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30 हजार किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड से 95 फीट की चट्टान पहुंच रही है धरती के पास!

नासा की जेट प्रॉपल्शन लेबोरेटरी (JPL) की ओर से आज एस्टरॉयड 2022 BS2 के लिए अलर्ट जारी किया गया है।

30 हजार किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड से 95 फीट की चट्टान पहुंच रही है धरती के पास!

नासा की जेट प्रॉपल्शन लेबोरेटरी (JPL) की ओर से आज एस्टरॉयड 2022 BS2 के लिए अलर्ट जारी किया गया है।

ख़ास बातें
  • नासा 13 लाख से ज्यादा एस्टरॉयड की पहचान कर चुकी है।
  • ये खनिज पदार्थों और चट्टानी पत्थरों से बने होते हैं।
  • इनका साइज 500 फीट से लेकर कई किलोमीटर तक बड़ा सकता है।
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सौरमंडल अरबों साल पुराना है। इसके सभी ग्रह सूर्य के चारों ओर घूमते हैं। इनके साथ एस्टरॉयड भी चक्कर लगाते रहते हैं। सौरमंडल में एस्टरॉयड बड़ी संख्या में पाए जाते हैं। धरती के करीब 16 हजार एस्टरॉयड की भीड़ घूम रही है। इसलिए इन दिनों लगातार पृथ्वी का सामना एस्टरॉयड से हो रहा है। कई बार एस्टरॉयड पृथ्वी के इतने करीब आ जाते हैं कि इनकी टक्कर भी हो सकती है। नासा ने आज एक भारी भरकम एस्टरॉयड के लिए अलर्ट जारी किया है। 

नासा की जेट प्रॉपल्शन लेबोरेटरी (JPL) की ओर से आज एस्टरॉयड 2022 BS2 के लिए अलर्ट जारी किया गया है। यह 27 जनवरी 2022 को खोजा गया था। एस्टरॉयड अपोलो ग्रुप से संबंधित बताया गया है। यह 380 दिन में सूर्य के चारों ओर अपनी एक परिक्रमा पूरी कर लेता है। यह 95 फीट का चट्टानी टुकड़ा है जो तूफानी गति से धरती की ओर चला आ रहा है। इसकी स्पीड 29585 किलोमीटर प्रतिघंटा बताई गई है। यह 8 फरवरी 2048 को फिर से लौटने वाला है। नासा ने अभी तक इसके धरती से टकराने जैसी सूचना जारी नहीं की है। 

धरती से एस्टरॉयड की टक्कर बहुत ही दुर्लभ घटना मानी जाती है। लेकिन संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। क्योंकि ग्रह के आकार से तुलना की जाए तो एस्टरॉयड आकार में काफी छोटे होते हैं। पृथ्वी की बात करें तो इसका व्यास 12,756 किलोमीटर का है। स्पेस शटल को धरती का एक फेरा लगाने में 27,880 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से भी 90 मिनट, यानि कि 1.5 घंटा लग जाता है। आप इसके आकार की कल्पना कर सकते हैं कि यह कितना बड़ा है। ऐसे में इसका गुरुत्वाकर्षण भी बहुत शक्तिशाली है। नेशनल साइंस फाउंडेशन के मुताबिक, पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण इतना शक्तिशाली है कि यह 9.8 मीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से किसी वस्तु को अपनी ओर खींच सकता है। ऐसे में कई बार उल्का पिंड और एस्टरॉयड भी धरती की ओर खिंचे चले आते हैं। 

ऊबड़ खाबड़ आकार लिए ये भारी भरकम पत्थर इन दिनों एक के बाद एक धरती की ओर रुख कर रहे हैं और इसके पास से होकर गुजर रहे हैं। एस्टरॉयड सौरमंडल के एक बड़े हिस्से में फैले हैं। अधिकतर एस्टरॉयड मंगल और बृहस्पति की कक्षा के बीच के खाली क्षेत्र में मौजूद बताए जाते हैं। नासा 13 लाख से ज्यादा एस्टरॉयड की पहचान कर चुकी है। ये खनिज पदार्थों और चट्टानी पत्थरों से बने होते हैं। इनका साइज 500 फीट से लेकर कई किलोमीटर तक बड़ा सकता है। ऐसे में नासा एस्टरॉयड से सावधान करती रहती है। 
 
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हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

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