एविएशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को कहा कि आने वाले वर्षों में भारत को लगभग एक लाख ड्रोन पायलटों की जरूरत होगी। वर्तमान में केंद्र सरकार के 12 मंत्रालय ड्रोन सर्विसेज के लिए स्वदेशी डिमांग को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं। नीति आयोग के एक कार्यक्रम में सिंधिया ने कहा कि हम ड्रोन सेक्टर को आगे ले जा रहे हैं। आपने देखा ही है कि हम कितनी तेजी से नीतियों को लागू कर रहे हैं। मंत्री ने ‘पीएलआई (प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव) स्कीम का जिक्र करते हुए कहा कि इससे इस क्षेत्र को और आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।
सिंधिया ने कहा कि इस सेक्टर में स्वदेशी मांग पैदा करना जरूरी है। इसके लिए केंद्र सरकार के 12 मंत्रालय काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि 12वीं पास होकर ड्रोन पायलट को ट्रेनिंग ली जा सकती है। इसके लिए किसी कॉलेज डिग्री की जरूरत नहीं है। दो-तीन महीने की ट्रेनिंग के साथ व्यक्ति को लगभग 30,000 रुपये प्रति माह सैलरी पर ड्रोन पायलट के रूप में नौकरी मिल सकती है।
उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में हमें करीब एक लाख ड्रोन पायलटों की जरूरत है, इसलिए यह अवसर जबरदस्त है। सिंधिया ने पिछले साल कहा था कि इंडियन ड्रोन इंडस्ट्री का कारोबार साल 2026 तक कुल 15,000 करोड़ रुपये का होगा।
गौरतलब है कि देश में ड्रोन का इम्पोर्ट केंद्र सरकार ने बैन कर दिया है। सरकार देश में ड्रोन की लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना चाहती है और इसी वजह से यह फैसला किया गया है। हालांकि, ड्रोन के इम्पोर्ट के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। रिसर्च एंड डिवेलपमेंट (R&D), डिफेंस और सिक्योरिटी के उद्देश्यों के लिए ड्रोन का इम्पोर्ट किया जा सकेगा लेकिन इसके लिए जरूरी क्लीयरेंस लेनी होगी।
इस साल की शुरुआत में सिविल एविएशन मिनिस्ट्री की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया था कि ड्रोन के कंपोनेंट्स का इम्पोर्ट करने के लिए कोई स्वीकृति लेने की जरूरत नहीं होगी। कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिनिस्ट्री के तहत आने वाले डायरेक्टरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (DGFT) ने ड्रोन के इम्पोर्ट पर प्रतिबंध लगाने से जुड़ा एक नोटिफिकेशन जारी किया था। इसमें कहा गया था, "ड्रोन्स के CBU (कम्प्लीटली बिल्ट अप) / CKD (कम्प्लीटली नॉक्ड डाउन) / SKD (सेनी नॉक्ड डाउन) तौर पर इम्पोर्ट को प्रतिबंधित किया गया है। इसमें R&D, डिफेंस और सिक्योरिटी के उद्देश्यों के लिए किए जाने वाले इम्पोर्ट की अनुमति होगी।"
केंद्र या राज्य सरकारों के संगठनों या इनकी ओर से मान्यता प्राप्त शैक्षिक संस्थानों सरकार से मान्यता प्राप्त R&D संस्थानों और R&D के उद्देश्य के लिए ड्रोन मैन्युफैक्चरर्स को ड्रोन्स का इम्पोर्ट करने की अनुमति दी जाएगी। हालांकि, यह अनुमति DGFT की ओर से संबंधित मंत्रालयों के साथ विचार विमर्श करने के बाद दी जाएगी।