एस्टरॉयड (Asteroid) इन दिनों पृथ्वी के लिए बड़ा खतरा बनकर मंडरा रहे हैं। ये छोटे चट्टानी टुकड़े होते हैं जो सूर्य का चक्कर लगाते हैं। ये ग्रहों से बहुत छोटे होते हैं। नासा के अनुसार, 4.6 अरब साल पहले जब हमारे सौरमंडल का निर्माण हुआ था, तभी से ये अस्तित्व में हैं। हमारे सौरमंडल में एस्टरॉयड काफी संख्या में तैर रहे हैं। इनमें से अधिकतर मुख्य एस्टरॉयड बेल्ट में मौजूद हैं। यह एस्टरॉयड बेल्ट मंगल और बृहस्तपति की कक्षाओं के बीच में स्थित बताई जाती है।
नासा के अनुसार
एस्टरॉयड मेन बेल्ट के अलावा अन्य जगहों पर भी पाए जाते हैं। ये ग्रहों की कक्षा में भी मौजूद बताए जाते हैं। जिसका अर्थ है कि ये ग्रह के साथ-साथ ही उसी कक्षा में सूर्य का चक्कर लगाते रहते हैं।
पृथ्वी जिस कक्षा में सूर्य के चारों ओर घूमती है, उसमें भी एस्टरॉयड मौजूद हैं। इस तरह से एस्टरॉयड कभी भी अपनी कक्षा में घूमते हुए ग्रहों के रास्ते में आ सकते हैं। नासा अपनी जेट प्रॉपल्शन लेबोरेटरी के माध्यम से लगातार इन पर नजर रखती है। पिछले कुछ समय से ये लगातार पृथ्वी के करीब से होकर गुजर रहे हैं।
आज
नासा ने 2 एस्टरॉयड के धरती के करीब आने का अलर्ट जारी किया है।
Jet Propulsion Laboratory के अनुसार, एस्टरॉयड
2023 JB3 आज धरती के बेहद करीब आने वाला है। करीब आने पर दोनों खगोलीय पिंडों के बीच की दूरी 5,420,000 किलोमीटर ही रह जाएगी। यह दूरी 55 लाख किलोमीटर से भी कम है। जबकि 75 लाख किलोमीटर के दायरे में आने वाले एस्टरॉयड पृथ्वी के लिए खतरा माने जाते हैं। इस हिसाब से एस्टरॉयड 2023 JB3 काफी करीब से गुजरने वाला है।
अंतरिक्ष वैज्ञानिक बड़े एस्टरॉयड के लिए अधिक सतर्क रहते हैं। क्योंकि इनसे भारी नुकसान हो सकता है। एस्टरॉयड 2023 JB3 का साइज 160 फीट है। यह एक बड़ी बिल्डिंग जितना भारी है। इतने बड़े एस्टरॉयड का धरती के इतने करीब आना खतरे से खाली नहीं है। इसके अलावा एक और एस्टरॉयड आज धरती की ओर अपना निशाना साध चुका है। इसका नाम एस्टरॉयड
2023 LD है। यह 59 फीट का एस्टरॉयड है जो कि बहुत ज्यादा करीब से गुजरने वाला है। यह धरती के इतने करीब आ जाएगा कि दोनों के बीच की दूरी महज 9.5 लाख किलोमीटर हो बचेगी। यह 32763 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से पृथ्वी की ओर बढ़ा रहा है।
एस्टरॉयड इतने करीब आने पर ग्रह की गुरुत्वाकर्षण शक्ति के प्रभाव में आ सकते हैं। ऐसे में संभावना बन जाती है कि यह ग्रह की ओर खिंचा चला आए। उदाहरण देखें तो 2013 में रूस में Chelyabinsk नामक उल्का पिंड आसमान में फटा था जिसने 8 हजार ईमारतों को नुकसान पहुंचाया था। इसमें 1000 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। यह 59 फीट साइज का था। एस्टरॉयड 2023 LD भी इसी साइज का है। ऐेसे में ये दोनों बड़े एस्टरॉयड आज धरती की ओर निशाना बनाए हुए हैं। हालांकि नासा ने इनके धरती से टकराने जैसी कोई चेतावनी अभी तक जारी नहीं की है।