देश में अक्सर किसी VIP के सड़क से गुजरने पर उनके व्हीकल में लगा तेज आवाज वाला सायरन लोगों को परेशान करता है। इस समस्या को जल्द समाप्त किया जा सकता है। ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर नितिन गडकरी ने बताया है कि वह VIP कारों से सायरन हटाने की योजना बना रहे हैं। VIP को ले जाने वाले व्हीकल्स से रेड लाइट्स हटाने के बाद केंद्र सरकार का यह एक अन्य बड़ा कदम होगा।
गडकरी ने प्रपोजल दिया है कि
VIP कारों पर तेज आवाज वाले सायरन के बजाय म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स की मधुर धुनें बजाई जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के कदम से साउंड पॉल्यूशन पर नियंत्रण किया जा सकेगा। महाराष्ट्र के पुणे में एक फ्लाइओवर का उद्धाटन करने के बाद गडकरी ने कहा, "साउंड पॉल्यूशन पर नियंत्रण करना बहुत महत्वपूर्ण है। मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे VIP को ले जाने वाले व्हीकल्स से लाल बत्ती को समाप्त करने का मौका मिला था। मैं अब इन व्हीकल्स के सायरन को हटाने की योजना बना रहा हूं।"
उन्होंने बताया कि वह तेज आवाज वाले सायरन की जगह म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट्स का मधुर संगीत बजाना चाहते हैं। गडकरी ने कहा, "मैं एक पॉलिसी बना रहा हूं जिसमें सायरन की जगह बांसुरी, तबला और शंख की आवाज होगी। मैं चाहता हूं कि लोगों को नॉयस पॉल्यूशन से छुटकारा मिले।" पिछले वर्ष गडकरी ने सभी पैसेंजर कारों (M1) कैटेगरी में न्यूनतम छह एयरबैग्स को अनिवार्य करने का फैसला किया था। हालांकि, ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री ने इससे व्हीकल्स की मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट बढ़ने के कारण सरकार से इस नियम पर दोबारा विचार करने का निवेदन किया था।
केंद्र सरकार की ओर से इस बारे में जारी ड्राफ्ट नोटिफिकेशन में कहा गया है कि M1 कैटेगरी (8 सीटों तक) के
व्हीकल्स में कम से कम छह एयरबैग्स लगाने होंगे। इस नियम का असर बजट से मिड-रेंज व्हीकल्स पर पड़ेगा जिनमें पिछली सीट पर पैसेंजर्स के लिए एयरबैग्स नहीं होते। इस नियम के लागू होने के बाद पैसेंजर्स के लिए व्हीकल्स में सेफ्टी बढ़ जाएगी। पैसेंजर कारों के लिए दो एयरबैग्स पहले से अनिवार्य हैं। चार एयरबैग्स और जोड़ने की औसत कॉस्ट 8,000-10,000 रुपये होगी। प्रत्येक एयरबैग की कॉस्ट 1,800-2,000 रुपये के बीच होती है। इसके अलावा ऑटोमोबाइल कंपनियों को मॉडिफिकेशन पर भी खर्च करना होगा। इससे व्हीकल की कॉस्ट लगभग 30,000 रुपये बढ़ सकती है।