WhatsApp पर जल्द ही एक काम का सिक्योरिटी फीचर मिलने वाला है जो कि भारत में यूजर्स को गलत जानकारी से बचाव करेगा। खासतौर पर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) और डीपफेक से पैदा होने वाली जानकारी से मदद मिलेगी। Meta और मिसइनफॉर्मेशन कॉम्बैट एलायंस (MCA) ने सोमवार को घोषणा की कि वे जल्द ही WhatsApp पर एक हेल्पलाइन शुरू करेंगे जहां यूजर्स ऐसे सभी मामलों की रिपोर्ट कर सकेंगे। Meta, Amazon, Google और Microsoft समेत 20 टेक्नोलॉजी कंपनियों ने 2024 में चुनावों से पहले नुकसानदायक AI कंटेंट का पता लगाने और मुकाबला करने के लिए मिलकर काम करने का फैसला लिया है।
MCA ने इस नए सिक्योरिटी फीचर पर काम करने के लिए Meta के साथ
साझेदारी की है। वॉट्सऐप हेल्पलाइन एक चैटबॉट फीचर होगा, जहां कोई भी यूजर आसानी से पहुंच सकता है और उस मैसेज की रिपोर्ट कर सकता है जो गलत जानकारी फैला रहा है या डीपफेक है। डीपफेक एक AI-जनरेटेड कंटेंट है जो कि फोटो या वीडियो फॉर्मेट में किसी व्यक्ति का रूप लेकर यूजर्स को गुमराह करने का काम करता है। अक्सर ऐसे कंटेंट बिलकुल असली जैसे तैयार किए जाते हैं और बड़े ग्रुप को गलत जानकारी पहुंचाते हैं।
MCA एक केंद्रीय 'डीपफेक एनालिसेस यूनिट' स्थापित करेगा जो अपने फेक्ट-चेकिंग मेंबर ऑर्गेनाइजेशन के साथ मिलकर काम करेगी और सभी रिपोर्ट किए गए मैसेज का चेक करके वेरिफाई करेगी। अगर रिपोर्ट किए गए कंटेंट गलत जानकारी या AI-जनरेटेड डीपफेक पाए जाते हैं तो इसे खारिज कर दिया जाएगा और मैसेज को डिलीट किया जा सकता है। चैटबॉट इंग्लिश, हिंदी, तमिल और तेलुगु समेत 4 भाषाओं में उपलब्ध होगा। स्टेटमेंट के अनुसार, इस पहल का फोकस पहचान, रोकथाम, रिपोर्टिंग और ड्राइविंग जागरूकता के 4 पहलू पर काम करना है। उम्मीद है कि
वॉट्सऐप हेल्पलाइन बेहतर जानकारी तक एक्सेस और मैसेज को वेरिफाई करने में मदद करेगी। बताया जा रहा है कि यह फीचर मार्च 2024 तक उपलब्ध होगी।
Meta भारत में कई फेक्ट-चेकिंग प्रोग्राम भी चलाता है और उसने इस काम के लिए 11 स्वतंत्र एजेंसियों के साथ साझेदारी की है और यूजर्स को अपने प्लेटफार्म्स पर गलत जानकारी फैलने से रोकने में मदद की है। वॉट्सऐप पर यूजर्स के पास जानकारी को वेरिफाई करने के लिए 50 से ज्यादा IFCN (इंटरनेशनल फैक्ट-चेकिंग नेटवर्क) मेंबर ऑर्गेनाइजेशन को मैसेज को फ्लैग करने का ऑप्शन पहले से ही था। इसके अलावा कई फेक्ट-चेकिंग एजेंसियां अपने वॉट्सऐप चैनल चलाती हैं जिनको फॉलो करके यूजर्स समय पर वेरिफाई और जरूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म फॉरवर्ड मैसेज से गलत जानकारी फैलने को भी सीमित करता है।