ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का दूसरी तिमाही में पैसेंजर व्हीकल्स का एक्सपोर्ट लगभग दो प्रतिशत बढ़ा है। पैसेंजर व्हीकल्स के एक्सपोर्ट में 1.31 लाख यूनिट्स से अधिक के साथ Maruti Suzuki का पहला स्थान रहा। देश से जुलाई-सितंबर के दौरान पैसेंजर व्हीकल्स का कुल एक्सपोर्ट 1,60,590 यूनिट्स का था। पिछले वर्ष की समान अवधि में कंपनी ने 1,03,622 यूनिट्स का एक्सपोर्ट किया था।
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स के डेटा से पता चलता है कि पैसेंजर कारों की शिपमेंट्स में लगभग 5 प्रतिशत की कमी हुई है, जबकि यूटिलिटी व्हीकल्स की का एक्सपोर्ट 16 प्रतिशत बढ़ा है। दूसरी तिमाही में पैसेंजर कारों का एक्सपोर्ट लगभग 97,300 यूनिट्स और यूटिलिटी व्हीकल्स का 63,016 यूनिट्स रहा। Hyundai Motor का एक्सपोर्ट 11 प्रतिशत बढ़कर 74,072 यूनिट्स पर पहुंच गया। पिछले वर्ष की समान अवधि में कंपनी ने 66,994 यूनिट्स का एक्सपोर्ट किया था। Kia ने लगभग 44,564 यूनिट्स का
एक्सपोर्ट किया। पिछले वर्ष की दूसरी तिमाही में कंपनी का एक्सपोर्ट 23,213 यूनिट्स का था।
मारुति सुजुकी के लिए टॉप इंटरनेशनल मार्केट्स में लैटिन अमेरिका, आसियान और मिडल ईस्ट शामिल हैं। कंपनी की Dzire, Swift, S-Presso और Baleno जैसी कारों की विदेश में काफी डिमांड है। कंपनी का सितंबर में प्रोडक्शन दोगुने से अधिक बढ़ा है। कंपनी ने सितंबर में 1,77,468 यूनिट्स का प्रोडक्शन किया। यह आंकड़ा पिछले वर्ष के इसी महीने में 81,278 यूनिट्स का था। कंपनी ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स की कमी का प्रोडक्शन पर मामूली असर पड़ा है।
कंपनी का पिछले महीने पैसेंजर व्हीकल्स का कुल प्रोडक्शन 1,73,929 यूनिट्स रहा। यह पिछले वर्ष सितंबर में 77,782 यूनिट्स का था। पैसेंजर कारों का कुल प्रोडक्शन पिछले वर्ष सितंबर में 47,884 यूनिट्स से बढ़कर इस वर्ष की समान अवधि में 1,31,258 यूनिट्स पर पहुंच गया। यूटिलिटी व्हीकल्स का प्रोडक्शन 29,811 यूनिट्स का रहा। यह पिछले वर्ष की समान अवधि में 21,873 यूनिट्स था। मारुति सुजुकी के लाइट कमर्शियल व्हीकल Super Carry की 3,539 यूनिट्स का सितंबर में प्रोडक्शन हुआ। यह आंकड़ा पिछले वर्ष के इसी महीने में 3,496 यूनिट्स का था। पिछले वर्ष सितंबर में सप्लाई चेन से जुड़ी मुश्किलों के कारण
कंपनी का कुल प्रोडक्शन कम रहा था। कंपनी ने पिछले महीने नई Grand Vitara को लॉन्च किया है। यह कंपनी का फ्लैगशिप SUV है। मिड-साइज सेगमेंट में हाइब्रिड इंजन वाले व्हीकल्स के कम विकल्प होने से इसे अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है।