गूगल ने बुधवार को आई/ओ कॉन्फ्रेंस में अपने एंड्रॉयड एन ऑपरेटिंग सिस्टम की खासियतों का खुलासा किया। नए फ़ीचर एंड्रॉयड एन डेवलपर प्रिव्यू 3 का हिस्सा हैं। कंपनी ने कीनोट एड्रेस के दौरान बताया कि एंड्रॉयड एन ‘सीमलेस अपडेट’ फ़ीचर के साथ आएगा। इस फ़ीचर को क्रोम ओएस से लिया गया है। हालांकि, अब पता चला है कि यह नया फ़ीचर सिर्फ अगले जेनरेशन के नेक्सस डिवाइस का हिस्सा होगा।
एंड्रॉयड पुलिस को जानकारी मिली है कि एंड्रॉयड एन के नए 'सीमलेस अपडेट' फ़ीचर की कुछ तकनीकी ज़रूरतें हैं। इसका मतलब है कि पुराने जेनरेशन के नेक्सस डिवाइस इस फ़ीचर को सपोर्ट नहीं कर सकते। अब यह देखना होगा कि स्मार्टफोन निर्माता कंपनियां अपने अगले डिवाइस में इन ज़रूरतों को पूरा करती हैं या नहीं।
बुधवार को कंपनी के कीनोट एड्रेस में इंजीनियरिंग के वाइस प्रेसिडेंट डेव बर्क ने ‘सीमलेस अपडेट’ फ़ीचर के बारे में बताया था, "अगली बार जब यूज़र अपने डिवाइस को पावर ऑन करेंगे, नए डिवाइस अपने आप ही पडेट हुए सिस्टम इमेज तक पहुंच जाएंगे।"
'सीमलेस अपडेट' के मामले में सिस्टम अपडेट आम तौर पर डेल्टा फॉर्म में आते हैं। इसका मतलब है कि सिस्टम के जिस हिस्से को बदला जाना है, सिर्फ वही डाउनलोड होते हैं। रीस्टार्ट करने पर बैकअप पार्टिशन प्राइमरी बन जाता है। अगर अपडेट में कोई दिक्कत हो तो यूज़र सिस्टम के पुराने पार्टिशन में वापस जा सकते हैं।
हमें नए नेक्सस डिवाइस का इंतज़ार करना होगा जिससे ही पता चल पाएगा कि एंड्रॉयड एन पर चलने वाले डिवाइस पर सीमलेस अपडेट कैसे काम करेगा।
याद रहे कि गूगल ने अपने डेवलपर कॉन्फ्रेंस में एंड्रॉयड एन डेवलपर प्रिव्यू 3 रिलीज किया है। बताया गया है कि यह वर्ज़न पहला बीटा-क्वालिटी प्रोडक्ट है जिसे यज़र के प्राइमरी मोबाइल या टैबलेट पर इंस्टॉल किया जा सकता है।