स्मार्टफोन हमारे लिए सहूलियत लेकर आए तो साथ में बैटरी की परेशानी भी। खासकर टचस्क्रीन ने तो इस समस्या को और बढ़ाने ही का काम किया। जब तक नई तकनीक खोज नहीं ली जाती, हमें लिथियम इयॉन बैटरी का ही इस्तेमाल करना होगा। ज्यादा बैटरी लाइफ पाने का आम तरीका बैटरी की साइज और क्षमता को बढ़ाना है।
जियोनी ने अपने मैराथन सीरीज के हैंडसेट के साथ यही किया है।
हमने हाल ही में
मैराथन एम4 को
रिव्यू किया था जिसने वीडियो लूप टेस्ट में बैटरी लाइफ के हमारे सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। हम मैराथन एम5 से इससे भी बेहतर परफॉर्मेंस की उम्मीद कर रहे हैं। जियोनी ने इस हैंडसेट में 3010 एमएएच की दो बैटरी को शामिल किया है। क्या मैराथन एम5 आपकी ज़रूरत का स्मार्टफोन है? या फिर महज एक पावरबैंक जिसे फोन का तमगा दे दिया गया है? क्या जियोनी ने इस बार अपने पुराने वर्ज़न की सारी कमियां दूर कर दी हैं? आइए जानते हैं।
लुक और डिजाइनमैराथन एम5 के बिल्ड में मेटल और प्लास्टिक का इस्तेमाल किया गया है जो मजबूत और टिकाऊ नज़र आता है। आप इस हैंडसेट से निशाना साधकर किसी के सिर पर प्रहार कर दें तो उसका बेहोश होना तय है! जियोनी ने अपने इस स्मार्टफोन की लंबाई और चौड़ाई में बढ़ोतरी करके मोटाई को 8.6 मिलीमीटर तक सीमित रखने में कामयाब रही है। हालांकि, बड़ी बैटरी के कारण जियोनी मैराथन एम5 और वज़नदार हो गया है। इसका वज़न 211 ग्राम है, संभवतः यह आज की तारीख में मौजूद सबसे वज़नदार स्मार्टफोन है।
5.5 इंच का एमोलेड डिस्प्ले कम रिज़ॉल्यूशन का है, कंपनी को कम से कम फुल-एचडी डिस्प्ले तो देना ही चाहिए था। पिक्सल डेनसिटी कम होने के कारण तस्वीरें और टेक्स्ट उतने शार्प नहीं नज़र आते जितने होने चाहिए। कलर ज्यादा सेचुरेटेड हैं। फ्रंट पैनल पर 5 मेगापिक्सल का कैमरा, गोरिल्ला ग्लास 3 प्रोटेक्शन और कैपेसिटिव नेविगेशन बटन हैं। माइक्रोएसडी कार्ड स्लॉट दायीं तरफ है और दो 4जी माइक्रो-सिम स्लॉट बायीं तरफ।
पिछले हिस्से में 13 मेगापिक्सल का कैमरा और सिंगल एलईडी फ्लैश है। हैंडसेट के साथ आपको एक चार्ज़र, डेटा केबल, मैनुअल, स्क्रीन गार्ड और फ्लिप कवर मिलेगा।
हम इससे बेहद खुश हैं कि जियोनी ने मैराथन एम4 की तुलना में इस हैंडसेट को ज्यादा पतला बनाया है, लेकिन बड़ी बैटरी के कारण वज़न बढ़ना तो लगभग तय ही था। जियोनी ने अपनी वेबसाइट पर 'ऑन-द-गो' केबल का ज़िक्र किया है। इसकी मदद से आप मैराथन एम5 का इस्तेमाल पावरबैंक के तौर पर कर सकते हैं। पर यह हमारे रिव्यू डिवाइस के साथ नहीं दिया गया।
स्पेसिफिकेशन और सॉफ्टवेयरमैराथन एम5 में पुराने वर्ज़न की तरह मीडियाटेक एमटी6735 चिपसेट का इस्तेमाल किया गया है। इस बार आपको 3 जीबी का रैम और 32 जीबी की इनबिल्ट स्टोरेज मिलेगी। स्मार्टफोन में वाई-फाई बी/जी/एन, ब्लूटूथ 4.0, जीपीएस, एफएम रेडियो और यूएसबी ओटीजी फ़ीचर मौजूद हैं। इसके अलावा आप दोनों ही सिम स्लॉट पर 4जी नेटवर्क का इस्तेमाल कर सकते हैं।
मैराथन एम5 अमिगो 3.1 यूज़र इंटरफेस पर चलेगा जो एंड्रॉयड लॉलीपॉप 5.1 पर आधारित है। इंटरफेस सिंगल लेयर वाला है, इस कारण से सारे ऐप पेज पर थोड़े बिखरे बिखरे से नज़र आते हैं। जियोनी ने डिवाइस में कुछ ट्रायल गेम और थर्ड पार्टी ऐप्स भी दिए हैं, अच्छी बात यह है कि आप उन्हें अनइंस्टॉल कर सकते हैं।
जियोनी के साथ आपको पील स्मार्ट रिमोट मिलेगा, यानी आप इसका इस्तेमाल घर में लगे डीटीएच के लिए भी कर सकते हैं। इसके अलावा एक और मज़ेदार फ़ीचर है जियोनी ज़ेंडर। इसकी मदद से आप अपने स्मार्टफोन को दूसरे स्मार्टफोन से वाई-फाई पर कनेक्ट कर सकते हैं। हालांकि दूसरे स्मार्टफोन पर भी यह सॉफ्टवेयर इंस्टॉल होना चाहिए। अब आप इसकी मदद से फाइल ट्रांसफर कर सकते हैं। खासियत यह है कि इसमें ब्लूटूथ की तुलना में फाइल ज्यादा तेजी से साझा किए जा सकते हैं।
परफॉर्मेंसजेनरल इंटरफेस और ऐप की परफॉर्मेंस काफी अच्छी है। हमें इस्तेमाल के दौरान ऐसी कोई शिकायत नहीं हुई। होम स्क्रीन पर स्वाइप आसानी से हुआ। फोन पर डेड ट्रिगर 2 जैसे गेम को भी खेलने में दिक्कत नहीं हुई। कॉल क्वालिटी भी संतोषजनक है और इस्तेमाल के दौरान हमें कॉल ड्रॉप होने की कोई शिकायत नहीं हुई।
बेंचमार्क नतीजों के बारे में यही कहा जा सकता है कि वे शानदार नहीं हैं, ख़ासकर इस प्राइस रेंज में मिलने वाले अन्य हैंडसेट की तुलना में। हालांकि, इस्तेमाल के दौरान आप फोन की परफॉर्मेंस में ऐसी कोई कमी नहीं पाएंगे।
एम5 स्टॉक म्यूज़िक और वीडियो प्लेयर के लिए डीटीएस ऑडियो को सपोर्ट करता है।
वॉल्यूम का स्तर छोटे कमरे के लिए अच्छा है लेकिन मोनो स्पीकर के कारण बड़े कमरे में इससे आने वाली आवाज़ ज्यादा साफ नहीं सुनाई देती। कैमरे के साथ आने वाला हेडसेट ज्यादा बेहतर परफॉर्मेंस देता है।
13 मेगापिक्सल का कैमरा दिन की रोशनी में लैंडस्केप और मैक्रोज़ की अच्छी तस्वीरें लेता है। तस्वीरों में डिटेल भी अच्छी है, चाहें आप ज़ूम करके भी देख लें। कम रोशनी में इंडोर में ली गई तस्वीरें नॉयज़ी हैं। रात में ली गई तस्वीरें में ढेरों कमियां नज़र आईं। फ्लैश मददगार तो है पर बहुत सहायक नहीं। फ्रंट कैमरे को संतोषजनक ही कहा जा सकता है क्योंकि इसमें ऑटोफोकस नहीं है। आप इससे 1080 पिक्सल रिज़ॉल्यूशन के वीडियो रिकॉर्ड कर पाएंगे।
कैमरा इंटरफेस बहुत ही साफ-सुथरा है और इस्तेमाल करने में आसान भी। जियोनी ने इंटरफेस में प्रोफेशनल मोड दिया है जिससे आप आईएसओ, व्हाइट बैलेंस, एक्सपोज़र, शटर स्पीड और फोकस नियंत्रित कर पाएंगे।
अब बात मैराथन एम5 के सबसे अहम फीचर बैटरी लाइफ की। 6020 एमएएच की बड़ी बैटरी हमारे वीडियो लूप टेस्ट में 25 घंटे 23 मिनट तक चली। इसने एम4 के रिकॉर्ड को 4 घंटे के अंतर से तोड़ दिया। रेगुलर इस्तेमाल में हम आसानी से इस फोन को 3-4 दिन तक बिना चार्ज किए इस्तेमाल कर पाए। कंपनी द्वारा दिया गया चार्ज़र तेजी से बैटरी को पावर देने का काम करता है।
हमारा फैसलाबैटरी लाइफ के लिहाज से जियोनी मैराथन एम5 को कोई काट नहीं। 18,000 रुपये में यह ज्यादा महंगा भी नहीं है, जब यह आपको कई दिनों तक चार्ज़र इस्तेमाल करने से आजादी देता है। जियोनी ने इस बार अपने प्रोडक्ट को और बेहतर बनाने की अच्छी कोशिश की है। मैराथन एम5 अपने पुराने वर्ज़न की तुलना में ज्यादा पतला है, लेकिन यह बड़ा होने का एहसास तो देता ही है। इसका डिस्प्ले अच्छा है और कैमरा ज्यादातर मौकों पर ठीक-ठाक परफॉर्मेंस देती है। हमें लगता है कि जियोनी को फुल-एचडी स्क्रीन देना चाहिए था, लेकिन इसका असर बैटरी लाइफ पर पड़ता। शायद ऐसा नहीं करने की वजह यही रही होगी। दूसरी तरफ, कम रोशनी में कैमरे की परफॉर्मेंस थोड़ी कमज़ोर है। यह काफ़ी वज़नदार है और हो सकता है आपको अमिगो यूआई पंसद नहीं आए।
अगर आप शानदार बैटरी लाइफ की तलाश में हैं तो जियोनी मैराथन एम5 आपके लिए बेहतरीन विकल्प है। और ज्यादा बेहतर विकल्प के लिए इसके अगले वर्ज़न का इंतज़ार कर सकते हैं।