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अंतरिक्ष को ‘गंदा’ करने वाले देशों में भारत छठे नंबर पर, जानें कौन हैं टॉप-3 देश

Space debris : जब भी अंतरिक्ष मलबे की बात आती है, तो चीन का जिक्र होता है। अमेरिका और वहां की स्‍पेस एजेंसी नासा आरोप लगाते रहते हैं कि चीन अपने अंतरिक्ष कार्यक्रमों के जरिए स्‍पेस कचरे को बढ़ा रहा है।

अंतरिक्ष को ‘गंदा’ करने वाले देशों में भारत छठे नंबर पर, जानें कौन हैं टॉप-3 देश

Space debris : आंकड़े बताते हैं कि स्‍पेस कचरे के मामले में चीन से आगे कई और देश हैं।

ख़ास बातें
  • लिस्‍ट में सबसे ऊपर रूस, अमेरिका और चीन हैं
  • उनके मुकाबले भारत काफी पीछे है
  • जापान, फ्रांस, ब्रिटेन भी इस लिस्‍ट में शामिल हैं
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अंतरिक्ष मलबे से आप क्‍या समझते हैं? इसे अंतरिक्ष का कचरा (space debris) भी कहते हैं, जो खराब हो चुके सैटेलाइट्स से लेकर पेंट के गुच्‍छों तक स्‍पेस में तैर रहा है। जब भी अंतरिक्ष मलबे की बात आती है, तो चीन का जिक्र होता है। अमेरिका और वहां की स्‍पेस एजेंसी नासा (Nasa) आरोप लगाते रहते हैं कि चीन अपने अंतरिक्ष कार्यक्रमों के जरिए स्‍पेस कचरे को बढ़ा रहा है। हालांकि आंकड़े बताते हैं कि स्‍पेस कचरे के मामले में चीन से आगे कई और देश हैं। नासा के पास मौजूद डेटा का इस्‍तेमाल करते हुए जर्मन डेटाबेस कंपनी स्टेटिस्टा (Statista) ने उन देशों की एक लिस्‍ट जारी की है, जो सबसे ज्‍यादा अंतरिक्ष कचरा पैदा करने के लिए जिम्मेदार हैं।

आपके अनुमान से इस लिस्‍ट में सबसे ऊपर कौन हो सकता है। क्‍या अमेरिका? ऐसा नहीं है। लिस्‍ट में सबसे आगे है रूस। स्टेटिस्टा ने नासा के ऑर्बिटल डेब्रिस क्वार्टरली न्यूज के 4 फरवरी 2022 तक के आंकड़ों का हवाला देते हुए यह बताया है। कहा गया है कि रूस की 7 हजार से अधिक रॉकेट बॉडी कचरे के तौर पर स्‍पेस में घूम रही हैं। 

लिस्‍ट में दूसरे नंबर पर अमेरिका है। 5,216 स्‍पेस कचरे के टुकड़ों के साथ अमेरिका अंतरिक्ष में मलबे को बढ़ा रहा है। अमेरिका के बाद लिस्‍ट में चीन का नंबर है। तीसरे नंबर पर मौजूद चीन ने 3,845 मलबे के टुकड़ों को अंतरिक्ष में छोड़ा हुआ है, जो भविष्‍य में स्‍पेस मिशनों के लिए चुनौती बन सकते हैं। जापान और फ्रांस क्रमश: चौथे और पांचवें नंबर पर हैं। इनके 520 और 117 मलबे के टुकड़े अंतरिक्ष कचरे को बढ़ा रहे हैं। 

लिस्‍ट में भारत भी शामिल हैं। छठी पोजिशन पर मौजूद भारत ने अंतरिक्ष मलबे के रूप में 114 टुकड़ों को वहां छोड़ा हुआ है। लिस्‍ट में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी सातवें नंबर पर है। उसके मिशनों के 60 टुकड़े अंतरिक्ष में कचरे के रूप में तैर रहे हैं। यूनाइटेड किंगडम भी लिस्‍ट में शामिल हैं। 8वें नंबर पर काबिज UK ने भी अपने मिशन के दौरान 1 मलबे के टुकड़े को अंतरिक्ष में छोड़ दिया है। 

बाहरी अंतरिक्ष में मलबा फेंका जाना आने वाले बड़ी परेशानी बन सकता है। इससे भविष्‍य में मिशन लॉन्‍च करते समय मलबे के तौर मौजूद ये टुकड़े हमारे सैटेलाइट्स से टकराकर उन्‍हें नुकसान पहुंचा सकते हैं। अंतरिक्ष कचरा तब पैदा होता है जब किसी अं‍तरिक्ष एजेंसी का कोई मिशन पूरा हो जाता है और एजेंसी उस सैटेलाइट या स्‍पेसक्राफ्ट को यूं ही छोड़ देती है। वह अं‍तरिक्ष में तैरता रहता है। 
 

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