• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • पृथ्‍वी कैसे बनी? लैब एक्‍सपेरिमेंट्स, कंप्‍यूटर सिम्‍युलेशन से इस नतीजे पर पहुंचे वैज्ञानिक

पृथ्‍वी कैसे बनी? लैब एक्‍सपेरिमेंट्स, कंप्‍यूटर सिम्‍युलेशन से इस नतीजे पर पहुंचे वैज्ञानिक

रिसर्चर्स का मानना ​​है कि उनके पास पृथ्वी के गठन और अन्य चट्टानी ग्रहों के निर्माण पर रोशनी डालने के लिए बेहतर मॉडल मौजूद है।

पृथ्‍वी कैसे बनी? लैब एक्‍सपेरिमेंट्स, कंप्‍यूटर सिम्‍युलेशन से इस नतीजे पर पहुंचे वैज्ञानिक

पृथ्‍वी के निर्माण से जुड़ी स्‍पष्‍ट तस्‍वीर हासिल करने के लिए रिसर्चर्स ने डायनैमिक मॉडल बनाए और ग्रहों के निर्माण को सिम्‍युलेट किया।

ख़ास बातें
  • नेचर एस्ट्रोनॉमी में यह स्‍टडी पब्लिश हुई है
  • ज्‍यूरिख में ईदजेनोसिस टेक्नीश होचस्चुले (ETH) के रिसर्चर्स ने की स्‍टडी
  • पृथ्‍वी के निर्माण को लेकर एक थ्‍योरी पेश की है
विज्ञापन
पृथ्‍वी को समझने के लिए दुनियाभर के वैज्ञानिक रिसर्च कर रहे हैं। अब ज्‍यूरिख में ईदजेनोसिस टेक्नीश होचस्चुले (ETH) के रिसर्चर्स ने पृथ्‍वी के निर्माण को लेकर एक नई थ्‍योरी प्रस्‍तावित की है। इस थ्‍योरी को लेबोरेटरी एक्‍सपेरिमेंट्स और कंप्‍यूटर सिम्‍युलेशन के दम पर तैयार किया गया है। अपनी स्‍टडी में रिसर्चर्स ने यह प्रदर्शित करने के लिए मॉडल डेवलप किए हैं कि हमारे सौर मंडल में ग्रह कैसे बनते हैं। रिसर्चर्स का निष्‍कर्ष है कि कई अलग-अलग शिशुग्रहों (planetesimal) के मिश्रण से पृथ्वी बनी हो सकती है। 

नेचर एस्ट्रोनॉमी में पब्लिश हुई इस स्‍टडी के प्रमुख लेखक और ईटीएच ज्यूरिख में एक्‍सपेरिमेंटल प्‍लैनेटोलॉजी के प्रोफेसर पाओलो सोसी ने कहा कि खगोल भौतिकी और ब्रह्मांड विज्ञान में आमतौर पर यह सिद्धांत प्रचलित है कि पृथ्वी कोन्ड्राइट (chondritic) एस्‍टरॉयड से बनी है। कोन्ड्राइट उन पत्थरीले उल्काओं (Meteorite) को कहा जाता है जो उस धूल व कणों के बने हैं जो सौर मंडल के शुरुआती सृष्टि-क्रम में मौजूद थे। ग्रहों, उपग्रहों और अन्य बड़ी वस्तुओं के निर्माण में इनका योगदान माना जाता है। 

हालांकि इस थ्‍योरी की खामियों पर बात करते हुए पाओलो सोसी ने कहा है कि किसी भी कोन्ड्राइट का कोई भी मिश्रण पृथ्वी की सटीक संरचना की व्याख्या नहीं कर सकता।

पृथ्‍वी के निर्माण से जुडीं कुछ थ्‍योरी यह कहती हैं कि चीजों के टकराने से पृथ्वी का निर्माण हुआ, बहुत गर्मी पैदा हुई और हल्के तत्व वाष्पित हो गए और ग्रह को उसकी मौजूदा संरचना में छोड़ दिया। लेकिन सोसी के अनुसार, ये सभी थ्‍योरीज विश्वसनीय नहीं लगती हैं। 

पृथ्‍वी के निर्माण से जुड़ी स्‍पष्‍ट तस्‍वीर हासिल करने के लिए रिसर्चर्स ने डायनैमिक मॉडल बनाए और ग्रहों के निर्माण को सिम्‍युलेट किया। सोसी ने कहा कि गुरुत्वाकर्षण खिंचाव के जरिए ज्‍यादा से ज्‍यादा मटीरियल जमा करके छोटे कण धीरे-धीरे बढ़े और किलोमीटर के आकार के planetesimal (शिशुग्रह) बन गए। 

planetesimal (शिशुग्रह) उन ठोस वस्तुओं को कहते हैं जो किसी तारे के इर्द-गिर्द बन रहे मलबे में मौजूद होते हैं। शिशुग्रह और कोन्ड्राइट दोनों ही चट्टान और धातु के छोटे पिंड हैं, लेकिन शिशुग्रह ज्‍यादा गर्म होते हैं। जाहिर तौर पर जब यह तारों के बाहर मलबे में मौजूद होते हैं, तो सूर्य के आसपास भी विभ‍िन्‍न क्षेत्रों में रहे होंगे। 

रिसर्चर्स ने सिम्‍युलेट करते हुए शुरुआती सौर मंडल में हजारों शिशुग्रहों को एक दूसरे से टकराया। उन्होंने देखा कि कई अलग-अलग शिशुग्रहों (planetesimal) के मिश्रण से पृथ्वी की रचना हो सकती है। इन रिसर्चर्स का मानना ​​है कि उनके पास पृथ्वी के गठन और अन्य चट्टानी ग्रहों के निर्माण पर रोशनी डालने के लिए एक बेहतर मॉडल मौजूद है।

 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

गैजेट्स 360 स्टाफ

द रेजिडेंट बोट । अगर आप मुझे ईमेल करते हैं, तो कोई इंसान जवाब ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Vivo V60 vs Oppo Reno 14 5G vs iQOO Neo 10: कंपेरिजन से जानें कौन है बेहतर?
  2. Realme P4 Pro 5G vs Vivo Y400 5G vs OnePlus Nord CE 5 5G: जानें 30 हजार में कौन है बेस्ट
  3. AI सुपरपावर रैंकिंग में अमेरिका टॉप पर, लेकिन भारत ने चीन को पछाड़ा
  4. भारत के लेटेस्ट वाटरप्रूफ स्मार्टफोन, नहीं होंगे पानी में भी खराब, जैसे मर्जी करें इस्तेमाल
  5. हाथ में iPad, बॉडी पर कैमरा, अब बिहार पुलिस बनेगी Digital Police! देखिए कैसे बदलेगा पूरा सिस्टम
  6. Honor की Magic 8 सीरीज के लॉन्च की तैयारी, 4 मॉडल हो सकते हैं शामिल
  7. ऑनलाइन मनी गेमिंग पर बैन के खिलाफ कोर्ट जा सकती हैं बड़ी गेमिंग कंपनियां
  8. Samsung के Galaxy S26 Pro और Galaxy S26 Edge में मिल सकता है Exynos 2600 चिपसेट
  9. itel ZENO 20 भारत में लॉन्च: 5000mAh बैटरी, 128GB तक स्टोरेज और बड़ा डिस्प्ले, कीमत Rs 5,999 से शुरू
  10. Vivo T4 Pro जल्द होगा भारत में लॉन्च, 50 मेगापिक्सल Sony प्राइमरी कैमरा
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »