दुनिया की सबसे घनी आबादी वाला देश अब दुनिया का सबसे बड़ा टेलीस्कोप भी लगाने की तैयारी कर चुका है। चीन और अमेरिका का तनाव किसी से छुपा नहीं है लेकिन तकनीकी के मामले में भी चीन अमेरिका से पीछे नहीं रहना चाहता है। चीन अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा से 10 कदम आगे निकलने की तैयारी कर चुका है और सब उसके प्लान के मुताबिक हुआ तो वह दुनिया का सबसे बड़ा टेलीस्कोप जल्द ही स्थापित करने में कामयाब हो जाएगा। चीन ने इसे वेरी लार्ज एरिया गामा रे स्पेस टेलीस्कोप (Very Large Area gamma-ray Space Telescope) का नाम दिया है। इसका संक्षिप्त नाम VLAST रखा गया है। टेलीस्कोप का कुछ हिस्सा बनकर तैयार भी हो चुका है।
South China Morning Post की
रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी वैज्ञानिकों ने दुनिया का सबसे बड़ा गामा-रे स्पेस टेलीस्कोप बनाना शुरू किया है जिसके जल्द पूरा करने की कोशिश की जा रही है। नानजिंग पर्पल माउंटेन ऑब्जर्वेटरी, हेफई यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस और लेनझू इंस्टिट्यूट ऑफ मॉडर्न फिजिक्स के शोधकर्ता इस प्रोजेक्ट को मिलकर तैयार कर रहे हैं। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि तकनीकी रूप से यह टेलीस्कोप कितना एडवांस्ड होगा।
वर्तमान में दुनिया का सबसे बड़ा टेलीस्कोप नासा का फर्मी लार्ज एरिया टेलीस्कोप (Fermi Large Area Telescope) है। चीनी वैज्ञानिकों का दावा है कि VLAST टेलीस्कोप नासा के टेलीस्कोप से भी 10 गुना ज्यादा शक्तिशाली होगा। नासा का टेलीस्कोप अब तक दुनिया का सबसे सेंसिटिव गामा रे टेलीस्कोप है। यह नासा के कॉम्पटन गामा रे ऑब्जर्वेटरी का सक्सेसर है जिससे 1991 से 1999 तक काम में लिया गया।
नासा के Fermi Large Area Telescope का फील्ड ऑफ विजन और उसकी आकाश को देखने की क्षमता कॉम्पटन से 2 गुना ज्यादा है, और सेंसिटिविटी 30 गुना ज्यादा है। जबकि चीन Fermi से भी 10 गुना ज्यादा पावरफुल टेलीस्कोप का निर्माण कर रहा है। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि चीनी वैज्ञानिकों द्वारा बनाया जा रहा टेलीस्कोप कितना शक्तिशाली होगा।
गामा रे (Gamma Rays) टेलीस्कोप बनाने के पीछे मकसद है कि ये किरणें प्रकाश का सबसे ज्यादा ऊर्जा वाला रूप होती हैं। इनकी एनर्जी साधारण रूप से दिखने वाली रोशनी से खरबों गुना ज्यादा होती है। इन्हें आसानी से देखा या ढूंढा नहीं जा सकता है। तारों के विस्फोट के दौरान और ब्लैक होल आदि से गामा रे निकलती रहती हैं। गामा रे की मदद से वैज्ञानिक स्पेस में दूर तक जा सकते हैं और चल रही खगोलीय घटनाओं का पता लगा सकते हैं।