वैश्विक जनसंख्या मंगलवार (15 नवंबर) को आठ अरब से अधिक होने का अनुमान है। भारत अगले वर्ष चीन को पीछे छोड़कर दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बन जाएगा। संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के अनुसार, 2030 तक वैश्विक जनसंख्या बढ़कर लगभग 8.5 अरब तक पहुंच सकती है।
विश्व जनसंख्या दिवस पर जारी की गई 'वर्ल्ड पॉपुलेशन प्रॉस्पेक्ट्स' रिपोर्ट में बताया गया है कि 2022 से 2050 के बीच 61 देशों की जनसंख्या एक प्रतिशत या इससे अधिक घट सकती है। इसके पीछे पलायन जैसे कारण होंगे। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव, Antonio Guterres ने कहा, "इस वर्ष विश्व जनसंख्या दिवस ऐसे दिन पर आया है जब हमें धरती के निवासियों की संख्या आठ अरब से अधिक होने का अनुमान है। यह हमारी विविधता का जश्न मनाने, हमारी साझा मानवता की पहचान करने और जीवनकाल को बढ़ाने और मातृत्व और बाल मृत्यु दरों को कम करने वाली मेडिकल सेक्टर की उपलब्धियों पर आगे बढ़ने का अवसर है।"
इसके साथ ही Antonio का कहना था, "हमारी धरती की देखभाल करने की हमारी साझा जिम्मेदारी को याद दिलाने के साथ ही यह इस पर विचार करने का भी क्षण है कि एक दूसरे के प्रति हमारी प्रतिबद्धताओं को लेकर कहां कमी हो रही है।" वर्ष 2050 तक वैश्विक जनसंख्या में अनुमानित वृद्धि में से आधी से अधिक आठ देशों में होगी। इन देशों में भारत, पाकिस्तान, नाइजीरिया, फिलीपींस, तंजानिया, इथोपिया, कॉन्गो और मिस्र शामिल हैं।
पिछले कई देशों से दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश चीन है। हालांकि, चीन में सरकार की ओर से लागू किए गए कड़े नियमों के कारण जनसंख्या की वृद्धि दर बहुत घट गई है। इस वजह से अगले वर्ष चीन के जनसंख्या के लिहाज से दूसरे स्थान पर खिसकने का अनुमान है। जापान जैसे कुछ अन्य देशों में जन्म दर में लगातार कमी हो रही है। भारत में भी केंद्र
सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण के लिए कुछ योजनाओं को लागू किया है। इसके बावजूद देश में जनसंख्या की वृद्धि दर अधिक बनी हुई है। देश में सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य
उत्तर प्रदेश है। जन्म पर अनुमानित जीवन की वैश्विक संभावना तीन वर्ष पहले बढ़कर 72.8 वर्ष हो गई थी। यह 1990 के बाद से लगभग नौ वर्ष की बढ़ोतरी है।