• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • Artemis 1 : चांद के 130Km नजदीक तक पहुंचा ओरियन स्‍पेसक्राफ्ट, 50 साल पुराना वाकया आया याद, आप भी जानें

Artemis 1 : चांद के 130Km नजदीक तक पहुंचा ओरियन स्‍पेसक्राफ्ट, 50 साल पुराना वाकया आया याद, आप भी जानें

Nasa Artemis 1 Mission : करीब 50 साल बाद यह मौका आया है। 50 साल पहले नासा के अपोलो 17 मिशन ने उड़ान भरी थी, तब इंसानों को चंद्रमा पर ले जाया गया था।

Artemis 1 : चांद के 130Km नजदीक तक पहुंचा ओरियन स्‍पेसक्राफ्ट, 50 साल पुराना वाकया आया याद, आप भी जानें

Nasa Artemis 1 Mission : 16 नवंबर को लॉन्‍च हुए आर्टेमिस 1 मिशन का मकसद यह स्‍थापित करना है कि भविष्‍य में इंसान को चांद पर दोबारा कैसे भेजा जाए।

ख़ास बातें
  • यह चंद्रमा से सिर्फ 130 किलोमीटर ऊपर था
  • इससे पहले अपोलो 17 मिशन ने किया था चंद्रमा पर लैंड
  • करीब 50 साल बाद ऐसा मौका फ‍िर से आया है
विज्ञापन
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) के आर्टिमिस 1 (Artemis 1) मिशन ने नया रिकॉर्ड बनाया है। चांद पर रवाना हुआ नासा का ओरियन स्‍पेसक्राफ्ट (Orion Spacecraft) चंद्रमा की सतह के बेहद करीब पहुंच गया। यह चंद्रमा से सिर्फ 130 किलोमीटर ऊपर था। करीब 50 साल बाद यह मौका आया है। 50 साल पहले नासा के अपोलो 17 मिशन ने उड़ान भरी थी, तब इंसानों को चंद्रमा पर ले जाया गया था। अब जाकर यह मौका आया है, जब कोई स्‍पेसक्राफ्ट चंद्रमा के इतने नजदीक पहुंचा है।    

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने अपनी वेबसाइट पर बताया है कि चंद्रमा का यह सफर अब अपनी वापसी पर है। पृथ्वी से लगभग 270,000 मील की दूरी पर पहुंचने के बाद ओरियन स्‍पेसक्राफ्ट धरती के लिए लौट रहा है। फ्लाईबाई बर्न शुरू होते ही स्‍पेसक्राफ्ट धरती पर लौटने लगा है। ध्‍यान रहे कि ‘पावर्ड फ्लाईबाई बर्न' का खासतौर पर स्‍पेसक्राफ्ट का वेग (velocity) बदलने के लिए डिजाइन किया गया है।  

16 नवंबर को लॉन्‍च हुए आर्टेमिस 1 मिशन का मकसद यह स्‍थापित करना है कि भविष्‍य में इंसान को चांद पर दोबारा कैसे भेजा जाए। मिशन के शुरुआती दिनों में ओरियन स्‍पेसक्राफ्ट नासा के लिए चुनौती भी लेकर आया था। नासा के मिशन कंट्रोलर्स ने ओरियन स्‍पेसक्राफ्ट के साथ संपर्क खो दिया था। हालांकि करीब 47 मिनट बाद संपर्क बहाल हो गया था।  

नासा ने यह भी संभावना जताई है कि इस दशक के अंत तक इंसान चंद्रमा पर लंबे समय के लिए रहने लगेगा। एजेंसी का कहना है कि आर्टेमिस मिशन हमें एक स्थायी प्‍लेटफॉर्म और ट्रांसपोर्टेशन सिस्‍टम में सक्षम बनाता है। यह हमें सीखने की अनुमति देता है कि उस डीप स्‍पेस एनवायरनमेंट में कैसे काम किया जाए। 

वैज्ञानिकों की मानें, तो चंद्रमा पर स्‍थायी बेस बनाने में ओरियन स्‍पेसक्राफ्ट बड़ी भूमिका निभाएगा। यह चंद्रमा पर ऐसी जगहों की तलाश करेगा, जहां इंसानों के रहने के लिए बेस बनाया जा सकता है। नासा चंद्रमा पर आर्टेमिस बेस कैंप बनाना चाहती है। इसमें एक मून केबिन और मोबाइल घर होगा। इसमें अंतरिक्ष यात्री 2 महीने बिता सकेंगे। चंद्रमा के बेस पर एक रोवर रहेगा, तो वैज्ञानिकों को चंद्रमा की सतह के बारे में जानकारी जुटाने में मदद करेगा।  
 

Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. iQOO Neo 10 Pro+ हो रहा 20 मई को लॉन्च, स्पेसिफिकेशंस का हो गया पहले ही खुलासा
  2. Oppo 15 मई को लॉन्च करेगी 20000mAh पावर बैंक: इनबिल्ट केबल, टॉर्च, फास्ट चार्जिंग और बहुत कुछ!
  3. UPI Down: यूपीआई नहीं कर रहा Paytm, PhonePe, GPay पर काम, ऐसे हो सकता है ठीक
  4. Panasonic ने 10,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला!
  5. Sony Xperia 1 VII की कीमत हुई लीक, लॉन्च से पहले जानें फीचर्स से लेकर सबकुछ
  6. Vivo S30, S30 Pro Mini के स्पेसिफिकेशंस का हुआ खुलासा, मई में होंगे लॉन्च!
  7. Samsung Galaxy S25 Edge Launched: 200MP कैमरा, 5.8mm स्लिम बॉडी वाला सैमसंग स्मार्टफोन लॉन्च
  8. iPhone 16 Pro Max पर आई तगड़ी डील, 15,700 रुपये गिरी कीमत
  9. Samsung के Galaxy Z Flip FE में हो सकता है Exynos 2400 चिपसेट
  10. मलेशिया में गैर कानूनी क्रिप्टो माइनिंग से इलेक्ट्रिसिटी की चोरी 300 प्रतिशत बढ़ी
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »