कारों की कम बिक्री के लिए सरकार के भारी टैक्स को जिम्मेदार मानती है Maruti Suzuki

इससे पहले अमेरिकी इलेक्ट्रिक कार कंपनी Tesla और Toyota Motor भी देश में व्हीकल्स पर टैक्स को कम करने की जरूरत बता चुके हैं

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Written by आकाश आनंद, अपडेटेड: 20 दिसंबर 2022 17:52 IST
ख़ास बातें
  • देश में केवल 7.5 प्रतिशत परिवारों के पास कार है
  • यह आंकड़ा चीन की तुलना में काफी कम है
  • Maruti Suzuki अगले वर्ष की शुरुआत से अपनी कारों के प्राइसेज बढ़ाएगी

अधिकतर नई कारों पर 28 प्रतिशत का GST लगता है

देश की सबसे बड़ी कार मेकर Maruti Suzuki का मानना है कि व्हीकल्स पर लगने वाले अधिक टैक्स के कारण अधिकतर लोगों की पहुंच से ये बाहर हो जाते हैं। इससे पहले अमेरिकी इलेक्ट्रिक कार कंपनी Tesla और Toyota Motor भी देश में व्हीकल्स पर टैक्स को कम करने की जरूरत बता चुके हैं। 

मारुति के चेयरमैन R C Bhargava ने कहा कि सरकार की नीतियां इस तरह की हैं जिससे कारों को लग्जरी प्रोडक्ट माना जाता है जिन पर भारी टैक्स लगता है। उनका कहना था कि इससे कारें बनाने वाली कंपनियों की ग्रोथ पिछले 12 वर्षों में 12 प्रतिशत से घटकर तीन प्रतिशत रह गई है। इसका बड़ा कारण सरकार की खराब नीतियां हैं। अधिकतर नई कारों पर 28 प्रतिशत का गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) लगता है। देश में केवल 7.5 प्रतिशत परिवारों के पास कार है। यह आंकड़ा चीन की तुलना में काफी कम है। चीन में शहरी परिवारों में लगभग आधे और ग्रामीण परिवारों में एक-चौथाई के पास कार है। 

Tesla के चीफ एग्जिक्यूटिव Elon Musk ने कहा था कि भारत में टैक्स अधिक होने के कारण कंपनी के लिए इलेक्ट्रिक कारों का इम्पोर्ट करना मुश्किल है। उन्होंने केंद्र सरकार से इम्पोर्ट किए जाने वाले इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर टैक्स को घटाने की मांग की थी। हालांकि, सरकार ने इससे इनकार कर दिया था। इसके अलावा देश की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री ने भी टेस्ला को टैक्स में छूट देने का विरोध किया था। इंडस्ट्री का कहना था कि इससे देश में कारों की मैन्युफैक्चरिंग पर असर पड़ेगा।

Maruti Suzuki अगले वर्ष की शुरुआत से अपनी कारों के प्राइसेज बढ़ाने की तैयारी कर रही है। कंपनी ने बताया कि इन्फ्लेशन और हाल के रेगुलेटरी नियमों से कॉस्ट बढ़ने के कारण उसे यह फैसला लेना पड़ा है। सितंबर तिमाही में कंपनी का नेट प्रॉफिट लगभग चार गुना बढ़कर 2,061 करोड़ रुपये से अधिक रहा था। कंपनी ने रेगुलेटरी फाइलिंग में बताया था, "इन्फ्लेशन और हाल के रेगुलेटरी नियमों के कारण कंपनी पर कॉस्ट बढ़ने का प्रेशर है। इस वजह से इसका कुछ भार प्राइस बढ़ाने के जरिए कम करना जरूरी हो गया है। कंपनी ने अगले वर्ष जनवरी से प्राइस में बढ़ोतरी करने की योजना बनाई है। यह कारों के मॉडल्स के अनुसार अलग होगी।" कुछ अन्य ऑटोमोबाइल कंपनियां भी अपनी कारों के प्राइसेज बढ़ाए हैं। टू-व्हीलर मेकर हीरो मोटोकॉर्प ने भी बाइक और स्कूटर के प्राइसेज बढ़ाने की घोषणा की है। 
 
 

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