दुनिया में इंटरनेट शटडाउन के लिहाज से भारत पहले स्थान पर है। इस लिस्ट में भारत लगातार पांचवें वर्ष टॉप पर रहा है। पिछले वर्ष दुनिया भर में हुए 187 इंटरनेट शटडाउन में से 84 भारत में हुए थे। देश में जम्मू और कश्मीर में सबसे अधिक 49 बार इंटरनेट को बंद किया गया था।
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रिपोर्ट में बताया गया है, "जम्मू और कश्मीर में अथॉरिटीज ने राजनीतिक अस्थिरता और हिंसा के कारण कम से कम 49 बार इंटरनेट बंद किया था।" लगभग चार वर्ष पहले भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने जम्मू और कश्मीर की ऑटोनॉमी रद्द कर इसे केंद्र की ओर से प्रशासित दो क्षेत्रों में बांट दिया था। इसके बाद से सुरक्षा से जुड़े कारणों के लिए जम्मू और कश्मीर में कम्युनिकेशन पर कई बार प्रतिबंध लगाए गए हैं। इसका कुछ संगठन विरोध भी करते रहे हैं और वे इसे विरोध को दबाने का तरीका बताते हैं।
जम्मू और कश्मीर में तीन दशक से अधिक तक आतंकवादी संगठनों ने हिंसा की है। भारत इसके लिए पाकिस्तान पर आरोप लगाया है। हालांकि, पाकिस्तान ने इससे इनकार किया है। पिछले वर्ष इंटरनेट शटडाउन में यूक्रेन दूसरे स्थान पर रहा। रूस के पिछले वर्ष 24 फरवरी को हमले के बाद से यूक्रेन में कम से कम 22 बार इंटरनेट बंद किया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है, "यूक्रेन पर रूस के हमले के दौरान रूस की सेना ने कम से कम 22 बार इंटरनेट एक्सेस को काटा है, सायबर हमले किए हैं और जानबूझ कर टेलीकम्युनिकेशन से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को नुकसान पहुंचाया गया है।"
पिछले वर्ष इंटरनेट शटडाउन में
ईरान तीसरे स्थान पर था। ईरान में सरकार के खिलाफ प्रदर्शनों पर नियंत्रण करने के लिए पिछले वर्ष 18 बार इंटरनेट बंद किया गया था। पिछले वर्ष 16 सितंबर को ईरान में Mahsa Amini की पुलिस हिरासत में मौत के बाद सरकार विरोधी प्रदर्शन शुरू हुए थे। महसा को ईरान की राजधानी तेहरान में पुलिस ने हिजाब से जुड़े नियमों के उल्लंघन के कारण गिरफ्तार किया था। ईरान में महिलाओं के लिए हिजाब पहनने के कड़े नियम हैं। महसा की पुलिस हिरासत में मौत से लोग भड़क गए थे। इसके बाद बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शन हुए थे।