Asteroid : हमारी पृथ्वी हर रोज एस्टरॉयड का सामना कर रही है। अलग-अलग साइज के एस्टरॉयड पृथ्वी के करीब से गुजर रहे हैं, लेकिन अभी तक किसी ने नुकसान पहुंचाने की कोशिश नहीं की है। एक बार फिर से एयरोप्लेन जितना बड़ा एस्टरॉयड पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है। इसका नाम है- 2025 AY2। नाम से पता चल जाता है कि एस्टरॉयड को इसी साल खोजा गया है। नासा के
अनुसार, यह 220 फीट बड़ा है और 83 हजार 788 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है। अनुमान है कि आज यह धरती के करीब से गुजरेगा। तब दोनों के बीच दूरी 67 लाख 90 हजार किलोमीटर रह जाएगी।
67.90 लाख किलोमीटर की दूरी वैसे तो बहुत अधिक होती है, लेकिन अंतरिक्ष की विशालता के आगे यह बहुत कम है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) उन सभी एस्टरॉयड को पृथ्वी के लिए संभावित रूप से खतरनाक मानती है जो 80 लाख किलोमीटर या उससे भी कम दूरी से पृथ्वी के करीब से गुजरते हैं।
इस एस्टरॉयड का पता नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी ने लगाया है। हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि एस्टरॉयड की वजह से पृथ्वी को कोई नुकसान नहीं होगा। पर वैज्ञानिक आखिरी वक्त तक इस चट्टानी आफत को मॉनिटर करेंगे। अगर कोई एस्टरॉयड अपनी दिशा बदल ले और पृथ्वी से टकरा जाए तो बड़े पैमाने पर नुकसान की वजह बन सकता है।
अतीत में एक ऐसा वाकया हुआ है जब एस्टरॉयड के कारण पृथ्वी पर एक प्रजाति का विनाश हो गया। वैज्ञानिक मानते आए हैं कि करीब 6.6 करोड़ साल पहले एस्टरॉयड की टक्कर के कारण हमारी धरती से डायनासोर खत्म हो गए। पिछले साल जर्मनी के आसमान में एक एस्टरॉयड पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश के बाद जल गया था।
एस्टरॉयड क्या हैं
एस्टरॉयड को लघु ग्रह भी कहा जाता है। ये भी सूर्य की परिक्रमा करते हैं। नासा के अनुसार, लगभग 4.6 अरब साल पहले हमारे सौरमंडल का निर्माण शुरू हुआ। उस दौरान जो चट्टानें बची रह गईं, वही एस्टरॉयड हैं। वैज्ञानिक अभी तक 11 लाख से ज्यादा एस्टरॉयड को ढूंढ चुके हैं।