धरती के लिए कभी खतरा बने एस्ट्रॉइड की चंद्रमा से टकराने की आशंका

इस एस्ट्रॉइड की चंद्रमा से टकराने की आशंका 3.8 प्रतिशत से कुछ बढ़कर 4.3 प्रतिशत हो गई है। NASA का कहना है कि इस एस्ट्रॉइड के असर डालने की कुछ आशंका है

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Written by आकाश आनंद, अपडेटेड: 15 जून 2025 14:47 IST
ख़ास बातें
  • इस एस्ट्रॉइड को 2024 YR4 कहा जा रहा है
  • इसका साइज 10 मंजिल की एक बिल्डिंग के समान है
  • एस्ट्रोनॉमर्स इस एस्ट्रॉइड के खतरे की लगातार निगरानी कर रहे हैं

इसका साइज 10 मंजिल की एक बिल्डिंग के समान है

अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने एक ऐसे एस्ट्रॉइड के बारे में जानकारी दी है जो 2032 में चंद्रमा से टकरा सकता है। पिछले वर्ष इस एस्ट्रॉइड के धरती पर असर डालने की आशंका बनी थी। इस एस्ट्रॉइड को 2024 YR4 कहा जा रहा है। इसका व्यास लगभग 53-67 मीटर का है। इसका साइज 10 मंजिल की एक बिल्डिंग के समान है। 

पिछले वर्ष के अंत में इसका पता लगाया गया था। इसे Apollo प्रकार के एस्ट्रॉइड के तौर पर वर्गीकृत किया गया है। धरती से इस एस्ट्रॉइड को नहीं देखा जा सकता है क्योंकि टेलीस्कोप से इसे देखने के लिए इसकी दूरी बहुत अधिक है। NASA के James Webb Space Telescope (JWST) ने इसके सूर्य के निकट अपने ऑर्बिट में गायब होने से पहले अंतिम बार देखा था। अमेरका के कैलिफोर्निया में NASA के Center for Near-Earth Object Studies की Jet Propulsion Laboratory के एक्सपर्ट्स ने अतिरिक्त जानकारी की सहायता से इस एस्ट्रॉइड के ऑर्बिट के बारे में बताया है। 

इस एस्ट्रॉइड की चंद्रमा से टकराने की आशंका 3.8 प्रतिशत से कुछ बढ़कर 4.3 प्रतिशत हो गई है। NASA का कहना है कि इस एस्ट्रॉइड के असर डालने की कुछ आशंका है लेकिन यह चंद्रमा के ऑर्बिट में बदलाव नहीं करेगा। हालांकि, एस्ट्रोनॉमर्स इस एस्ट्रॉइड के खतरे की लगातार निगरानी कर रहे हैं। इसके अलावा इसके संभावित रास्ते को भी समझने का प्रयास किया जा रहा है। 

हाल ही में NASA ने बताया था कि सूर्य की बढ़ती एक्टिविटी से Starlink के कॉन्स्टेलेशन में मौजूद सैटेलाइट्स को नुकसान हो रहा है। इन स्टैलाइट्स को बिलिनेयर Elon Musk की स्पेस एक्सप्लोरेशन से जुड़ी SpaceX ने लॉन्च किया था। NASA के Goddard Space Flight Centre में स्पेस फिजिसिस्ट, Denny Oliveira ने पिछले कुछ वर्षों में धरती पर वापस गिरे स्टारलिंक के 523 सैटेलाइट्स पर एक स्टडी की अगुवाई की है। इस स्टडी में पता चला है कि सूर्य में विस्फोटों से बनने वाले जियोमैग्नेटिक तूफानों से वातावरण में खिंचाव बढ़ता है और इससे सैटेलाइट्स ऑर्बिट से गिरकर तेजी से वातावरण में दोबारा एंट्री करते हैं। NASA की टीम ने इस स्टडी में लिखा है, "यह स्पष्ट पता चलता है कि मौजूदा सोलर साइकल की तेज सोलर एक्टिविटी का स्टारलिंक के सैटेलाइट्स पर बड़ा असर हुआ है। यह लो-अर्थ ऑर्बिट में सैटेलाइट्स की संख्या और सोलर एक्टिविटी मानव इतिहास में सबसे अधिक है।" 
 

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