कारों में सेफ्टी के लिहाज से एयरबैग्स का होना बहुत जरूरी है। सरकार ने कार निर्माता कंपनियों को कार में 6 एयरबैग लगाने के निर्देश दिए हैं। लेकिन भारत में हर महीने बिकने वाली 17% कारों में ही 6 एयरबैग लगे हैं। राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में सड़क एवं परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने यह बात कही है। इसमें कहा गया है कि भारत में बिकने वाली 3 लाख 27 हजार 730 पैसेंजर कारों में से केवल 55,264 यूनिट्स में 6 एयरबैग्स लगे हैं। यह कुल बेची गई कारों का मात्र 17% है।
सड़क एवं परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय की ओर नितिन गडकरी ने राज्यसभा में एक
प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि भारत में केवल 17% कारों में ही 6 एयरबैग लगे हैं। मंत्रालय की ओर से
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मेन्युफैक्चरर्स (SIAM) के आंकड़ों का हवाला दिया गया है। जिसके मुताबिक 3 लाख 27 हजार 730 पैसेंजर कारों में से केवल 55,264 यूनिट्स में 6 एयरबैग्स लगे हैं। साथ में कहा गया है कि देश की एयरबैग उत्पादन की क्षमता 2.27 करोड़ है जिसके अगले साल बढ़कर 3.72 करोड़ होने का अनुमान है।
मंत्रालय की ओर से से कार निर्माताओं को पैसेंजर कारों में 6 एयरबैग देने के निर्देश दिए गए हैँ। इसमें कहा गया है कि M1 कैटिगरी, यानि पैसेंजर कारों में 1 अक्टूबर 2023 से 6 एयरबैग देना अनिवार्य हो जाएगा। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कुछ दिनों पहले ही ट्वीट के माध्यम से इस बारे में जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था कि मोटर व्हीकल में यात्रा करने वाले यात्रियों की सुरक्षा सबसे पहले है। इसमें लागत और वेरिएंट की परवाह नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने कहा था कि कुछ कंपनियां इसका विरोध कर रही हैं लेकिन लोगों की जान बचाना पहली प्राथमिकता है और इसके लिए स्टेकहोल्डर्स के सहयोग की जरूरत है।
राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि 4 एयरबैग की अनुमानित कॉस्ट 6 हजार रुपये के लगभग है। मंत्रालय की ओर से ये भी कहा गया है कि प्रोडक्शन से जुड़े इन्सेंटिव की स्कीम भी ऑटोमोबाइल्स के लिए दी गई है जिसमें एयरबैग एप्लीकेशन जैसे इन्फ्लेटर, एयरबैग इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट और एयरबैग्स के सेंसर आदि के लिए इंसेंटिव दिया जाता है। केंद्र सरकार का 6 एयरबैग अनिवार्य करने का फैसला ऑटोमोबाइल पर अतिरिक्त बोझ डालेगा, खासकर इकोनॉमिक मॉडल्स में, क्योंकि कंपनियां अभी तक कोविड और चिप शॉर्टेज संकट से पूरी तरह बाहर नहीं आ पाई हैं। इसी के चलते भारत में कई ऑटोमोबाइल कंपनियां अपने व्हीकल्स की कीमत में अगले साल से बढ़ोत्तरी करने जा रही हैं जिनमें Tata Motors, Maruti Suzuki, Mercedes-Benz India जैसी कंपनियां पहले ही इसकी घोषणा कर चुकी हैं।
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