Layoffs.fyi के लेटेस्ट आंकड़े चौंकाने वाले हैं। इस साल अब तक 212 टेक कंपनियों से करीब 91,700 लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं, जबकि असल संख्या इससे कहीं ज्यादा हो सकती है।
Photo Credit: Pexels/ Mohamed Hassan
Meta ने हाल ही में अपने AI-सेंट्रिक डिविजन से लगभग 600 कर्मचारियों की छंटनी की है
2025 टेक इंडस्ट्री के लिए एक और मुश्किल साल बन चुका है। इस साल अब तक दुनिया की कई बड़ी टेक कंपनियां अपने वर्कफोर्स को फिर से री-स्ट्रक्चर कर रही हैं और इसका सबसे बड़ा असर कर्मचारियों की नौकरियों पर पड़ रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और ऑटोमेशन के बढ़ते दायरे में कंपनियां अब “कम लोगों में ज्यादा काम” की पॉलिसी अपना रही हैं। Amazon, Meta, TCS समेत कई बड़ी टेक कंपनियों ने 2025 में अब तक लाखों लोगों को नौकरी से निकाला है। हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि Amazon आने वाले वर्षों में 5 लाख से ज्यादा कर्मचारियों को भर्तियों को रोकते हुए Robots को कंपनी में जगह देने पर विचार कर रहा है।
Layoffs.fyi के लेटेस्ट आंकड़े चौंकाने वाले हैं। इस साल अब तक 212 टेक कंपनियों से करीब 91,700 लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं, जबकि असल संख्या इससे कहीं ज्यादा हो सकती है क्योंकि कई कंपनियां अपनी छंटनी का आधिकारिक डेटा जारी नहीं करतीं। चलिए आपको विस्तार से बताते हैं।
Meta ने हाल ही में अपने AI-सेंट्रिक डिविजन से लगभग 600 कर्मचारियों की छंटनी की है। कंपनी के CEO मार्क जुकरबर्ग ने इसे ऑपरेशनल स्ट्रक्चर को और “फ्लैटर और फास्ट” बनाने की रणनीति बताया है। यह कदम Meta के अप्रैल 2025 में हुए 3,000 से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी के बाद आया है।
Amazon भी अपने बिजनेस मॉडल को तेजी से ऑटोमेशन और AI की ओर शिफ्ट कर रही है। कंपनी ने रोबोटिक्स और जेनरेटिव AI में भारी निवेश शुरू कर दिया है, जिससे आने वाले सालों में हजारों नौकरियों पर असर पड़ सकता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, फिलहाल Amazon ने अपने HR डिविजन से लगभग 15% स्टाफ को कम करने की योजना बनाई है। इस कटौती का असर People eXperience and Technology (PXT) टीम और कंज्यूमर ऑपरेशंस के कुछ हिस्सों पर पड़ेगा। आने वाले समय में कंपनी 5 लाख से ज्यादा भर्तियों को बंद कर Robots को इंट्रोड्यूस करने की प्लानिंग कर रही है। आलोचनाओं से बचने के लिए भी तैयारी की जा चुकी है।
अब इसका असर भारतीय IT सेक्टर में भी दिख रहा है। Tata Consultancy Services (TCS) ने कथित तौर पर 20,000 लोगों की छंटनी की है, क्योंकि कंपनी अब “AI-फर्स्ट ऑपरेशनल मॉडल” पर काम कर रही है। हालांकि कंपनी का कहना है कि यह कोई फिक्स्ड टारगेट नहीं बल्कि “कॉन्टिन्यूअस और स्किल-बेस्ड” री-स्ट्रक्चरिंग है। यह बदलाव मुख्य रूप से मिड और सीनियर लेवल कर्मचारियों को प्रभावित कर रहे हैं, जहां क्लाइंट्स की नई जरूरतों और ऑटोमेशन के चलते रोल्स ओवरलैप होने लगे हैं। Infosys, Wipro और Tech Mahindra जैसी कंपनियां भी इस दिशा में कदम बढ़ा चुकी हैं और सामूहिक रूप से 10,000 से ज्यादा नौकरियों में कटौती कर चुकी हैं।
2025 में Microsoft ने भी कई बार छंटनी की, जिससे करीब 15,000 लोगों की नौकरियां गईं। वहीं Intel ने अपने ग्लोबल वर्कफोर्स से लगभग 25,000 रोल्स खत्म करने का ऐलान किया है ताकि कंपनी अगले जेनरेशन के चिप प्रोडक्शन पर फोकस कर सके। Salesforce ने करीब 4,000 कर्मचारियों को ऑटोमेशन एफिशिएंसी के नाम पर बाहर किया, जबकि Google ने अपने क्लाउड और डिजाइन टीम में टारगेटेड कट लगाए हैं।
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