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सूर्य की इतनी डिटेल इमेज देखी है पहले? ESA के सोलर ऑर्बिटर ने ऐसे किया क्लिक

7 मार्च को यह ऑर्बिटर सूर्य से सिर्फ 75 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर था।

सूर्य की इतनी डिटेल इमेज देखी है पहले? ESA के सोलर ऑर्बिटर ने ऐसे किया क्लिक

इमेज में 83 मिलियन पिक्सल से भी ज्‍यादा हैं। इसका रेजॉलूशन 4K टीवी स्क्रीन से 10 गुना बेहतर है।

ख़ास बातें
  • सूर्य से सिर्फ 75 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर था ऑर्बिटर
  • यह पृथ्वी से सूर्य की दूरी का आधा है
  • 25 तस्‍वीरों को एक मोजेक में जोड़कर बनी यह तस्‍वीर
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यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के सोलर ऑर्बिटर ने सूर्य की नजदीकी उड़ान के दौरान उसकी हाई-रेजॉलूशन इमेज खींची है। सोलर ऑर्बिटर ने सूर्य की फुल डिस्‍क इमेज के साथ उसके वातावरण और कोरोना को भी कैद किया है। 7 मार्च को यह ऑर्बिटर सूर्य से सिर्फ 75 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर था। यह पृथ्वी से सूर्य की दूरी का आधा है। सोलर ऑर्बिटर ने अपने एक्‍ट्रीम अल्ट्रावाइलेट इमेजर (EUI) का इस्‍तेमाल करते हुए लगभग 10 मिनट के एक्सपोजर में 25 इमेज खीचीं। वैज्ञानिकों ने फुल इमेज बनाने के लिए सभी तस्‍वीरों को एक मोजेक में जोड़ दिया, जिसके बाद यह फोटोग्राफ सामने आई है। 

फाइनल इमेज में 83 मिलियन पिक्सल से भी ज्‍यादा हैं। इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि इसका रेजॉलूशन 4K टीवी स्क्रीन से 10 गुना बेहतर है।

EUI के अलावा सौर ऑर्बिटर पर कई इमेजिंग उपकरण हैं। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के मुताबिक, इनमें से एक है स्पेक्ट्रल इमेजिंग ऑफ द कोरोनल एनवायरनमेंट (SPICE)। इसने भी एक इमेज को कैप्चर किया, जिसने 50 साल में अपनी तरह की सूर्य की पहली तस्‍वीर दिखाई है। यह अब तक की सबसे बेस्‍ट है। 

वहीं बात करें EUI की, तो सूर्य की फोटोग्राफ लेने के लिए उसने 17 नैनोमीटर की तरंग दैर्ध्य का उपयोग किया। इससे सूर्य के ऊपरी वायुमंडल और कोरोना भी दिखाई देते हैं, जिनका तापमान लगभग दस लाख डिग्री सेल्सियस है।

वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इन तस्‍वीरों से उन्हें सौर विस्फोट समेत विभिन्न सौर घटनाओं को समझने में मदद मिलेगी। याद रहे कि जब पृथ्वी की दिशा में सौर विस्फोट होते हैं, तो सोलर पार्टिकल्‍स पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से टकराते हैं। इससे कई बार भू-चुंबकीय तूफान भी आते हैं, जिस वजह से पृथ्‍वी पर पावर ग्रिड और कम्‍युन‍िकेशन टावरों के संचालन में असर पड़ता है।

सोलर ऑर्बिटर प्रोजेक्‍ट को यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी और नासा मिलकर चला रहे हैं। सौर ऑर्बिटर और नासा का पार्कर प्रोब जैसे स्‍पेसक्राफ्ट वैज्ञानिकों को सूर्य को इस तरह से देखने में मदद करते हैं। पृथ्वी से यह संभव नहीं है। सोलर ऑर्बिटर को फरवरी 2020 में लॉन्च किया गया था, वहीं पार्कर प्रोब को 2018 में लॉन्च किया गया था। दोनों ही स्‍पेसक्राफ्ट वैज्ञानिकों के लिए महत्‍वपूर्ण साबित हो रहे हैं। 
 
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