दुनिया में भारत तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल मार्केट बन गया है। भारत ने जापान को पीछे छोड़कर यह उपलब्धि हासिल की है। जापान में 40.2 लाख नए व्हीकल्स की बिक्री हुई। भारत में पिछले वर्ष जनवरी से नवंबर के बीच व्हीकल्स की बिक्री 40.12 लाख से अधिक की रही। देश की सबसे बड़ी कार मेकर Maruti Suzuki की बिक्री जोड़ने पर कुल आंकड़ा 42.5 लाख व्हीकल्स से अधिक का हो गया।
Nikkei Asia की रिपोर्ट में बताया गया है कि चौथी तिमाही के लिए कमर्शियल व्हीकल्स की बिक्री का आंकड़ा मिलने के बाद देश में व्हीकल्स की बिक्री और बढ़ने का अनुमान है। इससे पिछले वर्ष में चीन लगभग 2.62 करोड़ व्हीकल्स की बिक्री के साथ पहले स्थान पर था। अमेरिका का 1.54 करोड़ व्हीकल्स के साथ दूसरा और जापान का 44.4 लाख व्हीकल्स के साथ तीसरा स्थान था। भारत में पिछले वर्ष हाइब्रिड सहित पेट्रोल और डीजल से चलने वाले व्हीकल्स की अधिक
बिक्री हुई। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की बिक्री बहुत कम है।
पिछले वर्ष सेमीकंडक्टर्स की सप्लाई में सुधार होने से ऑटोमोबाइल कंपनियों की सेल्स बढ़ी है। मारुति सुजुकी के अलावा टाटा मोटर्स और अन्य भारतीय ऑटोमोबाइल कंपनियों की बिक्री में तेजी आई है। हालांकि, मारुति का दिसंबर में प्रोडक्शन 17.96 प्रतिशत घटकर 1,24,722 यूनिट्स का रहा। इससे पिछले वर्ष के इसी महीने में यह 1,52,029 यूनिट्स का था।
कंपनी ने बताया है कि इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स की शॉर्टेज का पिछले महीने व्हीकल्स के प्रोडक्शन पर कुछ असर पड़ा है। कंपनी ने इस असर को कम करने के लिए उपाय किए हैं।
मारुति का मिनी कार और कॉम्पैक्ट कार सेगमेंट में प्रोडक्शन 21 प्रतिशत गिरकर 83,753 यूनिट्स का रहा। इससे पिछले वर्ष के इसी महीने में यह 1,06,090 यूनिट्स का था। इस सेगमेंट में Alto, S-Presso, Baleno, Celerio, Dzire, Ignis, Swift और WagonR जैसी कारें शामिल हैं। लाइट कमर्शियल व्हीकल Super Carry का प्रोडक्शन पिछले महीने 587 यूनिट्स का था। यह इससे पिछले वर्ष के समान महीने में 3,262 यूनिट्स था। कंपनी की दिसंबर में होलसेल सेल्स लगभग नौ प्रतिशत घटकर 1,39,347 यूनिट्स की रही। कंपनी ने इस महीने से इनवेंटरी का लेवल कम रखने की योजना बनाई है। मारुति का मानना है कि देश में व्हीकल्स पर लगने वाले अधिक टैक्स के कारण ये अधिकतर लोगों की पहुंच से ये बाहर हो जाते हैं।