भारतीय ऑटोमोबाइल कंपनियां इलेक्ट्रिक व्हीकल सेगमेंट में जोर लगा रही हैं और टाटा मोटर्स जैसे ब्रैंड अपनी सेल को बढ़ाने की योजना लेकर चल रहे हैं। टाटा मोटर्स (Tata Motors) का लक्ष्य इस वित्तीय वर्ष में लगभग 50,000 इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) बेचने का है और 2023/24 की अवधि में सेल को दोगुना करना है। कंपनी के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने सोमवार को शेयरहोल्डर्स की मीटिंग में यह जानकारी दी। साल 2021/22 में टाटा मोटर्स ने 19,105 इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की सेल की, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 353 फीसदी ज्यादा है।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, चंद्रशेखरन ने यह भी कहा कि इस वित्तीय वर्ष में कंपनी की परफॉर्मेंस में सुधार की उम्मीद है क्योंकि सेमीकंडक्टर समेत ओवरऑल सप्लाई की स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है और कमोडिटी की कीमतें स्थिर हो रही हैं। उन्होंने कहा कि हम जोखिमों को कम करने और अनिश्चितताओं को मैनेज करने के लिए अपने कस्टमर्स और इकोसिस्टम पार्टनर्स के साथ काम करना जारी रखेंगे। उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2023 की दूसरी छमाही के साथ परफॉर्मेंस में सुधार होगा।
पिछले महीने टाटा मोटर्स ने बताया था कि उसे ब्लूस्मार्ट इलेक्ट्रिक मोबिलिटी से 10,000 XPRES-T EV यूनिट्स की सप्लाई का ऑर्डर मिला है। एक बयान में कंपनी ने कहा था कि 10,000 यूनिट्स का डिप्लॉयमेंट इसे भारत में अब तक का सबसे बड़ा EV फ्लीट ऑर्डर बनाता है। इनकी डिलिवरी जल्द शुरू होने की उम्मीद है।
गौरतलब है कि पिछले साल अक्टूबर में भी दोनों कंपनियों ने 3,500 XPRES-T EV ऑर्डर के लिए एक एग्रीमेंट पर साइन किए थे। इनका इस्तेमाल देशभर में यात्रियों द्वारा किया जाएगा। इलेक्ट्रिक व्हीकल के बढ़ते इस्तेमाल से भारत को उसके कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में मदद मिलेगी।
इलेक्ट्रिफिकेशन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जलवायु परिवर्तन और कार्बन कटौती के एजेंडे का बेस है। और इलेक्ट्रिक व्हीकल सेगमेंट को उस तरीके के तौर पर देखा जाता है जो देश के तेल आयात के खर्च को कम करेगा साथ ही प्रमुख शहरों में प्रदूषण कम करने में योगदान देगा।
भारत चाहता है कि साल 2030 तक देश में कुल पैसेंजर कारों की सेल में इलेक्ट्रिक मॉडल की हिस्सेदारी 30 प्रतिशत हो। यह आज लगभग 1 प्रतिशत है। इसी तरह 2030 तक टोटल टू व्हीलर्स की सेल में ई-स्कूटर और ई-बाइक की हिस्सेदारी को 80 फीसदी तक ले जाने का लक्ष्य है, जो अभी महज 2 फीसदी है।