दिवाली के बाद से एक दिन गुज़रने के साथ ही ऐसा लग रहा है कि वायु प्रदूषण हर रोज बढ़ता जा रहा है। दिवाली के आठ दिन बाद भी हवा की क्वालिटी में कोई सुधार नहीं दिख रहा। देश के कई शहरों में हवा बहुत हद तक खराब हो गई है और स्मॉग की वजह से लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है। वायु प्रदूषण की वजह से छाई धुंध और जहरीली गैसों से हम भाग भी नहीं सकते। दिल्ली-एनसीआर समेत कई दूसरे शहरों में घरों में भी सांस लेना मुश्किल हो गया है। लेकिन हम उम्मीद नहीं छोड़ सकते। आज हम आपको 5 ऐसे तरीके बताएंगे जिससे आप घर और बाहर दोनों जगह टेक्नोलॉजी की मदद से इस धुंध यानी स्मॉग व जहरीली गैसों से बचाव कर सकते हैं।
दिल्ली में वायु प्रदूषण की वजह से लोगों को शहर से बाहर जाने पर मजबूर होना पड़ रहा है। वहीं ग्वालियर, इलाहाबाद, पटना समेत कई दूसरे शहरों के हालात भी बहुत बेहतर नहीं हैं। डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट में दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में करीब आधे पर भारतीय शहरों का कब्जा है। वायु प्रदूषण तीन साल तक लोगों की उम्र घटा सकता है लेकिन कुछ ऐसे तरीके हैं जिनकी बदौलत आप स्थिति को सुधार सकते हैं।
1. घर में लगाएं एयर प्यूरिफायरअगर आपको लगता है कि आप अपने घर में सुरक्षित हैं तो यह सच नहीं है। कई रिसर्च में
दावा किया गया है कि बाहर की तरह घर में भी वायु प्रदूषण एक बड़ी समस्या है। ख़ास बात है कि पिछले कुछ साल से शाओमी, यूरेका फोर्ब्स, फिलिप्स और सैमसंग समेत कई दूसरी कंपनियों ने भारतीय बाजार को ध्यान में रखते हुए होम एयर प्यूरिफायर पेश किए हैं। ये प्यूरिफायर कई अलग-अलग प्राइस रेंज में आते हैं।
आसानी से इस्तेमाल किए जा सकने वाले प्यूरिफायर एंट्री लेवल पर 14x12 फीट के कमरे को कवर कर सकते हैं, जबकि महंगे मॉडल बड़े एरिया को कवर करते हैं। शुरुआती मॉडल की कीमत 10,000 रुपये से शुरू होकर 40,000 रुपये तक जाती है।
अधिकतर निर्माताओं का दावा है कि उनके एयर प्यूरिफायर धूल, एलर्जी, धूल कण को हवा से हटाकर उसे सांस लेने योग्य बनाते हैं। उन मॉडल को खरीदें जो एचईपीए फिल्टर और चार फिल्टरेशन लेयर के साथ आते हैं। लेकिन अगर आपको बजट की दिक्कत है तो तीन फिल्टर लेयर वाले कई मॉडल भी हैं। सांस संबंधी मुद्दों के लिए जरूरी है कि प्यूरिफायर पीएम 2.5 पार्टिकल को फिल्टर करे।
भारत में जहां अधिकतर फिल्टर मैनुअल कंट्रोल या टच पैनल के साथ आते हैं। वहीं कुछ मॉडल ऐसे भी हैं जिन्हें स्मार्टफोन से ऐप के जरिए कंट्रोल किया जा सकता है जैसे कि
शाओमी मी एयर प्यूरिफायर 2 (कीमत- 9,999 रुपये) और हनीवेल येर टच-एस (33,000 रुपये)। प्यूरिफायर के फिल्टर को हर छह महीने से एक साल पर बदलने की जरूरत होती है। इसके लिए आपको अपने डिवाइस के हिसाब से 1,000 रुपये से 5,000 रुपये के बीच खर्च करने होंगे।
2. पोर्टेबल एयर प्यूरिफायरऊपर बताए गए एयर प्यूरिफायर में कुछ दिक्कतें हो सकती हैं। जैसे कि ये भारी होते हैं और घर में इधर-उधर ले जानें में समस्या हो ती है। इसलिए आपको इनके कई यूनिट खरीदने पड़ेंगे और ये महंगे भी होते हैं। लेकिन अगर आप 10,000 रुपये या इससे ज्यादा अपने होम प्यूरिफायर पर खर्च कर रहे हैं तो आपके लिए पोर्टेबल एयर प्यूरिफायर एक अच्छा विकल्प हैं।
करीब 5,000 रुपये के आसपास मिलने वाले पोर्टेबल एयर प्यूरिफायर एक फुल साइज़ वाले प्यूरिफायर की तुलना में एक छोटे एरिया (करीब 50 स्क्वायर फीट) में हवा को अच्छे से साफ कर सकते हैं। लेकिन यह एक अच्छा विकल्प है। बहरहाल, अधिकतर पोर्टेबल एयर प्यूरिफायर एचईपीए फिल्टर का इस्तेमाल नहीं करते। लेकिन फिर भी ये प्यूरिफायर मददगार हैं। वहीं अधिकतर पोर्टेबल प्यूरिफायर धो सकने वाले फिल्टर के साथ आते हैं जिससे यह बहुत महंगा भी साबित नहीं होता।
पोर्टेबल एयर प्यूरिफायर का छोटा साइज़ यह सुनिश्चित करता है कि आप किसी ट्रिप, अपने घर, कार के दौरान इसे आसानी से ले जा सकते हैं।
3. इन-कार एयर प्यूरिफायरक्या आप लगातार धूल से भरी सड़कों पर सफर करते हैं? तो शायद अब वक्त आ गया है कि आप एक इन-कार एयर प्यूरिफायर खरीद लें। इस बाजार में यह एक दूसरा सेगमेंट है जो तेजी से बढ़ रहा है। इन-कार एयर प्यूरिफायर की कीमत
करीब 2,500 रुपये से शुरू होती है। अधिकतर इन-कार एयर प्यूरिफायर कार के सिगरेट लाइटर पोर्ट से जुड़ जाते हैं और वज़न में भी काफी हल्के होते हैं।
यह प्यूरिफायर हवा में मौज़ूद धूल को कार, सीट और दूसरी जगह फर्श पर बिठाकर यह सुनिश्चित करता है कि आपको मिलने वाली हवा शुद्ध हो। इसके अलावा आपको अपनी कार भी अच्छी तरह से साफ रखनी होगी।
वहीं कुछ इन-कार एयर प्यूरिफायर का दावा है कि वे हवा को शुद्ध करने के लिए ओज़ोन डिसइनफेक्शन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे हैं। इन एयर प्यूरिफायर से कार में ओज़ोन रिलीज़ कर हवा को शुद्ध करने का दावा किया गया है। हालांकि, जो लोग अस्थमा से पीड़ित हैं उन्हें इस तरह का प्यूरिफायर नहीं खरीदना चाहिए क्योंकि लंबे समय तक
ओज़ोन के संपर्क में रहने से फेफड़े संबंधी समस्या हो सकती है।4. एयर प्यूरिफाइंग बल्बभारत में कुछ कंपनियां एयर प्यूरिफाइंग बल्ब भी बेच रही हैं जो ये सुनिश्चित करते हैं कि हवा में मौज़ूद धूल कण फर्श पर बैठ जाएं। ये बल्ब सिगरेट, कुकिंग मटेरियल और दूसरी चीजों से आने वाले धुंए व धूल को घटाने में सहायक है।
छोटी जगह जैसे बाथरूम, किचेन, लॉन्ड्री एरिया के लिए उपयुक्त हैं। इनकी कीमत 700 रुपये से 3,000 रुपये के बीच है और कीमत ब्रांड पर भी निर्भर करती है। यूरेका फोर्ब्स के ऐसे बल्ब को
1,000 रुपये से कम में खरीदा जा सकता है।5. एयर क्वालिटी मॉनिटरदिल्ली समेत दूसरे शहरों में वायु प्रदूषण के खिलाफ जंग इस बात पर भी निर्भर करती है कि आपको पता होना चाहिए आपके आसपास की हवा कैसी है। एयर क्वालिटी मॉनिटर से आप अपने आसपास की हवा जांच सकते हैं और इसका विश्लेषण कर सकते हैं। हालांकि ये एक प्यूरिफाइंग टूल की तरह काम नहीं करता लेकिन एम्बियंट एयर क्वालिटी मॉनिटर आपको तापमान, आद्रर्ता, सीओ2 वेल्यू और धूल के स्तर के बारे में बताता है। इसके अलावा ये मॉनिटर आपको यह भी बता सकता है कि आपके आसपास मौज़ूद हवा की क्वालिटी अच्छी, सामान्य, खराब या खतरे के निशान तक है। हालांकि, इसके साथ आपको प्रदूषण से बचने और साफ-सुथरी हवा के लिए एक एयर प्यूरिफायर तो खरीदना ही होगा।