डायनासोर को खत्‍म करने वाले एस्‍टरॉयड से भी बड़ा धूमकेतु आ रहा पृथ्‍वी की तरफ, टेंशन में वैज्ञानिक!

वैज्ञानिक और रिसर्चर्स इस धूमकेतु को देखकर हैरान हैं। इसकी वजह इसका न्‍यूक्लियस है। 18 किलोमीटर चौड़े न्‍यूक्लियस वाला यह धूमकेतु अभी भी एक्टिव है।

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प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 4 जुलाई 2022 13:24 IST
ख़ास बातें
  • माउंट एवरेस्‍ट के जितना साइज है इसका
  • इसके साइज की वजह से चिंता में हैं वैज्ञानिक
  • इसे पहली बार साल 2017 में खोजा गया था

कई वैज्ञानिक अनुमान लगा रहे हैं कि यह पृथ्‍वी से टकरा सकता है।

हाल ही में हमने आपको बताया था कि एक विशाल धूमकेतु (comet) हमारी पृथ्‍वी की ओर बढ़ रहा है। इसका साइज काफी बड़ा है। अनुमान है कि यह हमारी पृथ्‍वी के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट एवरेस्‍ट से लगभग दोगुना बड़ा है। C/2017 K2 (PanSTARRS) नाम के इस धूमकेतु के पृथ्‍वी की ओर बढ़ने की पुष्टि अब अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने भी की है। कुछ नई जानकारियां सामने आई हैं, उनके मुताबिक यह विशाल धूमकेतु हमारे सौर मंडल के भीतरी भाग में प्रवेश कर गया है और 14 जुलाई को पृथ्वी से गुजरने वाला है।

बताया जाता है कि यह धूमकेतु उन एस्‍टरॉयड से बहुत बड़ा है, जिन्होंने हजारों साल पहले पृथ्वी पर कहर बरपाया था। रिपोर्टों के अनुसार, यह धूमकेतु हमारे पड़ोसी ग्रह मंगल को पार कर चुका है और पृथ्वी के पास आ रहा है। वैज्ञानिक और रिसर्चर्स इस धूमकेतु को देखकर हैरान हैं। इसकी वजह इसका न्‍यूक्लियस है। 18 किलोमीटर चौड़े न्‍यूक्लियस वाला यह धूमकेतु अभी भी एक्टिव है। कई वैज्ञानिक अनुमान लगा रहे हैं कि यह पृथ्‍वी से टकरा सकता है। 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह धूमकेतु उस एस्‍टरॉयड से भी बड़ा है, जिसके नुकसान से हमारी पृथ्‍वी से डायनासोर खत्‍म हो गए थे। वैज्ञानिक धूमकेतु के आकार की वजह से इसको लेकर चिंतित हैं। हालांकि अनुमान है कि जब यह धूमकेतु पृथ्‍वी के सबसे नजदीक होगा, तब भी इसकी पृथ्‍वी से दूरी 270 मिलियन किलोमीटर होगी। कहा जा रहा है कि‍ यह पृथ्‍वी के जितना करीब आ रहा है, उतना ही चमकदार होता जा रहा है। 

गौर करने वाली बात यह है कि इस धूमकेतु को पहली बार साल 2017 में स्‍पॉट किया गया था। हवाई में लगे पैन-स्टार्स सर्वे इंस्‍ट्रूमेंट की मदद से इसे देखा गया था और यह पृथ्वी और हमारे इनर सोलर सिस्‍टम की ओर बढ़ रहा था। रिपोर्टों के अनुसार, इस धूमकेतु का न्‍यूक्लियस लगभग 18 किलोमीटर का है। इसी से अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह माउंट एवरेस्‍ट से भी दोगुने आकार का होगा। 

जब इसे खोजा गया था, तब इसके और पृथ्‍वे के बीच की दूरी 2.4 अरब किलोमीटर थी। यह पृथ्वी से सूर्य की दूरी का 16 गुना से भी ज्‍यादा है। उस समय यह धूमकेतु शनि ग्रह के आसपास था। फ‍िलहाल यह पृथ्‍वी की ओर बढ़ रहा है, लेकिन वैज्ञानिकों ने इससे किसी तरह की खतरे की बात नहीं कही है। 
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इसके अलावा धूमकेतु और एस्‍टरॉयड के बीच अंतर को समझना भी जरूरी है। एस्‍टरॉयड एक छोटी चट्टानी चीज होती है। दूरबीन की मदद से इसे देखे जाने पर यह किसी प्रकाश बिंदु के रूप में दिखाई देता है। ज्‍यादातर एस्‍टरॉयड मंगल और बृहस्पति ग्रह की कक्षा के बीच एक वलय में पाए जाते हैं। कुछ एस्‍टरॉयड गोल होते हैं, कुछ लंबे होते हैं। जबकि कुछ का अपना उपग्रह भी होता है। एस्‍टरॉयड और धूमकेतु दोनों सूर्य की परिक्रमा करते हैं। लेकिन एक धूमकेतु बर्फ और धूल से बना होता है। जब यह सूर्य के करीब आता है, तो उसकी बर्फ और धूल वाष्पित होने लगती है। 
 
 

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ये भी पढ़े: Comet, NASA, Science News In Hindi, Earth, Asteroid
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