अमेरिका और रूस के बीच चल रही वर्चस्व की लड़ाई फरवरी महीने में तब सुर्खियों में आई थी, जब दोनों देश स्पेस में आमने-सामने आ गए थे। मीडिया रिपोर्टों में कहा गया था कि अमेरिका और रूस के दो सैटेलाइट्स आपस में टकरा सकते हैं। अब खुलासा हुआ है कि ‘कॉसमॉस 2221' (Cosmos 2221) नाम का रूसी अंतरिक्ष यान स्पेस में 10 मीटर की दूरी से गुजरते हुए एक अमेरिकी सैटेलाइट के करीब आ गया था। यह खतरनाक स्थिति है। एक्सपर्ट का दावा है कि दो सैटेलाइटों के इतने नजदीक आने और कोई गलती होने पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं। यह पृथ्वी पर जीवन को खतरे में डाल सकता है।
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रिपोर्टों के अनुसार, नासा की डेप्युटी एडमिनिस्ट्रेटर और पूर्व एस्ट्रोनॉट कर्नल पाम मेलरॉय ने घटना पर अपनी राय दी है। अमेरिका के कोलोराडो में एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह व्यक्तिगत तौर पर और नासा में हम सभी के लिए बहुत चौंकाने वाली चीज थी। उन्होंने बताया कि हमारा टाइम्ड (Timed) सैटेलाइट रूस के निष्क्रिय जासूसी सैटेलाइट के साथ टकराने से बाल-बाल बच गया।
उन्होंने कहा कि अगर दोनों सैटेलाइट आपस में टकराते, तो मलबे के छोटे-छोटे टुकड़े 10 हजार मील प्रति घंटे की स्पीड से यात्रा करते हुए पृथ्वी पर इंसानी जीवन को खतरे में डाल सकते थे। उन्होंने अंतरिक्ष में मौजूद छोटी-छोटी चीजों से होने वाले नुकसार पर भी बात की।
गौरतलब है कि स्पेस कचरा बीते कई वर्षों में लगातार बढ़ा है। दुनियाभर की अंतरिक्ष एजेंसियां अपने सैटेलाइट अंतरिक्ष में पहुंचा रही हैं, जो एक निश्चित वक्त के बाद निष्क्रिय हो जाते हैं और कचरे के तौर पर तैरते रहते हैं। इसे
आंकड़ों में समझें तो 4 फरवरी 2022 तक के डेटा से पता चलता है कि रूस की 7 हजार से अधिक रॉकेट बॉडी कचरे के तौर पर स्पेस में घूम रही हैं।
लिस्ट में दूसरे नंबर पर अमेरिका है। 5,216 स्पेस कचरे के टुकड़ों के साथ अमेरिका अंतरिक्ष में मलबे को बढ़ा रहा है। अमेरिका के बाद लिस्ट में चीन का नंबर है। तीसरे नंबर पर मौजूद चीन ने 3,845 मलबे के टुकड़ों को अंतरिक्ष में छोड़ा हुआ है, जो भविष्य में स्पेस मिशनों के लिए चुनौती बन सकते हैं। जापान और फ्रांस क्रमश: चौथे और पांचवें नंबर पर हैं। इनके 520 और 117 मलबे के टुकड़े अंतरिक्ष कचरे को बढ़ा रहे हैं।