नए मैलवेयर के जरिए हैकर्स और अटैकर्स को आपके डिवाइस का रिमोट कंट्रोल मिल जाता है और वे कुछ ही पलों में आपके बैंक अकाउंट को खाली कर सकते हैं।
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एंड्रॉयड बैंकिंग मालवेयर Albiriox संक्रमित फोन का कंट्रोल अटैकर्स को दे देता है।
ऑनलाइन फ्रॉड से बचाव के लिए सतर्क रहना बहुत जरूरी है। डिजिटलाइजेशन के जमाने में जहां एक तरफ यूजर्स को ऑनलाइन मनी ट्रांजैक्शंस की सहूलियत मिल रही है, दूसरी तरफ ऑनलाइन फ्रॉड का खतरा भी साथ-साथ मंडराता रहता है। अब एक और खतरनाक मोबाइल वायरस सामने आया है जो आपके अकाउंट में सेंध लगा सकता है। यह बिना आपको भनक लगे आपके बैंक अकाउंट से मेहनत की कमाई को खाली कर सकता है। इस नए मैलवेयर का नाम एल्बिरिओक्स (Albiriox) है जिसके लिए एक्सपर्ट्स ने चिंता जताई है। आइए जानते हैं कितना खतरनाक है यह मैलवेयर।
Albiriox नाम का एक नया बैंकिंग मैलवेयर पता लगाया गया है जो बहुत ही खतरनाक है। खतरनाक इसलिए कि इस मैलवेयर के जरिए हैकर्स, और अटैकर्स को आपके डिवाइस का रिमोट कंट्रोल मिल जाता है और वे कुछ ही पलों में आपके बैंक अकाउंट को खाली कर सकते हैं। और यह सब उस समय हो सकता है जब आप कोई रियल बैंक ट्रांजैक्शन कर रहे हों। Malwarebytes की रिपोर्ट के अनुसार, साइबर सिक्योरिटी कंपनी Cleafy ने इस मैलवेयर का पता लगाया है।
एंड्रॉयड बैंकिंग मैलवेयर Albiriox संक्रमित फोन का कंट्रोल अटैकर्स को दे देता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह बहुत तेजी से फैल रहा है और बहुत पावरफुल है। सबसे पहले इसे सितंबर 2025 में खोजा गया था। यह एंड्रॉयड रिमोट एक्सेस ट्रोजन (RAT) है जिसे एंड्रॉयड रैट भी कह दिया जाता है। यह बैंकिंग ट्रोजन है और खासतौर पर ऑन-डिवाइस फ्रॉड के लिए बनाया गया है। यानी इसकी मदद से हैकर्स सीधे आपके डिवाइस पर ही फ्रॉड कर सकते हैं, उन्हें आपका पासवर्ड चुराने की भी जरूरत नहीं है।
रिपोर्ट के अनुसार, शुरुआती अभियान में एल्बिरिओक्स ने ऑस्ट्रिया को निशाना बनाया था। पुराने मोबाइल मैलवेयर जहां किसी एक बैंक या देश पर केंद्रित थे वहां एल्बिरिओक्स पहले से ही कई क्षेत्रों में सैकड़ों बैंकिंग, फिनटेक, पेमेंट और क्रिप्टो ऐप्स को निशाना बना रहा है। इसके इंटरनल एप्लिकेशन मॉनिटरिंग डेटाबेस में 400 से ज़्यादा एप्लिकेशन शामिल थे। चूंकि यह एक MaaS सर्विस है इसलिए अटैकर्स Albiriox को अपनी इच्छानुसार किसी भी तरह डिस्ट्रीब्यूट कर सकते हैं। हाल ही में ऐसे ही एक केस में एक फर्जी रिटेलर ऐप के माध्यम से यूजर्स को लालच दिया गया। यह ऐप गूगल प्ले डाउनलोड पेज की नकल करता था, ताकि यूजर्स मैलिशियस ड्रॉपर को इंस्टॉल कर सकें।
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