एलियंस और UFO के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानने के लिए दुनियाभर के देश मेहनत कर रहे हैं। अमेरिका इनमें सबसे आगे है। वहां के टॉप एयरोस्पेस इंजीनियर और साइंटिस्ट लोगों को UFO से सुरक्षित करने के लिए काम कर रहे हैं। अब एक प्रोजेक्ट शुरू किया जा रहा है, जिसके तहत UAP (अनआइडेंटिफाइड एरियल फिनॉमिना) को स्टडी किया जाएगा। अमेरिकी प्रशासन इस बात को स्वीकार करने लगा है कि UAP और UFO जैसी चीजें मिलिट्री और कमर्शल एयरक्राफ्ट के लिए सुरक्षा खतरा पैदा करते हैं। नए प्रोजेक्ट का मकसद उस खतरे को कम करना है।
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रिपोर्ट में बताया है कि अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ एरोनॉटिक्स एंड एस्ट्रोनॉटिक्स और नासा (Nasa) ने एक टेक्नॉलजी को स्टडी करने के लिए 3 कमिटियों की स्थापना की है, जो यह समझेगी कि घुसपैठ की वजह से पायलट और यात्रियों की सुरक्षा कैसे प्रभावित होती है। कमिटी में शामिल एक पूर्व नौसेना लड़ाकू पायलट रयान ग्रेव्स ने कहा कि हम एक नए क्षेत्र में कदम रख रहे हैं।
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सार्वजनिक सुनवाई के बाद उठाया गया है, जो इस साल मई में हुई थी। इस सुनवाई में टॉप अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने कहा था कि पिछले 20 साल में आकाश में उड़ने वाली अज्ञात वस्तुओं की संख्या बढ़ गई है। रक्षा अधिकारी ने यह जानकारी अमेरिकी सांसदों को दी थी। इसके बाद जून में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने कहा था कि वह एलियन या UFO का रहस्य पता करने के लिए वैज्ञानिकों की स्पेशल टीम बना रही है।
बहरहाल, मौजूदा मिशन का मकसद UAP के बारे में वैज्ञानिक जानकारी को बढ़ाना और विमानन सुरक्षा में सुधार करना है। मिशन का अंतिम उद्देश्य उन UFO के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानना है, जो वास्तव में अस्पष्ट हैं। माना जा रहा है कि मिशन से जुड़ा साइंटिफिक फ्रेमवर्क इस साल के आखिर तक पूरा हो जाएगा। 2023 के अंत तक पहली ‘स्टेट ऑफ टेक रिपोर्ट' जारी करने की योजना है।
इस साल मई में पेंटागन के अधिकारी ने अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों को बताया था कि पिछले 20 साल में कुल 400 UFO देखे गए हैं और यह आंकड़ा पहले से दोगुना हो गया है। हालांकि पेंटागन के अधिकारियों ने यह साफ किया था कि किसी तरह की अलौकिक उत्पत्ति का सबूत उनके सामने नहीं आया है।