इस सरकारी वेबसाइट से 50 लाख भारतीयों का आधार नंबर समेत निजी डेटा हुआ लीक

फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि डेटा सीधे तौर पर तमिलनाडु सरकार से जुड़ी वेबसाइट से हैक किया गया था या किसी थर्ड पार्टी वेंडर से।

इस सरकारी वेबसाइट से 50 लाख भारतीयों का आधार नंबर समेत निजी डेटा हुआ लीक

लीक हुए डेटा में आधार नंबर समेत कई अन्य निजी जानकारी शामिल हैं

ख़ास बातें
  • Tamil Nadu के PDS सिस्टम से कथित तौर पर लगभग 50 लाख लोगों का डेटा चोरी
  • चोरी हुए डेटाबेस में यूज़र्स के आधार नंबर समेत कई निजी जानकारियां शामिल
  • साइबर-सिक्योरिटी स्टार्टअप TechniSanct ने लगाया इस डेटा ब्रीच का पता
विज्ञापन
बेंगलुरु स्थित साइबर-सिक्योरिटी फर्म TechniSanct के अनुसार, तमिलनाडु (Tamil Nadu) की पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम (PDS) के डेटा में सेंध लगाई गई थी और लगभग 50 लाख यूज़र्स की निजी जानकारी वाले डेटाबेस को हैकर फोरम पर अपलोड भी किया गया था। लीक हुए डेटा में यूज़र्स के आधार नंबर के साथ-साथ लाभार्थियों की संवेदनशील जानकारी, जैसे उनके परिवार की जानकारी और मोबाइल नंबर भी शामिल थे। हैकर्स लीक हुए डेटा का इस्तेमाल फिशिंग अटैक के लिए कर सकते हैं और राज्य में बुजुर्गों सहित आसानी से झांसे में आने वाले लोगों को निशाना बना सकते हैं। हालांकि, राज्य सरकार ने अभी तक सार्वजनिक रूप से इस ब्रीच की पुष्टि नहीं की है।

साइबर-सिक्योरिटी स्टार्टअप के अनुसार, वेब पर जो डेटा लीक हुआ था, उसमें तमिलनाडु के कुल 49,19,668 लोगों की जानकारी शामिल थी। इसमें 3,59,485 फोन नंबरों के साथ-साथ प्रभावित यूज़र्स के पोस्टल एड्रेस और आधार नंबर शामिल थे। Gadgets 360 द्वारा जांचे गए लीक डेटाबेस में 'मक्कल नंबर' भी शामिल हैं, जिसे राज्य सरकार ने नवजात शिशुओं सहित सभी नागरिकों का रिकॉर्ड रखने के लिए शुरू किया था।

इसके अलावा, लीक डेटा में लाभार्थियों के परिवार के सदस्यों और उन लोगों के साथ उनके संबंधों की जानकारी भी शामिल थी। इस मामले की रिपोर्ट सबसे पहले The Week ने प्रकाशित की थी।

फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि डेटा सीधे तौर पर तमिलनाडु सरकार से जुड़ी वेबसाइट से हैक किया गया था या किसी थर्ड पार्टी वेंडर से। हालांकि, डेटाबेस से पता चलता है कि यह कुल डेटाबेस का काफी छोटा हिस्सा प्रतती होता है, क्योंकि तमिलनाडु सिविल सप्लाईज़ एंड कंज़्यूमर प्रोटेक्शन डिपार्टमेंट की साइट पर मौजूद डैशबोर्ड के अनुसार, PDS सिस्टम के लिए 6.8 करोड़ से अधिक रजिस्टर्ड लाभार्थी हैं।

TechniSanct के सीईओ नंदाकिशोर हरिकुमार (Nandakishore Harikumar) ने Gadgets 360 को बताया है कि इस लीक हुए डेटा को 28 जून को अपलोड किया गया और उसी दिन इसका पता भी चला, लेकिन लगभग एक घंटे बाद इसे हटा दिया गया था।

TecniSanct ने यह भी पाया कि तमिलनाडु सिविल सप्लाईज़ एंड कंज़्यूमर प्रोटेक्शन डिपार्टमेंट (tnpds.gov.in) की वेबसाइट पर एक हमला हुआ था, जिसे साइबर क्रिमिनल ग्रुप "1945VN" द्वारा अंजाम दिया गया था। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि उस हमले और इस लेटेस्ट ब्रीच के बीच कोई संबंध है या नहीं।
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. एलियंस होते हैं? जल्द लगेगा पता! भारत और जापान मिलकर बना रहे 30 मीटर बड़ा टेलीस्कोप
  2. WhatsApp पर फोटो से कैसे खोजें प्रोडक्ट, जानें स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस
  3. 1 करोड़ 17 लाख में ऑनलाइन बिका HR88B8888 नंबर, बना भारत का सबसे महंगा कार रजिस्ट्रेशन नंबर
  4. बिना इंटरनेट Google Maps कैसे करें उपयोग, ये है पूरा तरीका
  5. Solar Eclipse: सदी के सबसे बड़े सूर्य ग्रहण की कर लें तैयारी! दिन में होगी काली रात, जानें खास बातें
  6. iQOO 15 vs Realme GT 8 Pro vs Oppo Find X9: कौन सा फ्लैगशिप आपके लिए रहेगा बेहतर?
  7. ₹10 हजार से ज्यादा सस्ता मिल रहा iPhone 16e, यहां से खरीदने पर होगा जबरदस्त फायदा
  8. ऑनलाइन गेमिंग ऐप्स का आतंकवादियों को फंडिंग, मनी लॉन्ड्रिंग से लिंक, सरकार ने दी सुप्रीम कोर्ट को जानकारी
  9. क्रिप्टो मार्केट के लिए भारी पड़ा नवंबर, Bitcoin में 20 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट
  10. भारत के PC मार्केट ने बनाया रिकॉर्ड, जुलाई-सितंबर में 49 लाख यूनिट्स की बिक्री
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »