• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • नेप्च्यून ग्रह से गायब हो गए बादल! वैज्ञानिक बोले यह सब सूर्य का किया धरा!

नेप्च्यून ग्रह से गायब हो गए बादल! वैज्ञानिक बोले- यह सब सूर्य का किया-धरा!

Neptune clouds disappeared : वैज्ञानिकों ने साल 1994 से 2022 के बीच नेप्‍च्‍यून ग्रह की तस्‍वीरों को ऑब्‍जर्व किया। उन्‍हें चौंकाने वाली जानकारी हाथ लगी।

नेप्च्यून ग्रह से गायब हो गए बादल! वैज्ञानिक बोले- यह सब सूर्य का किया-धरा!

वैज्ञानिकों का मानना है कि नेप्‍च्‍यून के बादलों का यह व्‍यवहार हमारे सूर्य के 11 साल के सौर चक्र से जुड़ा है।

ख़ास बातें
  • नेप्‍च्‍यून ग्रह के सभी बादल हुए गायब
  • 3 दशकों में पहली बार नेप्च्यून ग्रह से बादल गायब
  • इसका कनेक्‍शन सीधे सूर्य से जुड़ा है
विज्ञापन
Neptune's All clouds have disappeared : हमारे सौरमंडल के सबसे आखिरी ग्रह से पहला ग्रह है नेप्च्यून (Neptune)। इस ग्रह के बारे में वैज्ञानिकों ने एक चौंकाने वाली जानकारी शेयर की है। बताया है कि नेप्च्यून के सभी बादल गायब हो गए हैं। खगोलविदों का कहना है कि 3 दशकों में पहली बार नेप्च्यून ग्रह लगभग पूरी तरह से बादलों से मुक्त है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिकों ने साल 1994 से 2022 के बीच नेप्‍च्‍यून ग्रह की तस्‍वीरों को ऑब्‍जर्व किया। उन्‍हें चौंकाने वाली जानकारी हाथ लगी। 

वैज्ञानिकों ने 2019 की शुरुआत में एक अजीब पैटर्न देखा। ग्रह के मध्य अक्षांशों (mid-latitudes) के आसपास बादलों की मौजूदगी फीकी होने लगी थी। स्‍पेसडॉटकॉम के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि आखिरकार ग्रह से सभी बादल गायब हो गए। 

2019 के बाद से वैज्ञानिकों ने इस ग्रह के दक्षिणी ध्रुव के चारों ओर सिर्फ सफेद रंग का एक टुकड़ा बहता हुआ देखा है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में खगोल विज्ञान के प्रोफेसर इम्के डी पैटर ने नेप्च्यून से बादलों के गायब होने पर हैरानी जताई है। इम्के डी पैटर इस स्‍टडी के सीनियर ऑथर हैं।

मामले को विस्‍तार से समझने के लिए वैज्ञानिकों ने नेप्‍च्‍यून को और टटोलने का फैसला किया। उन्‍होंने केक ऑब्‍जर्वेट्री (Keck Observatory) द्वारा साल 2002 से 2022 के बीच ली गईं तस्‍वीरों को देखा। साथ ही हबल टेलिस्‍कोप और लिक ऑब्‍जर्वेट्री (Lick Observatory) के डेटा को भी देखा गया। वैज्ञानिकों का मानना है कि नेप्‍च्‍यून के बादलों का यह व्‍यवहार हमारे सूर्य के 11 साल के सौर चक्र से जुड़ा है। 

गौरतलब है कि हमारा सूर्य अभी भी अपने 11 साल के सौर चक्र से गुजर रहा है और बहुत अधिक एक्टिव फेज में है। इस वजह से पृथ्‍वी समेत तमाम ग्रह पर सोलर फ्लेयर (Solar Flare), कोरोनल मास इजेक्‍शन (CME) की घटनाएं देखने को मिल रही हैं। खगोलविदों की रिपोर्ट कहती है कि जब सूर्य बहुत अधिक एक्टिव होता है, तो नेप्‍च्‍यून पर ज्‍यादा बादल बनने लगते हैं और जब सूर्य कम एक्टिव होता है, तो उसके बादल बिखर जाते हैं। ये निष्‍कर्ष इकारस मैगजीन में पब्लिश हुए हैं। 

 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Flying Car Video: आ गई उड़ने वाली कार! Rs 2.5 करोड़ है कीमत, सड़क पर चलेगी, आसमान में भी उड़ेगी, देखें वीडियो
  2. भारत में Tesla की सबसे सस्ती कार भी मिलेगी कम से कम Rs 40 लाख में! जानें वजह
  3. Samsung Galaxy Tab S10 FE लॉन्च से पहले Bluetooth SIG सर्टिफिकेशन में दिखा, नए फीचर का खुलासा
  4. MG Motor की Windsor EV को जोरदार रिस्पॉन्स, कंपनी को प्रति दिन मिल रही 200 बुकिंग्स
  5. Infinix ने 40 इंच फुलएचडी डिस्प्ले, 16W साउंड के साथ नया स्मार्ट TV किया लॉन्च, जानें कीमत
  6. iPhone 16e को Rs 4 हजार सस्ता खरीदने का मौका! प्री-ऑर्डर के साथ कंपनी लाई धांसू ऑफर
  7. IND vs PAK Live Streaming: भारत-पाकिस्तान के बीच चैंपियंस ट्रॉफी का महामुकाबला, यहां देखें फ्री!
  8. Tata Motors की बड़ी कामयाबी, 2 लाख से ज्यादा EV की बिक्री
  9. Xiaomi 22.5W फास्ट चार्जर पर भारी छूट, Amazon पर मात्र Rs 599 में खरीदने का मौका!
  10. iPhone 17 में Apple लगाएगी अपनी खुद की WiFi चिप! यहां हुआ खुलासा
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »