भारत में सैटेलाइट इंटरनेट की कीमत होगी 840 रुपये से भी कम? Airtel, Jio की बढ़ेगी टेंशन!

Starlink एलन मस्क की SpaceX द्वारा शुरू की गई सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस है।

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Written by नितेश पपनोई, अपडेटेड: 26 मई 2025 10:51 IST
ख़ास बातें
  • Starlink की इंटरनेट सर्विस 840 रुपये प्रति माह से शुरू हो सकती है
  • Starlink एलन मस्क की SpaceX द्वारा शुरू की गई सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस है
  • यह प्राइसिंग "प्रमोशनल" होगी, यानी शुरुआती कुछ महीनों के लिए रखी जाएगी

Photo Credit: Reuters

भारत में सैटेलाइट इंटरनेट को लेकर बड़ी अपडेट सामने आई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, जल्द ही देश में लॉन्च होने वाली Starlink की सैटेलाइट इंटरनेट सेवा अपने अनलिमिटेड डेटा प्लान्स की शुरुआती कीमत 10 डॉलर (करीब 840 रुपये) प्रति माह से भी कम रख सकती है। यानी ग्रामीण और रिमोट इलाकों में जहां अब तक इंटरनेट पहुंचना मुश्किल था, वहां भी हाई-स्पीड कनेक्टिविटी 1,000 रुपये से कम में उपलब्ध हो सकती है। यह कीमत कथित तौर पर शुरुआती यूजर्स को आकर्षित करने के लिए तय की गई है, ताकि कंपनियां 1 करोड़ से ज्यादा सब्सक्राइबर बेस बना सकें।

ET की रिपोर्ट में बताया गया है कि Starlink की इंटरनेट सर्विस 840 रुपये प्रति माह से शुरू हो सकती है। Starlink एलन मस्क की SpaceX द्वारा शुरू की गई सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि यह प्राइसिंग "प्रमोशनल" होगी, यानी शुरुआती कुछ महीनों के लिए रखी जा सकती है, जिसके बाद इसमें बदलाव संभव है। फिलहाल भारत में Starlink, OneWeb और Amazon की Kuiper जैसी कंपनियां सैटेलाइट इंटरनेट लॉन्च करने की तैयारी में हैं। इनमें से कुछ का फोकस डायरेक्ट-टू-होम कनेक्टिविटी पर है, जबकि कुछ सर्विस प्रोवाइडर्स के साथ पार्टनरशिप मॉडल में काम कर सकती हैं।

हालांकि इंटरनेट प्लान्स सस्ते हो सकते हैं, लेकिन यूजर को एक बार की हार्डवेयर कॉस्ट जरूर देनी होगी। Starlink का टर्मिनल और डिश सेटअप इंटरनेशनल मार्केट में $250 से $380 (लगभग 20,000-30,000 रुपये) में आता है। यह कॉस्ट भारत में कितना रहेगी, इस पर अभी कोई ऑफिशियल जानकारी नहीं है, लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसे सब्सिडी या EMI मॉडल के जरिए आसान बनाया जा सकता है।

वहीं TRAI (टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया) ने Satcom स्पेक्ट्रम को लेकर भी पॉलिसी ड्राफ्ट की है। इसके मुताबिक, स्पेक्ट्रम चार्जेज ऑपरेटर के AGR (एडजस्टिड ग्रॉस रिवेन्यू) के 4% पर फिक्स किए जा सकते हैं और यह 5 साल तक वैलिड रहेंगे। इससे सैटेलाइट कंपनियों को लाइसेंसिंग में क्लैरिटी और कॉस्ट बैलेंस करने में मदद मिलेगी।

सैटेलाइट इंटरनेट का असली टारगेट रूरल इंडिया है, जहां अभी तक फाइबर या मोबाइल नेटवर्क नहीं पहुंच पाया है। ऐसे में अगर 840 रुपये जैसी कीमत पर अनलिमिटेड हाई-स्पीड कनेक्टिविटी मिलती है, तो यह गेम-चेंजर साबित हो सकता है।
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