• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • क्‍या सूर्य निगल गया सैटेलाइट, इंटेलसैट ने ‘गैलेक्‍सी 15 ब्रॉडकास्‍ट’ पर खोया कंट्रोल, जानें पूरा मामला

क्‍या सूर्य निगल गया सैटेलाइट, इंटेलसैट ने ‘गैलेक्‍सी 15 ब्रॉडकास्‍ट’ पर खोया कंट्रोल, जानें पूरा मामला

दुनियाभर की स्‍पेस एजेंसियों ने हाल ही में एक भूचुंबकीय तूफान की चेतावनी जारी की थी। ऐसे तूफान आमतौर पर कोई नुकसान नहीं पहुंचाते, लेकिन तीव्रता ज्‍यादा हो, तो ये सैटेलाइट्स व पावर ग्रिडों को प्रभावित कर सकते हैं।

क्‍या सूर्य निगल गया सैटेलाइट, इंटेलसैट ने ‘गैलेक्‍सी 15 ब्रॉडकास्‍ट’ पर खोया कंट्रोल, जानें पूरा मामला

कंपनी सैटेलाइट पर निर्भर कस्‍टमर्स को बाकी सैटेलाइट्स पर शिफ्ट कर रही है। इसके बाद वह फ‍िर से कंट्रोल हासिल करने की कोशिश करेगी।

ख़ास बातें
  • सैटेलाइट शायद नाममात्र के लिए काम कर रहा है
  • सैटेलाइट पर निर्भर कस्‍टमर्स को बाकी उपग्रहों पर शिफ्ट किया जा रहा है
  • इस सैटेलाइट को ऑर्बिटल साइंसेज कॉरपोरेशन ने तैयार किया था
विज्ञापन
सूर्य में हो रही हलचलों और विस्‍फोटों का असर दिखाई देने लगा है। इंटरनेशनल सैटेलाइट सर्विस फर्म इंटेलसैट (Intelsat) ने अपने एक सैटेलाइट पर नियंत्रण खो दिया है। माना जा रहा है कि अं‍तरिक्ष के मौसम में सैटेलाइट डिसेबल हो गया है। स्‍पेसडॉटकॉम ने Spacenews.com के हवाले से बताया है कि इंटेलसैट ने अपने गैलेक्‍सी 15 ब्रॉडकास्‍ट सैटेलाइट (Galaxy 15 broadcast satellite) पर कंट्रोल खो दिया है। वह कंट्रोल हासिल करने की कोशिश कर रही है। इंटलसैट का मानना है कि संभवत: एक भू-चुंबकीय तूफान (geomagnetic storm) के असर से यह परेशानी सामने आई है। ध्‍यान रहे कि दुनियाभर की स्‍पेस और वेदर एजेंसियों ने हाल ही में एक भूचुंबकीय तूफान की चेतावनी जारी की थी। ऐसे तूफान आमतौर पर कोई नुकसान नहीं पहुंचाते, लेकिन अगर इनकी तीव्रता ज्‍यादा हो, तो ये रेडियो कम्‍युनिकेशन को बाधित कर सकते हैं। साथ ही सैटेलाइट्स व पावर ग्रिडों को प्रभावित कर सकते हैं। 

इंटेलसैट प्रवक्ता मेलिसा लोंगो ने कहा है कि सैटेलाइट शायद नाममात्र के लिए काम कर रहा है। उन्‍होंने कहा कि कंपनी इस सैटेलाइट पर निर्भर कस्‍टमर्स को बाकी सैटेलाइट्स पर शिफ्ट कर रही है। इसके बाद वह एक बार फ‍िर से गैलेक्‍सी 15 ब्रॉडकास्‍ट पर कंट्रोल हासिल करने की कोशिश करेगी। 

रिपोर्टों के अनुसार, गैलेक्सी 15 सैटेलाइट अमेरिका को मीडिया कवरेज प्रदान करता है। इस सैटेलाइट को ऑर्बिटल साइंसेज कॉरपोरेशन ने तैयार किया था और साल 2005 में लॉन्च किया गया था। हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है जब इंटेलसैट ने ‘गैलेक्सी 15' पर कंट्रोल खोया हो। साल 2010 में कंपनी ने आठ महीने से ज्‍यादा समय तक इस सैटेलाइट से अपना संपर्क खो दिया था। जब सैटेलाइट की बैटरी पूरी तरह से खत्म हो गई और इसे रीसेट किया गया, उसके बाद सैटेलाइट और कमांड सेंटर के बीच संपर्क बहाल हो पाया था। 

इस साल सूर्य में काफी हलचल देखी जा रही है। इसकी वजह सूर्य का 11 साल का एक चक्र है, जिसने सूर्य को विचलित किया हुआ है। सूर्य में एक बड़ा सनस्‍पॉट बना हुआ है साथ ही आए दिन कई बड़े सौर फ्लेयर्स और कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई) पैदा हो रहे हैं। कुछ अंतरिक्ष मौसम विशेषज्ञों ने भविष्यवाणी की है कि वर्तमान चक्र रिकॉर्ड किए गए इतिहास में सबसे मजबूत सौर चक्रों में से एक हो सकता है।
 

Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. 18.3 करोड़ पासवर्ड लीक! क्या आपका Gmail अकाउंट सुरक्षित है? ऐसे करें चुटकी में चेक
  2. 4000 से ज्यादा सस्ता मिल रहा 50MP कैमरा, 5110mAh बैटरी वाला Poco का स्मार्टफोन
  3. Realme C85 Pro जल्द होगा लॉन्च, 7,000 mAh हो सकती है बैटरी 
  4. Oppo Find X9, Find X9 Pro Launched: 200MP कैमरा, 16GB रैम और 512GB तक स्टोरेज, जानें कीमत और स्पेसिफिकेशन्स
  5. क्रिप्टोकरेंसी को अदालत ने माना प्रॉपर्टी, इनवेस्टर्स को हो सकता है फायदा
  6. Samsung के Galaxy Z Fold 8 में दी जा सकती है ज्यादा कैपेसिटी वाली बैटरी
  7. Redmi Turbo 5 में मिल सकता है 6.5 इंच LTPS डिस्प्ले
  8. 300-इंच साइज में देखें मूवी और खेलें गेम्स, XElectron ने भारत में लॉन्च किए 2 LED प्रोजेक्टर, जानें कीमत
  9. Samsung ने दिखाया ट्राई-फोल्ड स्मार्टफोन का डिजाइन, जल्द हो सकता है लॉन्च
  10. iQOO 15 अगले महीने होगा भारत में लॉन्च, Snapdragon 8 Elite Gen 5 चिपसेट
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »