Neptune's All clouds have disappeared : हमारे सौरमंडल के सबसे आखिरी ग्रह से पहला ग्रह है नेप्च्यून (Neptune)। इस ग्रह के बारे में वैज्ञानिकों ने एक चौंकाने वाली जानकारी शेयर की है। बताया है कि नेप्च्यून के सभी बादल गायब हो गए हैं। खगोलविदों का कहना है कि 3 दशकों में पहली बार नेप्च्यून ग्रह लगभग पूरी तरह से बादलों से मुक्त है। एनडीटीवी की
रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिकों ने साल 1994 से 2022 के बीच नेप्च्यून ग्रह की तस्वीरों को ऑब्जर्व किया। उन्हें चौंकाने वाली जानकारी हाथ लगी।
वैज्ञानिकों ने 2019 की शुरुआत में एक अजीब पैटर्न देखा। ग्रह के मध्य अक्षांशों (mid-latitudes) के आसपास बादलों की मौजूदगी फीकी होने लगी थी। स्पेसडॉटकॉम के हवाले से
रिपोर्ट में कहा गया है कि आखिरकार ग्रह से सभी बादल गायब हो गए।
2019 के बाद से वैज्ञानिकों ने इस ग्रह के दक्षिणी ध्रुव के चारों ओर सिर्फ सफेद रंग का एक टुकड़ा बहता हुआ देखा है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में खगोल विज्ञान के प्रोफेसर इम्के डी पैटर ने नेप्च्यून से बादलों के गायब होने पर हैरानी जताई है। इम्के डी पैटर इस स्टडी के सीनियर ऑथर हैं।
मामले को विस्तार से समझने के लिए वैज्ञानिकों ने नेप्च्यून को और टटोलने का फैसला किया। उन्होंने केक ऑब्जर्वेट्री (Keck Observatory) द्वारा साल 2002 से 2022 के बीच ली गईं तस्वीरों को देखा। साथ ही हबल टेलिस्कोप और लिक ऑब्जर्वेट्री (Lick Observatory) के डेटा को भी देखा गया। वैज्ञानिकों का मानना है कि नेप्च्यून के बादलों का यह व्यवहार हमारे सूर्य के 11 साल के सौर चक्र से जुड़ा है।
गौरतलब है कि हमारा सूर्य अभी भी अपने 11 साल के सौर चक्र से गुजर रहा है और बहुत अधिक एक्टिव फेज में है। इस वजह से पृथ्वी समेत तमाम ग्रह पर सोलर फ्लेयर (Solar Flare), कोरोनल मास इजेक्शन (CME) की घटनाएं देखने को मिल रही हैं। खगोलविदों की रिपोर्ट कहती है कि जब सूर्य बहुत अधिक एक्टिव होता है, तो नेप्च्यून पर ज्यादा बादल बनने लगते हैं और जब सूर्य कम एक्टिव होता है, तो उसके बादल बिखर जाते हैं। ये निष्कर्ष
इकारस मैगजीन में पब्लिश हुए हैं।