photo Credit: NASA

यूरोपा की बर्फीली स्तह और इसके नीचे मौजूद सागर के बीच में पदार्थ का आदान-प्रदान हो रहा है।

ख़ास बातें
  • JWST ने पता लगाया यूरोपा पर मौजूद है कार्बन डाइऑक्साइड
  • बर्फीली सतह और इसके नीचे मौजूद सागर के बीच में पदार्थ का आदान-प्रदान
  • यूरोपा पर जीवन की संभावनाओं की बात कह रहे वैज्ञानिक
विज्ञापन
अंतरिक्ष की अनंत दुनिया में नासा का जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (James Webb Space Telescope) अब दूर तक झांक सकता है। अब JWST ने सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति के बर्फीले चंद्रमा के बारे में एक जानकारी जुटाई है। बृहस्पति, या अंग्रेजी में जुपिटर के चंद्रमा यूरोपा (Europa) पर वैज्ञानिकों को नमकीन सागर में से कार्बन डाइऑक्साइड निकलने का सुराग मिला है। 

अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को काफी समय से इस बात का पता था कि जुपिटर के यूरोपा उपग्रह की बर्फीली परत के नीचे पानी का सागर छुपा है। लेकिन इनके बारे ये नहीं पता था कि यह पानी जीवन पनपने के लिए उपयुक्त है या नहीं। लेकिन अब इसमें कार्बन का पाया जाना यहां जीवन पनपने की संभावना को पैदा कर देता है। ESA के अनुसार, बृहस्पति के चंद्रमा पर यहां बर्फ के नीचे से पानी में से कार्बन डाइऑक्साइड गैस निकलती पाई गई है। 

स्टडी के प्रमुख, नासा के गोद्दार स्पेस फ्लाइट सेंटर के साइंटिस्ट गेरोनिमो विलेनुइवा ने कहा, 'धरती पर जीवन में जितनी ज्यादा केमिकल विविधता होती है, यह उतना ही फलता-फूलता है। हम कार्बन से बने जीवन हैं। यूरोपा की केमिकल विशेषताओं को समझकर हम यह जान पाएंगे कि यह जीवन पनपने के लिए सही जगह हो सकती है या नहीं। इससे पता चलता है कि इससे पहले कि हम वहां की बर्फ के नीचे झांके, और पूरी स्थिति साफ होकर सामने आए, हम वहां के सागर की बेसिक केमिकल कम्पोजीशन के बारे में जान सकते हैं।' 
जेम्स वेब टेलीस्कोप ने यूरोपा चंद्रमा पर कार्बन गैस का पता लगाया है।

जेम्स वेब टेलीस्कोप ने यूरोपा चंद्रमा पर कार्बन गैस का पता लगाया है।
Photo Credit: ESA

यहां पर एजेंसी द्वारा एक और रोचक बात बताई गई है कि टीम ने यह ऑब्जर्वेशन इंफ्रारेड की मौजूदगी में किया है जिसमें जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप के नियर इंफ्रारेड स्पेक्ट्रोग्राफ (NIRSpec) उपकरण का इस्तेमाल किया गया। इसने बताया कि वहां मौजूद कार्बन यूरोपा पर किसी उल्का पिंड या अन्य किसी खगोलीय घटना के कारण नहीं पहुंचाई गई थी। बल्कि यह उपग्रह के भीतर से ही आई है। यह बर्फ की सतह के नीचे से आ रही है। 

JWST ने पता लगाया कि यूरोपा पर मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड इसके सबसे ताजा भौगोलिक स्थान पर सबसे ज्यादा मात्रा में पाई गई है। इसे तारा रीगियो (Tara Regio) कहा जाता है। यहां पर बर्फ का टूटा पाया जाना यह दिखाता है कि यूरोपा की बर्फीली सतह और इसके नीचे मौजूद सागर के बीच में पदार्थ का आदान-प्रदान हो रहा है। यहां केमिकल प्रक्रियाएं हो रही हैं। वैज्ञानिक अब इसकी डिटेल स्टडी में जुड़े हैं ताकि यूरोपा पर जीवन की संभावनाओं का पता लगाया जा सके। 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News
 
 

विज्ञापन

विज्ञापन

© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2024. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »