कोई इन्सान जन्म से ही क्रिएटिव यानी रचनात्मक हो सकता है, और कुछ इन्सान क्रिएटिविटी डेवलप भी करने की कोशिश करते हैं। लेकिन किसी व्यक्ति के बारे में ये पता लगाना कि असल में उसका दिमाग कितना क्रिएटिव है, ये बहुत मुश्किल काम है। वैज्ञानिक कहते हैं कि क्रिएटिविटी को मापना बहुत पेचीदा काम है। क्योंकि इसमें दिमाग की कॉग्निटिव प्रोसेस, पर्सनलिटी के गुण, और आसपास का वातावरण भी भूमिका निभाता है। इसलिए क्रिएटिविटी किसी व्यक्ति के अंदर पाया जाने वाला एकल गुण नहीं है, और न ही इसे आसानी से मापा जा सकता है, यह कई प्रक्रियाओं का एक कॉम्बिनेशन है।
यहां पर नई रिसर्च एक बड़ा दावा करती है।
ScienceAlert के अनुसार, एक ऐसा टेस्ट डिजाइन किया गया है जिसके माध्यम से क्रिएटिव लेवल का पता लगाया जा सकता है। आप भी अगर इस टेस्ट को आजमाकर देखना चाहते हैं तो इस
प्रोजेक्ट पेज पर विजिट कर सकते हैं। यह तरीका डाइवरजेंट एसोसिएशन टास्क (DAT) कहलाता है। इसमें लोगों से 10 noun यानी संज्ञा पूछे जाते हैं जो कि मतलब में एक दूसरे से काफी अलग हैं। जैसे बिल्ली और किताब, यहां पर बिल्ली के पास अगर कुत्ता लिखा होता तो यह ज्यादा अर्थपूर्ण लगता। लेकिन बिल्ली और किताब का दूर दूर तक कोई संबंध नहीं है।
तो इस तरह से व्यक्ति जो दो अलग अलग शब्द लेकर आता है उन्हें जांचा जाता है कि इनके बीच में कितनी दूरी है। यह एक कंप्यूटर एल्गोरिदम के माध्यम से होता है। रिसर्च में इसी तरीके का इस्तेमाल शोधकर्ताओं ने किया जिसमें 8914 इच्छुक लोगों ने भाग लिया। शोधकर्ताओं को इसके अच्छे नतीजे मिले और वे कुछ हद तक व्यक्ति की क्रिएटिविटी को मापने में कामयाब रहे। शोधकर्ताओं ने कहा है कि क्रिएटिव लोग ज्यादा भिन्न विचार पैदा करने में सक्षम हैं।
शोध निष्कर्ष निकालता है कि किसी शब्द के उलट दूसरा शब्द अधिक दूर तक ले जाने में क्रिएटिव लोग सक्षम पाए गए हैं। यह बात शोधकर्ताओं ने 2021 में प्रकाशित पेपर में कही है। यानी दो भिन्न भिन्न शब्दों के बीच अर्थ संबंधी दूरी को मापकर किसी की सोच के बारे में कहा जा सकता है कि यह कितनी दूर तक जा सकती है और वह व्यक्ति कितना क्रिएटिव हो सकता है।