आसुस के सबसे लोकप्रिय स्मार्टफोन में
आसुस ज़ेनफोन मैक्स (
रिव्यू) की गिनती होती है। इसी साल जनवरी में लॉन्च हुआ यह स्मार्टफोन कई दूसरे स्मार्टफोन की तरह बैटरी की परेशानी से मुक्ति दिलाता है। हालांकि, फोन के दूसरे अधिकतर स्पेसिफेकशन ठीकठाक थे लेकिन बैटरी के मामले में यह स्मार्टफोन उम्मीद से कहीं ज्यादा बेहतर साबित हुआ।
अब कंपनी ने इस फोन का नया वेरिएंट 9,999 रुपये की कीमत में
आसुस ज़ेनफोन मैक्स (2016) लॉन्च किया है। अपने पिछले स्मार्टफोन की सबसे बड़ी खासियत (बैटरी लाइफ) की तरह ही इस फोन में भी शानदार बैटरी लाइफ होने की उम्मीद है। इसके अलावा फोन में दूसरे स्पेसिफिकेशन को भी अपग्रेड किया गया है। आसुस ने इस नए स्मार्टफोन को भी ओरिजिनल ज़ेनफोन मैक्स की ओरिजिनल कीमत में लॉन्च किया है। इसलिए अब यह देखना रोचक होगा कि क्या आसुस की ज़ेनफोन सीरीज को नए ज़ेनफोन मैक्स से कितना फायदा मिलता है। आज हम नए ज़ेनफोन मैक्स (2016) का रिव्यू करेंगे और जानेंगे इस फोन की सारी खूबियां व कमियां।
लुक व डिजाइनज़ेनफोन मैक्स (2016) का लुक, बॉडी, डिजाइन व बनावट से लेकर डाइमेंशन और वजन भी पिछले ज़ेनफोन मैक्स की तरह ही है। इसमें डिटैचेबल रियर कवर, किनारों के साथ गोल्ड ट्रिम और आसुस के ट्रेडमार्क वाली चिन शामिल है। 2016 वेरिएंट दो नए कलर वेरिएंट ब्लू और औरेंज में भी मिलेगा। अगर आप ब्लैक या व्हाइट कलर वेरिएंट लेते हैं तो शायद आप नए व पुराने ज़ेनफोन मैक्स में फर्क ना कर पाएं।
बात करें डिजाइन व लेआउट की तो ज़ेनफोन मैक्स (2016) में सारे बेसिक फीचर हैं। पॉवर व वॉल्यूम बटन दायीं तरफ हैं। सबसे नीचे की तरफ माइक्रो-यूएसबी पोर्ट और ऊपर की तरफ 3.5 एमएम ऑडियो शॉकेट है। रियर पैनल को रिमूव किया जा सकता है जिसे हटाने पर दो सिम स्लॉट और एक एक्सपेंडेबल स्टोरेज स्लॉट दिखता है। बैटरी नॉन-रिमूवेबल है। आसुस ने अपने जाने-पहचाने डिजाइन को 2016 में आए इस फोन में भी बदला नहीं है।
फोन में दिए गए 720x1280 पिक्सल रिज़ल्यूशन के 5.5 इंच आईपीए स्क्रीन को और ज्यादा बेहतर बनाया जा सकता था। 9,999 रुपये कीमत के बावजूद (3 जीबी रैम वेरिएंट की कीमत 12,999 रुपये) आसुस ने इस फोन में एक अच्छा हाई-रिजॉल्यूशन स्क्रीन नहीं दिया गया है। दूसरे फोन जैसे
कूलपैड नोट 3 प्लस (
रिव्यू) में कम कीमत में फुल-एचडी डिस्प्ले व 3 जीबी रैम के साथ तुलना करने पर यह निराश करने वाला है। इसके अतिरिक्त ज़ेनफोन मैक्स (2016) में फिंगरप्रिंट सेंसर भी नहीं है। बाजार में कड़ी टक्कर को देखने हुए इसका ना होना भी निराश करता है।
स्क्रीन पहले की तरह ही है और लो रिजॉल्यूशन होने की वजह से बैटरी लाइफ बेहतर जरूर होती है। अगर आपके लिए बैटरी लाइफ सबसे ज्यादा मायने रखती है तो लो रिजॉल्यूशन व कम डिटेल वाले स्क्रीन आपके लिए परेशानी नहीं हो सकती है।
स्पेसिफिकेशन और सॉफ्टवेयरआसुस ज़ेनफोन मैक्स के दोनों जेनरेशन के फोन में स्पेसिफिकेशन के तौर पर बड़ा फर्क देखा जा सकता है। नए आसुस ज़ेनफोन मैक्स (2016) में ज्यादा पावरफुल क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 615 प्रोसेसर दिया गया है। हालांकि, अब और ज्यादा नए प्रोसेसर भी उपलब्ध है लेकिन पुराने ज़ेनफोन मैक्स में दिए गए स्नैपड्रैगन 410 की तुलना में स्नैपड्रैगन 615 निश्चित तौर पर अपग्रेडेड और बेहतर है। इसके अलावा दूसरा सबसे बड़ा फर्क है इनबिल्ट स्टोरेज के 16 जीबी से बढ़कर 32 जीबी होना। नए ज़ेनफोन मैक्स (2016) के एक वेरिएंट में रैम 2 जीबी है लेकिन 12,999 रुपये की कीमत में आप 3 जीबी रैम वेरिएंट खरीद सकते हैं। गौर करने वाली बात है, 3000 रुपये की ज्यादा कीमत देने पर आपको सिर्फ 1 जीबी रैम ज्यादा मिलती है क्योंकि इसके अलावा दोनों वेरिएंट में और कोई भी अंतर नहीं है।
नए फोन में भी पुराने ज़ेनफोन मैक्स की तरह 5000 एमएएच की बैटरी दी गई है। हालांकि, पावर एडेप्टर पहले से ज्यादा बेहतर है और यह 5.2 वाट है। लेकिन 5000 एमएएच की बैटरी को चार्ज करने के लिए यह बेहद कम है। इस चार्जर से फोन को फुल-चार्ज करने में 5 घंटे लग जाते हैं। अगर आप ज़ेनफोन मैक्स (2016) खरीदते हैं तो आप एक दूसरा बेहतर चार्जर जरूर खरीदना चाहेंगे।
2016 वेरिएंट में एंड्रॉयड मार्शमैलो दिया गया है। आसुस ने एक लिस्ट जारी कर बताया था कि पुराने ज़ेनफोन मैक्स में एंड्रॉयड मार्शमैलो अपडेट मिलेगा। एंड्रॉयड एम के सभी मुख्य फीचर इस फोन में मौजूद हैं जिनमें 'डू नॉट डिस्टर्ब मोड', 'डोज़ मोड', 'नाउ ऑन टैप' और ऐप परमिशन का नया डिजाइन शामिल है।
हालांकि, यूजर इंटरफेस अभी भी आसुस ज़ेनयूआई ही है। पहली बार बूट करने पर करीब 50 ऐप को तुरंत अपडेट करने की जरूरत पड़ती है। इसके अलावा ऐप और सर्विस लगातार कुछ चीजों के लिए जैसे एक अकाउंट के सेटअप, बैटरी सेवर मोड एक्टिवेट करने के लिए नोटिफिकेशन देता रहता है। हालांकि कुछ परेशानी के बावजूद इस इंटरफेस के अपने कुछ फायदे भी हैं।
कैमरापुराने ज़ेनफोन मैक्स में आसुस ज़ेनफोन लेज़र के जैसा ही लेजर ऑटोफोकस सिस्टम वाला कैमरा दिया गया थै। कंपनी की कीमत इसके लॉन्च के समय बेहतरीन कैमरा परफॉर्मेंस देने की थी। अब 2016 वेरिएंट को भी उसी कैमरे के साथ लॉन्च किया गया है। ज़ेनफोन मैक्स (2016) में 13 मेगापिक्सल रियर कैमरा और 5 मेगापिक्सल फ्रंट कैमरा दिया गया है। रियर पर ही डुअल-टोन एलईडी फ्लैश और लेज़र ऑटोफोकस दिया गया है। दोनों कैमरों से 1080 पिक्सल-30 फ्रेम/सेकेंड रिजॉल्यूशन की वीडियो रिकॉर्ड की जा सकती है।
नए ज़ेनफोन में कैमरा ऐप पहले से थो़ड़ा बेहतर हुआ है। पहले की अपेक्षा सेटिंग मेन्यू में सुधार हुआ है लेकिन अधिकतर ऐप पहले की तरह ही हैं। फोन में ढेर सारे फोटोग्राफी मोड हैं और लेजॉर सिस्टम होने से फोकस खासी तेजी से व सटीक होता है।
पिछले दोनों आसुस फोन में दिए गए कैमरा और फोकस सिस्टम वाले इस फोन में भी कैमरा परफॉर्मेंस पहले की तरह ही है। इंडोर और क्लोज-अप शॉट बहुत शानदार आते हैं। आउटडोर शॉट थोड़े वाश आउट हो जाते हैं लेकिन इन्हें बेहतर कहा जा सकता है। फ्रंट कैमरे के साथ वीडियो और तस्वीरें शानदार आती हैं खासतौर पर 1080 पिक्सल-30 फ्रेम/सेकेंड पर रिकॉर्डिंग के दौरान।
परफॉर्मेंसपुराने आसुस ज़ेनफोन मैक्स और 2016 के वेरिएंट में सबसे बड़ा फर्क फोन की परफॉर्मेंस का है। पुराना डिवाइस जहां बजट स्नैपड्रैगन 410 प्रोसेसर पर चलता है वहीं नए डिवाइस में ज्यादा दमदार अपग्रेडेड स्नैपड्रैगन 615 प्रोसेसर दिया गया है। पिछले साल और इस साल की शुरुआत में मिड-रेंज स्मार्टफोन में स्नैपड्रैगन 615 प्रोसेसर बेहतर परफॉर्मर साबित हुआ है। हालांकि, फिलहाल इस कीमत वाले फोन में ज्यादा बेहतर और पावरफुल विकल्प दिए जा रहे हैं और हो सकता है कई यूजर एक पुराना प्रोसेसर पसंद ना आए।
आसुस ज़ेनफोन मैक्स (2016) से बेंचमार्किंग टेस्ट में आंकड़े उम्मीद के मुताबिक अच्छे मिले। फोन में गेम खेलने से लेकर अधिकतर टास्क आसानी से किए जा सकते हैं। पुराने आसुस ज़ेनफोन मैक्स के मुकाबले नए फोन के आंकड़ें बेहतर रहे।
फोन से अच्छी कॉल क्वालिटी मिलती है। इसके अलावा 4जी कनेक्टिविटी के साथ भी वाई-फाई और मोबाइल नेटवर्क पर फोन शानदार काम करता है। फोन में दिया सिंगल स्पीकर थोड़ा कमजोर है लेकिन हेडफोन इस्तेमाल करते समय मिलने वाली साउंड क्वालिटी ठीकठाक है।
बात करें बैटरी लाइफ की तो, आसुस ज़ेनफोन मैक्स (2016) हमारी उम्मीदों पर खरा उतरता है। हमारे वीडियो लूप टेस्ट में फोन की बैटरी 18 घंटे, 4 मिनट तक चली जबकि ओरिजिनल ज़ेनफोन मैक्स की बैटरी लाइफ ने 25 घंटे तक चली थी। ऐसा शायद स्नैपड्रैगन 410 की तुलना में स्नैपड्रैगन 615 के ज्यादा एनर्जी एफिशिएंट होने से है। लेकिन, फोन की बैटरी अभी भी बहुत अच्छी है और सामान्य इस्तेमाल के दौरान एक बार चार्ज करने पर फोन दो दिन तक चलता है।
हमारा फैसलाआसुस ज़ेनफोन मैक्स (2016) के जरिए निश्चित तौर पर कंपनी की कोशिश अपने बेस्ट-सेलिंग प्रोडक्ट से ज्यादा ग्राहक बटोरने की है। नए फोन में परफॉर्मेंस पहले की अपेक्षा बेहतर हुई है जबकि बैटरी लाइफ और कैमरा पहले की तरह ही शानदार काम करते हैं। हालांकि, बैटरी लाइफ ओरिजिनल फोन से थोज़ा कम है लेकिन यह ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए अब भी पर्याप्त है।
लेकिन, आसुस ने कई दूसरे अहम फीचर में सुधार नहीं किया है। फोन में फिंगरप्रिंट सेंसर नहीं दिया है, इस फीचर से यह फोन इस कीमत में आने वाले कई दूसरे फोन को कड़ी टक्कर दे सकता था। 9,999 रुपये की कीमत में 3 जीबी रैम दी जा सकती थी लेकिन 3,000 रुपये ज्यादा देकर 1 जीबी रैम के अलावा कोई दूसरा फर्क ना होना निराश करता है। ज़ेनयूआई बेहतर होने की तुलना में और खराब है। फोन में फुल-एचडी डिस्प्ले देकर इसे और बेहतर किया जा सकता था।
इस सबके बावजूद, अगर आपके लिए बैटरी लाइफ मायने रखती है तो 10,000 रुपये की कीमत में आसुस ज़ेनफोन मैक्स (2016) एक शानदार फोन है। फोन में की दूसरे सुधार और फीचर ना होने के बावजूद फोन की परफॉर्मेंस अच्छी है। इसलिए अगर आप 10,000 रुपये से कम कीमत वाले फोन की तलाश में है तो आसुस के नए ज़ेनफोन मैक्स को नजरअंदाज़ नहीं कर सकते।