पृथ्वी के करीब से एस्टरॉयड्स (Asteroids) का गुजरना जारी है। ये वो चट्टानी ‘आफतें' हैं, जो हमारे ग्रह की तरह ही सूर्य की परिक्रमा करती हैं। जब भी कोई एस्टरॉयड धरती के नजदीक आता है, तो वैज्ञानिक उसे मॉनिटर करते हैं। ऐसा करना बेहद जरूरी है, क्योंकि अगर कोई एस्टरॉयड पृथ्वी से टकरा जाए, तो बड़ी तबाही हो सकती है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) का एस्टरॉयड-वॉच प्रोग्राम यह बताता है कि किस दिन कितने एस्टरॉयड हमारे करीब आ रहे हैं। आज यानी 14 अगस्त का दिन इस लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है। पृथ्वी आज 4 चट्टानी आफतों का सामना करेगी। इनके बारे में विस्तार से जानते हैं।
NASA की
जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के अनुसार, 14 अगस्त को पृथ्वी के करीब आ रहा सबसे बड़ा एस्टरॉयड 110 फुट साइज का हो सकता है। एक हवाई जहाज के जितना बड़ा। इसका नाम है- एस्टरॉयड (2023 PQ)। एस्टरॉयड्स के अपोलो ग्रुप से संबंधित यह एस्टरॉयड जब पृथ्वी के सबसे करीब होगा, तब दोनों के बीच दूरी करीब 7 लाख 56 हजार किलोमीटर रह जाएगी। अंतरिक्ष की विशालता के आगे यह दूरी बेहद मामूली है। इस वजह से यह एस्टरॉयड पृथ्वी के लिए संभावित रूप से खतरनाक की कैटिगरी में शामिल है। हालांकि इसके हमारे ग्रह से टकराने की संभावना नहीं है।
आज पृथ्वी के करीब आ रहे दूसरे एस्टरॉयड का नाम है- एस्टरॉयड (2023 PA1)। यह करीब 98 फुट चौड़ा है यानी एक एयरोप्लेन के बराबर और यह 25 लाख 20 हजार किलोमीटर तक पृथ्वी के करीब आएगा। इसके भी पृथ्वी से टकराने की संभावना नहीं है। तीसरी चट्टानी आफत का नाम है- एस्टरॉयड (2023 OE5)। यह 59 फुट चौड़ा हो सकता है, यानी एक घर के जितता बड़ा। यह भी अपोलो ग्रुप से जुड़ा एस्टरॉयड है और पृथ्वी के करीब आने पर दोनों के बीच दूरी 15 लाख 50 हजार किलोमीटर तक सिमट जाएगी। इसके भी पृथ्वी से टकराने की संभावना नहीं है।
चौथा एस्टरॉयड जो आज पृथ्वी के करीब आ सकता है। उसका नाम है- (2023 PS)। यह करीब 56 फुट चौड़ा है और 25 लाख 40 हजार किलोमीटर की दूरी से पृथ्वी के करीब से गुजर सकता है। इसे भी हमारे ग्रह के लिए संभावित रूप से खतरनाक माना गया है।
नासा के
अनुसार, एस्टरॉयड्स को लघु ग्रह भी कहा जाता है। हमारे सौर मंडल के बाकी ग्रहों की तरह एस्टरॉयड भी सूर्य का चक्कर लगाते हैं। वैज्ञानिक अभी तक 11 लाख 13 हजार 527 एस्टरॉयड का पता लगा चुके हैं।