दुनिया भर में लोकप्रिय iPhone की भारत में सबसे बड़ी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट बेंगलुरु के निकट होसुर में बनेगी। इसमें लगभग 60,000 वर्कर्स होंगे। आईफोन बनाने वाली अमेरिकी कंपनी Apple ने Tata Electronics को आईफोन की मैन्युफैक्चरिंग का कॉन्ट्रैक्ट दिया है। देश में पहले से कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स Foxconn, Wistron और Pegatron के प्लांट्स में आईफोन की मैन्युफैक्चरिंग की जा रही है।
टेलीकॉम और IT मिनिस्टर Ashwini Vaishnaw ने
बताया, "एपल के आईफोन की मैन्युफैक्चरिंग के लिए देश में सबसे बड़ी फैक्टरी बेंगलुरु के निकट होसुर में बनाई जा रही है। इसमें लगभग 60,000 वर्कर्स काम करेंगे। इन वर्कर्स में रांची और हजारीबाग की लगभग 6,000 आदिवासी महिलाएं शामिल होंगी जिन्हें आईफोन बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है।"
एपल की सप्लायर
फॉक्सकॉन ने भी भारत में अपनी वर्कफोर्स को दो वर्षों में चार गुना करने की योजना बनाई है। फॉक्सकॉन के पास चीन में आईफोन की मैन्युफैक्चरिंग का बड़ा प्लांट हैं। चीन में कोरोना के मामले दोबारा बढ़ने के कारण लगाई गई पाब्ंदियों से Zhengzhou में मौजूद इस प्लांट में प्रोडक्शन पर असर पड़ा है। हाल ही में Apple ने पहली बार AirPods और Beats हेडफोन का कुछ प्रोडक्शन भी भारत में करने का फैसला किया था। आईफोन का भारत से एक्सपोर्ट अप्रैल से एक अरब डॉलर से अधिक हो गया है। इससे भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में एक बड़ी ताकत बनने का संकेत मिल रहा है। कंपनी के एक्सपोर्ट की मौजूदा दर से अगले वर्ष मार्च तक यह आंकड़ा 2.5 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।
भारत में बने iPhone का Apple मुख्यतौर पर यूरोप और मिडल ईस्ट को एक्सपोर्ट करती है। पिछले फाइनेंशियल ईयर में कंपनी ने लगभग 1.3 अरब डॉलर के स्मार्टफोन्स का भारत से एक्सपोर्ट किया था। हालांकि, आईफोन के कुल प्रोडक्शन में भारत की हिस्सेदारी बहुत कम है। एक्सपोर्ट में बढ़ोतरी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की देश को प्रोडक्शन हब के तौर पर चीन का विकल्प बनाने की योजना के लिए अच्छी प्रगति है। Apple कई वर्षों से अपने आईफोन का अधिकतर प्रोडक्शन चीन में करती है। हालांकि, चीन में मुश्किलें बढ़ने के कारण कंपनी इस स्ट्रैटेजी में बदलाव कर प्रोडक्शन का कुछ हिस्सा अन्य देशों में शिफ्ट कर रही है। पिछले कुछ वर्षों में आईफोन की बिक्री तेजी से बढ़ी है।