आज के समय में कैब एग्रिगेटर्स और राइडर्स के लिए सबसे बड़ी समस्या कैब ड्राइवर्स की मनमानी है। कई शहरों में अकसर Ola और Uber के राइडर्स की शिकायतें आती हैं कि उनके कैब ड्राइवर्स लोकेशन पूछने के बाद राइड को कैंसल कर देते हैं या ऑनलाइन पेमेंट के बजाय राइडर्स को कैश देने के लिए कहते हैं, जिसकी वजह से राइडर्स को मजबूरन कैब कैंसल करनी पड़ती है। अब, महाराष्ट्र सरकार के पैनल ने राइड कैंसल करने वाले कैब ड्राइवरों के लिए जुर्माना और यात्रियों के लिए रिफंड की सिफारिश की है।
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रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र सरकार द्वारा नियुक्त एक पैनल ने सिफारिश की है कि Uber और Ola जैसे कैब एग्रीगेटर्स के ड्राइवरों पर प्रत्येक कैंसलेशन के लिए 50-75 रुपये का जुर्माना लगाया जाना चाहिए और प्रभावित यात्री को छूट या रिफंड दिया जाना चाहिए।
पैनल, जिसे अप्रैल में गठित किया गया था, ने यह भी प्रस्ताव दिया कि टैक्सियों को पिकअप पॉइंट तक पहुंचने के लिए अधिकतम 20 मिनट का समय दिया जाए, साथ ही देरी के लिए जुर्माना भी लगाया जाए। इसके अलावा, यह सुझाव दिया गया कि क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों को खराब स्थिति में पाए जाने वाले एग्रीगेटर कैब को डीलिस्ट करने का अधिकार दिया जाना चाहिए।
रिपोर्ट आगे बताती है कि सिफारिशें केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी मोटर वाहन एग्रीगेटर्स दिशानिर्देश 2020 के अनुरूप हैं। दिशानिर्देश सभी राज्यों को ऐसे नियम लागू करने का निर्देश देते हैं।
यात्रियों ने लंबे समय से बुकिंग स्वीकार करने के बाद एग्रीगेटर ड्राइवरों द्वारा राइड को कैंसल करने की शिकायतें की हैं। पीक आवर्स के दौरान एग्रीगेटर कैब के लिए वेटिंग समय 6-10 मिनट या उससे भी अधिक बढ़ गया है।
इन चिंताओं को दूर करने की दिशा में पैनल की सिफारिशें कैब राइडर्स के लिए निसंदेह राहत की सांस के रूप में आती हैं। कैंसल करने पर जुर्माना ड्राइवरों को अंतिम समय में राइड कैंसल करने से रोकने का काम कर सकता है। वहीं, राइडर्स को छूट मिलने के फैसले से एग्रिगेटर्स ड्राइवर्स पर नकेल कसने का काम करेंगे।
सिफारिशें अभी भी मसौदा रूप में हैं और उन्हें लागू करने से पहले सरकार द्वारा अनुमोदित करने की आवश्यकता होगी। हालांकि, वे कैब एग्रीगेटर्स द्वारा दी जाने वाली सर्विस की गुणवत्ता में सुधार की दिशा में एक सकारात्मक कदम हैं।