न्यू यॉर्क शहर और लंदन के बीच की दूरी साढ़े पांच हजार किलोमीटर से ज्यादा है। आमतौर पर यह सफर फ्लाइट के जरिए कई घंटों में पूरा होता है। पर क्या फ्यूचर में यह दूरी सिर्फ एक घंटे में तय हो जाएगी। दोनों शहरों को एक ट्रान्साटलांटिक सुरंग से जोड़ने का विचार है। हाल ही में एलन मस्क (Elon Musk) ने कहा कि उनकी कंपनी द बोरिंग कंपनी (The Boring Company) इस सुरंग को 20 अरब डॉलर में बना सकती है। वैसे यह कॉन्सेप्ट नया नहीं है। कई वर्षों से अटलांटिक महासागर के नीचे 4800 किलोमीटर से ज्यादा लंबी एक सुरंग बनाने की बात होती रही है। हालांकि इसे अव्यवहारिक माना जाता रहा है, क्योंकि ना सिर्फ खर्च ज्यादा आएगा, बल्कि तकनीकी तौर पर भी चुनौतियां सामने होंगी। अब मस्क के बयान और तकनीक में हो रही तरक्की ने इस विचार को फिर से चर्चाओं में ला दिया है।
टीओआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, ट्रान्साटलांटिक सुरंग के तहत अटलांटिक महासागर के नीचे एक सुरंग बनाने का विचार कई वर्षों से प्रस्तावित है। माना जाता है कि इस सुरंग में अमेरिका और यूके के बीच हाईस्पीड ट्रेन को चलाया जाएगा। मौजूदा वक्त में लंदन और न्यू यॉर्क का सफर फ्लाइट से 8 घंटे में पूरा होता है, जबकि ट्रान्साटलांटिक सुरंग की थ्योरी इस सफर को सिर्फ एक घंटे में खत्म कर देगी। ऐसा हुआ तो यह दुनिया के ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम के लिए एक क्रांतिकारी कदम होगा।
ट्रान्साटलांटिक सुरंग की लागत पिछले अनुमानों में 19.8 ट्रिलियन डॉलर आंकी गई है। इसकी तुलना फ्रांस और इंग्लैंड को जोड़ने वाली उस 38 किलोमीटर लंबी सुरंग से करें जो पानी के नीचे है, तो उसमें 12 अरब डॉलर की लागत आई थी और 12 साल में प्रोजेक्ट पूरा हुआ था। उस हिसाब से ट्रान्साटलांटिक सुरंग को बनाने में कई साल लग जाएंगे और खर्च की तो कल्पना भी नहीं की जा सकती!
लेकिन एलन मस्क कुछ और ही दावा कर रहे हैं। वह अपनी एक कंपनी, ‘द बोरिंग कंपनी' के जरिए ऐसे प्रोजेक्ट्स के लिए प्रस्ताव देते हैं, जो अनोखे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में मस्क ने दावा किया कि द बोरिंग कंपनी सिर्फ 20 अरब डॉलर में ट्रांसअटलांटिक सुरंग को पूरा कर सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, मस्क का यह आत्मविश्वास सुरंग निर्माण में आई तकनीकी प्रगति और हाइपरलूप कॉन्सेप्ट से आया हो सकता है।
हाइपरलूप तकनीक काफी चर्चाओं में है। इस तकनीक में कोई गाड़ी, वैक्यूम-सील सुरंगों से गुजरती है। थ्योरी है कि हाइपरलूप में चलने वाली ट्रेनें 4800 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड हासिल कर सकती हैं। ऐसा मुमकिन हुआ तो न्यू यॉर्क से लंदन की दूरी एक घंटे में पूरी हो जाएगी। हालांकि यह सिर्फ विचार है। इसमें आने वाली चुनौतियों को समझा जाना अभी बाकी है।